फसल ऋण (Crop Loan) : किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और 2022-23 तक उनकी आय दोगुनी करने के लिए राजस्थान सरकार कई बड़े दावं चल रहा है। राजस्थान सरकार द्वारा किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि अब सरकार ने ब्याज मुक्त कृषि ऋण देने की योजना बनाई है, ताकि किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिना ब्याज के फसल ऋण मिल सके और उन्हें ब्याज के बोझ तले न दबना पड़े। इसके लिए राजस्थान सरकार ने राज्य में लगभग 3.71 लाख नए किसानों को बिना ब्याज के कृषि लोन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बताया जा रहा है कि राजस्थान सरकार बिना ब्याज के कृषि लोन योजना में मार्च 2023 तक 3.71 लाख नए ग्रामीण किसान परिवारों को शामिल करने की योजना है। इसके लिए राज्य सरकार ने मंजूरी भी दे दी है। किसानों को वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक द्वारा इस वित्तीय वर्ष में दिए गए लक्ष्य के अनुसार किसान परिवारों जोड़ा जा रहा है। वहीं, ब्याज मुक्त ऋण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं। ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से हम आपको बिना ब्याज के कृषि लोन (राजस्थान) की जानकारी देने जा रहे है। सभी जानकारी जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
बताया जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर जानकारी दी और कहा कि हमारी सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रहीं है। किसानों को बिना किसी परेशानी के समय पर कृषि लोन मिल सके। इसके लिए हमारी सरकार किसानों को वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंकों से वित्तीय सहायता बिना ब्याज के दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 25 नवंबर तक 26.92 लाख किसानों का 12,811 करोड़ रुपए के ब्याज से मुक्त कर दिया गया। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 1.29 लाख नए किसानों को इस योजना से जोड़ा है। इन नए किसानों को सरकार 233 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली कर्ज का लाभ दिया जा चुका है। अब हमारी सरकार ने मार्च 2023 तक लक्ष्य रखा है कि राज्य के 3.17 लाख नए किसानों को ब्याज मुक्त फसल लोन की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए हमारी सरकार किसानों को सहकारी बैंकों से जोड़ने का कार्य भी कर रही है।
मुख्यमंत्री आशोक गहलोत द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। सरकार किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर, सब्सिडी व ब्याज मुक्त के साथ फसल ऋण उपलब्ध करवा रही है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान सहकारिता की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा ने अपेक्स बैंक हॉल में सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योग्य किसानों को कृषि और मध्यम अवधि का फसल लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। किसानों को बिना परेशानी के आसानी से कृषि लोन उपलब्ध करवाने के लिए नाबार्ड कार्यक्रमों को भी चलाने की सरकार योजना बना रही है। बताया गया कि पिछले वर्ष सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों को 16 हजार 181 करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरित किया था। इसके लिए सरकार ने 18,500 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित करने का टारगेट तय किया था। सरकार ने टारगेट के आसपास पैसा बांट भी दिया है।
अधिकारियों की मानें तो इस बैठक के दौरान राजस्थान सहकारिता की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा का कहना है कि राजस्थान सरकार किसानों को एग्री बिजनेस मॉडल से जोड़ने की रणनीती बना रही है। जिसके लिए सरकार कई बड़े कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एग्री क्लिनिक-एग्री बिजनेस सेंटर योजना से राज्य के किसान भी लाभांवित होकर एग्री स्टार्टअप या एग्री बिजनेस शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए नबार्ड तथा अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन भी दिया जा रहा है। बता दें कि कृषि से जुड़े बिजनेस करने के लिए नाबार्ड और अन्य वित्तीय संस्थान किसानों को सस्ती दरों पर लोन भी देते है। सहकारिता सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि एग्री क्लिनिक-एग्री बिजनेस सेंटर योजना के माध्यम से किसानों को पहले 45 दिनों की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रैनिंग कृषि लोन या आर्थिक सहायता मिलने से पहले ही सरकार की तरफ से लाभार्थी किसानों को दी जाएगी।
सहकारिता की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले तक किसानों को सहकारी बैंकों से सिर्फ कृषि आधारित कामों के लिए लोन मिलता था। लेकिन अब राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 में लोकहित में संशोधन करते हुए प्रावधान शामिल किए हैं। जिसके तहत अब कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए वर्ष 2023-24 तक अनुदान दिया जाएगा। एग्री बिजनेस यानी कृषि से जुड़ा कोई भी व्यवसाय करने के लिए नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट की ओर से 20-25 लाख रुपये तक का लोन मुहैया करवाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली प्रथम 100 मिलेट्स प्रसंस्करण इकाईयों को पात्र परियोजना लागत का करीब 50 प्रतिशत अधिकतम 40 लाख रूपये प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा।
Ans.राजस्थान सरकार द्वारा एक योजना चलाई जा रही है जो फसल ऋण योजना है। इसके अंतर्गत केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक भूमि विकास बैंकों के माध्यम से कृषि एवं अकृषि ऋण काश्तकारों एवं किसानों को बिना सस्ती ब्याज दरो, सब्सिडी एवं बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
Ans. प्रदेश के सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को अल्पावधि के जो ऋण दिया जाता है उसे फसल ऋण या अल्पावधि ऋण भी कहा जाता हैं। इससे छोटी अवधि का का लोन भी कहते है। यह लोन जुताई, बुवाई, निराई, प्रत्यारोपण, बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों आदि के लिए दिया जाता है।
Ans. केंद्रीय सहकारिता बैंकों द्वारा वितरित होने वाला ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण खरीफ सीजन में 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक दिया जाता है तथा रबी सीजन में 1 सितंबर से 31 मार्च तक किसानों को वितरित किया जाता है।
Ans. यदि आप प्रदेश के केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक भूमि विकास बैंक के सदस्य है, तो आप खेत में पैदावार बढ़ाने के सरकारी ब्याज मुक्त ऋण का विकल्प चुन सकते हैं।
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