Millets : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया था। इसके तहत देश-विदेश के लोगों को मिलेट्स यानी मोटे अनाज में मौजूद पोषक तत्व एवं इसके सेवन के फायदे से अवगत कराया गया। साथ ही देश में मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन तथा खपत को बढ़ावा देने के लिए “श्री अन्न” योजना की शुरूआत भी की गई। वहीं, कई राज्यों की सरकारें श्री अन्न फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की कई योजनाएं बनाकर किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है। इस बीच मोटे अनाज (श्री अन्न) का उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल द्वारा “रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना” शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत प्रदेश में श्री अन्न (मोटे अनाज) फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति किलो 10 रुपए की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। आईए इस लेख के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा बनाई गई “रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना” के बारे में जानते हैं।
सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी प्रोत्साहन राशि
बीते दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में जबलपुर के शक्ति भवन में मंत्रि-परिषद की बैठक में सरकार ने श्री अन्न (मिलेट) के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया। इसके तहत कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज (श्री अन्न ) फसल उत्पादन करने वाले किसानों को 10 रुपये प्रति किलो की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत यह राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी।
किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु विकसित की जाएगी वैल्यू चेन
देश में रागी, ज्वार, बाजरा, कुट्टू, काकुन, सांवा, कोदो जैसे श्री अन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों सहित नागरिकों को श्री अन्न बीज उत्पादन के लिए सीडमनी, मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केंद्र, मिलेट्स मोबाइल आउटलेट तथा श्री अन्न (मिलेट्स) स्टोर खोलने के लिए प्रोत्साहन भी दिया गया है। इसी से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश में फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य कोदो-कुटकी फसल की खेती करने वाले किसानों की आय में वृद्धि करना है। मध्यप्रदेश के मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में कोदो-कुटकी की खेती होती है।
तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि
मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने प्रदेश में बुनियादी सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने की दृष्टि से और खेत समृद्धि के लिए 32 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही की स्वीकृति दी है। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया है। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर तीन हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। इससे प्रदेश के 35 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को करीब 165 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। बता दें कि इससे पहले सरकार द्वारा वर्ष 2022 से तेन्दूपत्ता संग्रहण दर बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की गई थी।
मंत्रि-परिषद द्वारा इन कामों को प्रारंभ करने का लिया गया निर्णय
मुख्मयमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर व्यापार मेले को व्यापक स्वरूप देने तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए मोटर साइकिल, मोटर कार एवं हल्के वाहनों के विक्रय पर नियमों के अधीन मोटरयान कर की दर पर 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर व्यापार मेला मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध व्यापार मेलों में से एक है। इस मेले ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित कर ली है। इसके अलावा, मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में 4 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत के सड़क निर्माण के नए कार्यों को प्रारंभ करने की अनुमति दी है।
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