केंद्र व राज्य सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों को रबी व खरीफ सीजन में अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराती है। किसान अल्पकालीन फसली ऋण से अपनी खेती की छोटी-बड़ी सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। किसानों को फसली ऋण बीज, कीटनाशक, खाद, औजार आदि आदानों को खरीदने के लिए उपलब्ध कराया है। अल्पकालीन फसली ऋण विशेषकर छोटे किसानों को प्रदान किया जाता है जिनके पास कम खेती योग्य भूमि होती है। साथ ही फसली ऋण पर ब्याज की दर न्यूनतम रहती है। अगर किसान फसली ऋण को समय पर चुकाते हैं तो उन्हें ब्याज दर में सब्सिडी भी सरकार की ओर से मिलती है। खरीफ फसलों की बुवाई के समय अल्पकालीन फसली ऋण पर ताजा अपडेट सामने आया है। राज्य सरकार ने इस बार ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण किया है। यानी किसानों को फसली ऋण (Crop Loan) पर कोई ब्याज नहीं चुकाना होगा। अगर आप भी किसान है और अल्पकालीन फसली ऋण का लाभ उठाना चाहते हैं तो ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
छत्तीसगढ़ के किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण (Crop loan) का वित रण किया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों के बीच 7300 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के विरूद्ध राज्य सरकार ने अब तक 11.74 लाख किसानों को 5250 करोड़ रुपए का अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया है। यह कृषि ऋण 2058 राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से वितरित किया गया है। अब तक कुल लक्ष्य का 72 प्रतिशत लोन वितरण किया जा चुका है। किसानों को उनकी मांग और रकबे के अनुसार अल्पकालीन फसली ऋण प्रदान किया जा रहा है। यहां आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले साल आज की स्थिति में 5 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण किया था जबकि इस साल 5250 करोड़ रुपए का किया है जो पिछले साल के मुकाबले 250 करोड़ रुपए ज्यादा है।
सरकार ब्याज अनुदान देकर फसली ऋण धारक किसानों को राहत पहुंचाती है। दे श में किसानों को केसीसी (Kisan Credit Card) के माध्यम से बैंक लोन उपलब्ध कराया जाता है। केसीसी लोन (kcc loan) की ब्याज दर सबसे कम होती है जो 7 प्रतिशत है। अगर किसान केसीसी लोन का समय पर भुगतान करता है तो उसे 3 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है। ऐसे में किसानों को यह लोन मात्र 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलता है। वर्त मान में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों को ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध करा रही है। यह लोन सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों के माध्यम से किसान को प्रदान किया जा रहा है। किसान इस लोन का फायदा उठाकर खेती की उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने ब्याजमुक्त कृषि लोन (Agriculture loan) के लिए इस साल 8500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। लोन की इस राशि पर सरकार की ओर से 317 करोड़ रुपए का ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार यह लोन राज्य के किसानों के लिए ब्याज मुक्त फसली ऋण (Crop loan) है। राज्य सरकार की इस पहल से किसानों को प्रारंभिक जरूरतों के लिए न सिर्फ राहत मिली है, बल्कि फसलों के उत्पाद में लगातार वृद्धि हो रही है।
छत्तीसगढ़ के किसान खरीफ फसलों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण का लाभ 30 सितंबर तक उठा सकते हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर की वेबसाइट के अनुसार अल्पकालीन लोन की समयावधि इस प्रकार है :
खरीफ के लिए | 1 अप्रेल से 30 सितम्बर तक |
रबी के लिए | 1 अक्टूबर से 15 मार्च तक |
गन्ना हेतु | 1 नवम्बर से 15 मार्च तक |
केला हेतु | 1 जुलाई से 30 नवम्बर तक अथवा |
पपीता हेतु | 15 जून से 31 जुलाई अथवा 1अक्टूबर से 30 नवम्बर अथवा 1 फरवरी स 31 मार्च तक |
अगर किसान समय पर अल्पकालीन फसली ऋण (Crop loan) नहीं चुकाता है तो उसे ब्याज मुक्ति का लाभ नहीं मिलेगा। राज्य शासन की ओर से स्वीकृत ब्याज राहत योजना के अंतर्गत समितियों के माध्यम से बैंक द्वारा कृषकों को 0% ब्याज दर पर अल्प अवधि कृषि ऋण स्वीकृत किया जाता है | इसके अंतर्गत 5 लाख रुपए तक की अधिकतम सीमा तक कृषकों को 0 प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि ऋण उपलब्ध करवाया जाता है जिसमें रुपए केसीसी (kisan credit card) के माध्यम से 3.00 लाख रुपए तक नगद तथा 2.00 लाख रुपये तक खाद एवं बीज हेतु वस्तु ऋण के रूप में स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। यदि किसान समय पर ऋण अदायगी नहीं करते हैं तो उन्हें शासन से ब्याज अनुदान की पात्रता नहीं होगी तथा ऐसे कृषकों से शून्य प्रतिशत ब्याज दर के स्थान पर निर्धारित ब्याज के साथ-साथ दंड ब्याज भी वसूला जाएगा |
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