देश में मोटे अनाज के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई है। जिसमें किसानों को मोटे अनाज (मिलटे्स) खेती एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज (श्री अन्न) की पैदावार और खपत को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। जिसमें श्रीअन्न की पौष्टिकता व औषधीय महत्व को समझते हुए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को मोटे अनाज की खेती, उत्पादन, प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता वृद्धि और विपणन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि सभी जनपदों में श्रीअन्न की निजी स्टॉल खोलने के लिए सरकार द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों / निजी क्षेत्र को सहयोग स्वरूप 10 लाख रुपर प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा।
कृषि विश्वविद्यालयों व शोध संस्थानों को श्रीअन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण, गुणवत्ता वृद्धि एवं विपणन के लिए शोध हेतु सरकार की ओर वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। श्रीअन्न के निर्यात हेतु एपीडा के सहयोग से विश्व के अन्य देशों से मांग की जा रही है तथा जी-20 के डेलीगेट्स से भी डिमांड हेतु अनुरोध किया गया है।
10 नवंबर तक बीजों के मिनीकिट का वितरण
लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव समापन समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बीजों के मिनी किट का वितरण प्रत्येक दशा में 10 नवंबर तक कर लिया जाए, जिससे कृषक बन्धु फसलों की बुआई समय रहते कर सकें। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसलों में अनिश्चितता से बचने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत फसलों का बीमा समय से पूर्व जरूर करा लें। कृषि मंत्री ने कृषकों से आग्रह किया कि वर्तमान कृषि के साथ-साथ खाली बचे कम उर्वरक या पानी की कमी वाली भूमि या स्थानों पर श्री अन्न (मोटे अनाज) की खेती अवश्य करें। क्योंकि इसमें लागत कम लगती है और सरकार द्वारा धान, गेहूं की अपेक्षा बाजरा, ज्वार, रागी आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 300-1600 रुपए प्रति क्विंटल तक अधिक है। वहीं, सरकार द्वारा इसकी खरीद की सुनिश्चितता की जा रही है, जो निःसन्देह किसानों के लिए लाभकारी होगा।
किसान उत्पादक संगठनों को प्रदान किया सीड मनी सहयोग
अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि श्री अन्न के उत्पादन से लेकर विपणन व निर्यात तक के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसमें राज्य के 95 कृषक उत्पादक संगठनों को प्रति इकाई चार लाख रुपए की सीड मनी सहयोग के रूप में प्रदान की गई है। उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम संस्था, यूपी बीज प्रमाणीकरण संस्था, कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वय से मांग के अनुरूप बीज का वितरण करेंगे। कृषक उत्पादक संगठन, कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य संस्थाओं के माध्यम से श्रीअन्न के उत्पादन के प्रसंस्करण व पैकेजिंग हेतु किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे मूल्य संवर्धन कर किसान बंधु लाभ कमा सकते हैं। कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप द्वारा श्री अन्न निबंध प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले अभ्यार्थियों, स्टॉल लगाने वाले कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), मिलेट्स उत्पाद उद्यमी संकर बीज, विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र को प्रथम, द्वितीय व तृतीय प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानिक किया गया। जिसमें श्री अन्न पकवान प्रतियोगिता में प्रतिभागी/पुरस्कार विजेता को प्रथम पुस्कार के तौर पर प्रशस्ति पत्र व 10 हजार रुपए की धनराशि, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 7,500 रुपए की धन राशि तथा तृतीय पुरस्कार के रुप में 5 हजार रुपए की धनराशि देकर विजेताओं सम्मानित किया गया।
किसानों को वीडियो के माध्यम से श्री अन्न की संभावनाओं के विषय में बताया
उत्तर भारत में कैटरिंग एवं होटल उद्योग की अध्यक्षा कु. अंकिता जायसवाल ने कहा कि होटलों में परोसे जाने वाली थाली में श्रीअन्न के पकवानों का समावेश किया जाए या पूरी थाली ही श्री अन्न से बनाई जाए और इसके पौष्टिक व औषधीय गुण भी परोसे जाने के पूर्व ग्राहकों को बताया जाए तो वे आकर्षित होकर श्री अन्न का खूब आनंद लेंगे। वहीं, अगर श्री अन्न का उत्पादन करने वाले किसानों के प्रक्षेत्रों पर ग्राहकों का भ्रमण कराया जाए, तो वे स्वयं भी इसका आगे तक प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। इसके अलावा, अपने वीडियो के माध्यम से श्री अन्न की संभावनाओं के विषय में बताया गया। श्री अन्न की खास बात यह है कि किसानों को इसके उत्पादन में कम लागत और कम पानी की जरूरत होती है। इसके साथ ही बदले में किसानों को तगड़ा रिटर्न का लाभ मिलता है। इसलिए कृषक श्री अन्न के उत्पादन में बढ़त करके अपनी आय को दुगुना कर सकते हैं । श्री अन्न के तहत बाजरा, कुट्टू, सामा, रागी या मडुआ, जई, कुटकी, ज्वार को शामिल किया गया है। श्री अन्न की खपत सर्दियों के मौसम सबसे अधिक होती है। यह खाने में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होते हैं और इसके औषधीय गुणों के कारण इसे स्वादिष्ट सुपरफूड भी कहते हैं।
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