देशभर में बीते कुछ दशकों के अंदर बागवानी फसलों यानी फल-सब्जियों की मांग में तेजी आई है। परिणाम स्वरूप किसानों का रूझान भी बागवानी की तरफ होने लगा है। इसी बीच बागवानी उत्पाद में वृद्धि एवं किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत ड्राई हॉर्टिकल्चर योजना का संचालन कर रही है। जिसके तहत कम खर्च में अधिक उपज और बंपर मुनाफा देने वाली बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी का लाभ दे रही है। बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर चलाई जा रही विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत बिहार राज्य सरकार किसानों को फल, फूल, मधुमक्खी पालन और विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए 75 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है। इसके अलावा राज्य में बागवानी फसलों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के लिए भी किसानों को प्रेरित करने के लिए करीब 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। बिहार बागवानी विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजनाओं के अंतर्गत संचालित विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत किसानों से आवदेन ऑनलाइन आमंत्रित किए हैं। किसान चाहे तो ऑनलाइन आवेदन से सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत संचालित विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत सब्सिडी का लाभ किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत शुष्क जमीन को उपजाऊ बनाकर एक साथ दो फसलों की खेती करने की कवायद शुरू कर दी है। योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, अनानास की खेती, खुले फूलों की खेती, मसालों की खेती, सुगंधित पौधों की खेती, पपीता की खेती, अनार की खेती, मीठा नींबू एवं नींबू के साथ हाइब्रिड सब्जियों की खेती के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। बागवानी फसलों से किसान कम भूमि में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। जिसमें फलों की खेती में किसान एक बार पौधा लगाकर कई वर्षों तक इससे आय प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार सरकार की तरफ से बागवानी फसलों की खेती पर लागत का 50 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत किसानों को अधिकतम 62 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। बिहार बागवानी विभाग ने योजना के तहत इसके लिए अलग-अलग सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। जिसमें फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त अनानास, गेंदा समेत खुले फूलों की खेती, मसाले की खेती और दूसरे सुगंधित पौधों की खेती एवं हाइब्रिड सब्जियों की खेती के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है। कम पानी में पैदा होने वाली यह फसलें किसानों की आर्थिक सेहत भी सुधारने का काम करेगी। इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम 4 हेक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर में इन फसलों की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत पपीते की खेती पर कम से कम एक हेक्टेयर खेत में पपीता की फसल लगाने पर 60,000 रुपये की लागत के आधार पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। जानकारी बता दें कि कम से कम प्रति हेक्टेयर खेत में पपीता के 2777 पौधे लगा सकते हैं, एक हेक्टेयर खेत पर पपीता लगाने पर 60,000 रुपए का खर्च आता है, जिसे आपको प्लाटिंग मैटेरियल, उर्वरक व प्लांट प्रोटक्शन रसायनों पर खर्च करना होगा।
इसी के अनुरूप अन्य सभी फसलों के लिए भी लागत निर्धारित की गई है, जबकि एक हेक्टेयर में पौधों की संख्या और पौधें लगाने की दूरी भी तय की गई है। जिसका पालन करने के बाद भी किसान योजना के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में अधिकतम जानकारी बिहार बागवानी विभाग से प्राप्त की जा सकती है।
बिहार बागवानी विभाग की योजनाओं के अनुसार राज्य में शहद उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को 75 से 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को मधुपालन के लिए बक्सा (मधुमक्खी के साथ), सब्जियों के रखने के लिए प्लास्टिक कैरेट और लेनो बैग भी दिया जाएगा। इसके लिए भी आवेदन लिये जा रहे हैं। सामान्य किसानों को 75 प्रतिशत और एससी-एसटी किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उद्यान निदेशालय के माध्यम किसानों को अनुदान मिलता है। प्रति हनी बॉक्स व हनी छत्ता की कीमत 4 हजार है। इसमें सामान्य किसानों को 3 हजार अनुदान मिलता है। जबकि एससी-एसटी के किसानों को 3600 प्रति बॉक्स अनुदान मिलता है। जबकि, 400 रुपए प्लास्टिक कैरेट तो 20 रुपए लेनो बैग की कीमत तय की गयी है।
एलपीसी या जमीन का कैरेंट रसीद
पहचान पत्र या आधार कार्ड
बैंक पासबुक की फोटो कॉपी
किसान निबंधन संख्या
लीज का एग्रीमेंट पेपर
बिहार राज्य में बागवानी और इससे संबंधी कार्यों पर सब्सिडी योजना के लिए आवदेन प्रक्रिया अभी जारी है। इच्छुक किसान चाहें तो बिहार बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जा कर सब्सिडी के लिए अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी जिले में सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क करके भी अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।
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