Millet Farming in india : भारत में मोटे अनाज और इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा “श्री अन्न योजना” (Shri Anna Yojana) की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत आज कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर योजनाएं लागू कर मोटे अनाज (मिलेट्स) की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकारें इसकी खेती के लिए अपने किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु उन्हें भारी सब्सिडी भी प्रदान कर रही है, जिसके कारण इन दिनों मोटे अनाज की खेती का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। मोट अनाजों में मौजूद पोषक तत्वों एवं इसके उत्पादों के सेवन के फायदे को देखते हुए बिहार राज्य सरकार ने भी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसकी खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि कम से कम एक एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ भूभाग पर खेती करने पर किसानों को मिलेगी।
वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक पांच सालों के लिए यह योजना प्रस्तावित है। राज्य के सभी 24 जिलों में यह योजना लागू होगी। राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) पर बाजरा की खेती करने वाले राज्य के 10 किसानों को सम्मानित किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें 50 हजार रुपए की नकद राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी। ऐसे में यदि आप भी मोटे अनाज की खेती करना चाहते हैं, तो सरकार की ओर से आपको अनुदान मिल सकता है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, झारखंड सरकार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसके लिए राज्य में मिशन मिलेट योजना लागू की है, जिसके तहत राज्य के सभी 24 जिलों में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा और चीना की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें अलग से सब्सिडी की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही इनके बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है। राज्य के किसानों के लिए यह योजना 2023-24 से लेकर 2027-28 पांच वर्षों तक के लिए प्रस्तावित है। इसके तहत राज्य के सभी जिलों में किसानों को मिलेट्स की खेती पर अलग-अलग सब्सिडी राशि एवं फसल बीज प्रदान किए जाएंगे।
सरकार राज्य में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रही है। किसानों को यह सब्सिडी मिशन मिलेट के अंतर्गत दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से शर्त रखी गई है कि किसान को कम से एक एकड़ जमीन में मोटे अनाज की खेती करनी होगी। किसान अधिकतम पांच एकड़ भूमि पर मोटे अनाज की खेती कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। एक एकड़ से पांच एकड़ की जमीन पर मोटे अनाज की खेती करने के लिए किसानों को 3 हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसकी खेती करने वाले किसानों को 30 अगस्त से पहले सीएससी या प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद 1 सितंबर से 15 नवंबर तक उनकी खेतों व फसल का सर्वेक्षण कराया जाएगा। सर्वेक्षण आधार पर पूरे राज्य से किसानों को चयन किया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में पांच लाख हेक्टेयर भूमि पर मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करना है।
मिलेट मिशन 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्ष के लिए है। यह राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। आवश्यकता पर इसकी अवधि को बढ़ाया भी जाएगा। बाजरा पर प्रसंस्करण उद्यम भी लगाया जाएगा। आइसीएआर को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। बीज प्रणाली और बीज बैंक के माध्यम से बाजरा भूमि प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा। इस मिशन के तहत रैयत और बटाईदार किसान पात्र होंगे। किसानों को आधार कार्ड के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अतिरिक्त जमीन के कागजात, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर भी देना होगा।
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