Animal Husbandry: पशुपालकों को देव ऋण योजना के तहत 1.60 लाख रुपए का लोन

पोस्ट -20 अक्टूबर 2024 शेयर पोस्ट

पशुपालन के लिए देव ऋण योजना: पशुपालकों को मिलेगा 1.60 लाख रुपए तक का ऋण

Rajasthan Agriculture News : पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं काे प्रारंभ किया जा रहा है, जिनके माध्यम से सरकार गाय-भैंस पालने वाले व्यक्तिगत किसान एवं डेयरी संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने “देव ऋण योजना” (Dev Loan Yojana) चलाई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के लिए पशु पालकों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। देव ऋण योजना को लागू करने पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य में गाय-भैंस का पालन करने वाले पशुपालकों को सशक्त बनाना है। बालोतरा जिला प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत ने पशुपालकों के लिए संचालित “देव ऋण योजना” के “लोगो” का उद्घाटन किया है।

उपलब्ध हो सकेंगे रोजगार के नए अवसर (New employment opportunities will become available)

बालोतरा जिला प्रभारी मंत्री एवं पशुपालन, डेयरी, देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने जिले में पशुपालकों के लिए संचालित “देव ऋण योजना” (Dev Loan Scheme) के “लोगो” का अनावरण किया। इस  मौके पर उन्होंने कहा कि देव ऋण योजना (Dev rin yojana) से पशुपालक सशक्त बनेंगे। इस योजना में गाय-भैंस पालकों को मिलने वाले ऋण से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इस दौरान उन्होंने देव ऋण योजना के “लोगो” का विमोचन कर लाभार्थियों से संवाद किया।

1.60 लाख रुपए की आर्थिक सहायता (Financial assistance of Rs 1.60 lakh)

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि देव ऋण योजना के पहले चरण में बालोतरा जिले में पशुपालकों की स्थिति में सुधार होगा। इस योजना के तहत ऐसे 3011 पशुपालक परिवारों को लोन से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनके पास 50 या इससे अधिक पशु हैं। जिले में नवाचार के तहत 50 या इससे अधिक पशु रखने वाले परिवारों को 'देव ऋण योजना' के अंतर्गत 1 लाख 60 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। 

देव ऋण योजना का उद्देश्य (Objective of Dev Loan Scheme)

उन्होंने कहा कि देव ऋण योजना का उद्देश्य गरीब, विशेष पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक पशुपालकों को प्राथमिकता के साथ उनकी जीवन शैली में सुधार, आत्मविश्वास जागृत करने और आर्थिक स्वावलम्बन प्रदान करने के साथ बैंकों के प्रति रुझान पैदा करना है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। 

देव ऋण योजना से पशुपालकों को लाभ (Livestock farmers benefit from Dev Loan Scheme)

जिला प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस देव ऋण योजना के तहत चिन्हित पशुपालक परिवारों को 1,60,000 रुपए प्रति परिवार एक मुश्त ऋण स्वीकृत कर दिलाया जाएगा। स्वीकृत ऋण पर 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर देय होगी। योजना के तहत चिन्हित परिवारों को भूमि रहन/ गिरवी नहीं रखनी पड़ेगी मतलब बिना भूमि रहन/गिरवी रखे लोन स्वीकृत किया जाएगा। पशुओं का बीमा भी नहीं करवाना है तथा पशुओं के टेग भी नहीं लगवाना है। सर्वे अन्तर्गत चिन्हित परिवार जो वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण प्राप्त कर रहे हैं, वह पशुपालक परिवार भी इस ऋण योजना का लाभ उठा सकते हैं।

डेयरी किसानों को 92.11 करोड़ रुपए का अनुदान (Grant of Rs 92.11 crore to dairy farmers)

इससे पहले पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने शासन सचिवालय में डेयरी किसानों को दीपावली की सौगात देते हुए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में अनुदान राशि जारी की। उन्होंने इस योजना के तहत 92.41 करोड़ रुपए की अनुदान राशि लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे ही डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किए। इससे प्रदेश के लगभग 3.25 लाख पशुपालक परिवार लाभान्वित हुए। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का भुगतान आरसीडीएफ द्वारा किया जाता है। वहीं, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना के तहत 5 रुपए प्रति लीटर का अनुदान भी दुग्ध उत्पादकों को दिया जा रहा है। इससे दुग्ध उत्पादक परिवारों को दुगुना लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा, इस योजना से दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि हुई है, जिससे दुग्ध उत्पादक किसान पशुधन का अच्छे से पालन-पोषण कर रहे हैं। इस वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के लिए 600 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया।

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