इस साल मानसूनी अनिश्चितताओं के कारण देश के विभिन्न राज्यों में बारिश का कहर देखने को मिला। देश के विभिन्न हिस्सों में मानसूनी बारशि ने आम जन के साथ कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित किया। जिनमें असम, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बाढ़ की वजह से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात ओडिशा में बारिश की वजह से खेती में किसानों को भारी नुकसान भी हुआ। किसानों के खेत बाढ़ के पानी में डूब चुके थे, किसानों की हजारों एकड़ की फसलें नष्ट हो गई थी । ऐसे में कई किसानों के सामने जीवनयापन का संकट आ गया। ऐसे में देश की विभिन्न राज्य सरकारों ने किसानों को इस संकट से बचाने के लिए अपने-अपने स्तर पर राज्य में फसल नुकसानद मुआवजा, इनपुट सबिसडी और ब्याज मुक्त कर्ज की सुविधा प्रदान की। इसी क्रम में आंध्रप्रदेश सरकार राज्य में मौसम की अनिश्चितताओं का डटकर सामना करते हुए सोमबार को आपने राज्य के किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। राज्य में खेती-बाड़ी में हुए फसल नुकसान मुआवजा के रूप में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रदेश के करीब 8 लाख 68 हजार 409 किसानों के बैंक खाते में अनपुट सब्सिडी और वाईएसआर सुन्ना (शुन्य) वड्डी पंटा रूनालू के लिए सीधे 200 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से सरकार के इस फैसले से संबंधित जानकारियों को जानते हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को अपने कैंप कार्यालय में एक उच्च स्तरी बैठक की। इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जगनन मोहन रेड्डी ने बटन दबाकर 8,68,409 किसानों के बैंक खातों में इनपुट सब्सिडी और वाईएसआर सुन्ना (शून्य) वड्डी पंटा रुनालू के लिए सीधे 200 करोड़ रुपये जारी किए। मुख्यमंत्री इस राशि को प्रतयक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से जारी करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से दोहराते पिछले 3.5 वर्षों से किसानों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास है कि किसानों के कल्याण में राज्य का कल्याण निहित है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि इनपुट सब्सिडी योजना जिसका उद्देश्य उसी मौसम के अंत तक किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई करना है और सुन्ना वड्डी पंटा रुनालू योजना जिसका उद्देश्य छोटे, सीमांत और वास्तविक किसानों के ब्याज के बोझ को कम करना है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने इसे लागू किया गया है। राज्य सरकार पिछले 3.5 वर्षों से लगातार देश में एक ट्रेंडसेटर बन गई है।
पत्रकारों की रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को यहां अपने कैंप कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में डीबीटी के माध्यम से इनपुट सब्सिडी, शुन्य ब्याज की राशि जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 200 करोड़ की यह राशि दो अलग-अलग उद्देश्यों के लिए जारी की गई है। जिसमें से इस वर्ष 2022 में भारी बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ सीजन में फसल नुकसान झेलने वाले 45,995 किसानों के खातों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 39.39 करोड़ रुपये प्रतयक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं। वहीं, 160.55 करोड़ रुपए की बाकी बची रकम 8,22,411 छोटे, सीमांत और वास्तविक सामान्य किसानों और बागवानों के बैंक खाते में अनुदान के रूप में ट्रांसफर की गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी का कहना है कि रबी सीजन 2020-21 और खरीफ सीजन 2020-21 के लिए 1 लाख रुपये का फसल ऋण लिया था और समय पर फसल ऋण की राशि का भुगतान भी कर दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर ब्याज पर सब्सिडी की रकम भेजी गई है। इसके साथ वाईएसआरपीसी नियम कें इनपुट सब्सिडी योजना के तहत अब तक वितरित कुल राशि 1834.78 करोड़ रुपए हो चुकी है।
किसानों के बैंक खातों में इनपुट सब्सिडी और वाईएसआर सुन्ना (शुन्य) वड्डी पंटा रूनालू स्कीम के 200 करोड़ रुपए जारी करते हुए टीडीपी के शासन पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने साल 2014 और 2019 के बीच किसानों को 1180.66 करोड़ रुपये के भुगतान को रोककर ब्याज सबवेंशन योजना को पूरी तरह से कमजोर कर दिया था, हमारी सरकार ने वाईएसआरसीपी स्कीम के तहत पिछली सरकार द्वारा बकाया इनपुट सब्सिडी के तौर पर अभी तक कुल 1834.78 करोड़ रुपये की राशि वितरित को मंजूरी दे दी है। हमारी सरकार ने वाईएसआरसीपी स्कीम के तहत इनपुट सब्सिडी के तौर पर अभी तक कुल 1834.78 करोड़ रुपये की राशि का बकाया भुगतान किसानों को कर चुकी है। इसके साथ, पिछले 3.5 वर्षों में ब्याज अनुदान के तहत लाभार्थियों की कुल संख्या 73.88 लाख हो गई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगम मोहन रेड्डी का कहना हैं कि कृषि पर निर्भर 62 प्रतिशत आबादी के साथ, वाईएसआरसीपी सरकार वैज्ञानिक तौर से फसल के नुकसान का आकलन करने और रायथू भरोसा केंद्र (आरबीके) में लाभार्थियों के नाम प्रदर्शित करने की सुविधा के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ इनपुट सब्सिडी और शून्य-ब्याज योजनाओं को व्यवस्थित रूप से लागू कर रही है। उन्होंने कहा हमारी सरकार राज्य में 62 फीसटी कृषि आबादी परिवारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे रायथू भरोसा, मुफ्त फसल बीमा, किसानों को इनपुट सब्सिडी, धान की खरीद, एक्वा किसानों सहित किसानों को मुफ्त बिजली सब्सिडी और कई अन्य योजनाओं को लागू कर सब्सिडी प्रदान कर रही है। जबकि टीडीपी शासन के दौरान राज्य में किसानों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा हमारी सरकार द्वारा इन योजनाओं का लागू करने का एकमात्र उद्देश्य राज्य में किसानों के जीवन स्तर में सुधार कर बेहतर बनाना है।
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