मानसूनी बारिश की अनिश्चितताओं चलते देशभर के कई हिस्सों में खरीफ की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। जिनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात समेत अन्य कई और भी राज्य शामिल है। इन राज्यों में लगातार खेतों में बारिश का पानी भरा होने कारण हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। ऐसे में किसान आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को राहत देने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और मध्यप्रदेश राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर फसल मुआवजा योजनाएं लेकर आगे आई है। किसानों की फसलों का सर्वे कर किसानों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा दिया गया है। अब इस सूची में गुजरात भी शामिल हो गया है। गुजरात की बीजेपी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की ओर रुख करते हुए भारी बारिश से हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए 630.34 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा है। यह घोषणा 14 जिलों में हुए नुकसान के सर्वे के बाद मिले आंकड़ों के मुताबिक की गई है। सरकार की इस घोषणा से करीब 8 लाख से अधिक किसानों को फौरी तौर पर फायदा होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात सरकार ने सहायता पैकेज के तौर पर 630 करोड़ रुपये जारी करने का ऐलान किया है। सरकार की इस घोषणा से करीब 8 लाख से अधिक किसानों को फौरी तौर पर फायदा होगा। सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार जुलाई और अगस्त में सौराष्ट्र, मध्य और दक्षिण गुजरात क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा हुई, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा। राज्य के कृषि विभाग ने उन्हीं महीनों में फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया था। सर्वेक्षर्ण के बाद मिले आंकड़ों के मुताबिक 14 जिलों के किसानों को उनके खेतों में बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में छोटा उदयपुर, नर्मदा, पंचमहल, नवसारी, वलसाड, डांग, तापी, सूरत, कच्छ, जूनागढ़, मोरबी, पोरबंदर, आणंद और खेड़ा जिले के 50 तालुकाओं के 2,554 गांवों के किसान शामिल थे। तैयार रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात में हुआ है।
सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राज्य में लगभग 9.12 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसलें बारिश के कारण खराब हो गई है। इस साल 14 जिलों में भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से कृषि फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। राज्य के कृषि विभाग ने बारिश के कारण फसलों में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे किया था। सर्वे रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किसानों, किसान संगठनों और जनप्रतिनिधियों की दलीलों के प्रति संवेदनशील रुख अपनाते हुए 630.34 करोड़ रुपए के सहायता पैकेज की घोषणा की है। राज्य में लगभग 8 लाख से अधिक किसानों को इस पैकेज का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा घोषित इस सहायता पैकेज की विस्तृत जानकारी राज्य कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने दी।
सहायता पैकेज की विस्तृत जानकारी राज्य कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा की हाल ही में राज्य सरकार ने सीएनजी, पीएनजी पर 10 फीसदी वैट घटाने की घोषणा की थी, जो मध्यवर्ग के लिए राहत की बात है। और अब किसानों की ओर रुख करते हुए राज्य सरकार ने 630.34 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। यह सहायता पैकेज 2022 खरीफ सीजन के दौरान भारी बारिश के कारण फसल के नुकसान की भरपाई के लिए है। उन्होंने कहा कि यह सहायता पैकेज राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष मानदंड के अनुसार जारी की गई। 33 फीसदी से ज्यादा फसल खराब होने पर किसान मुआवजे के हकदार होंगे। सरल भाषा में कहे, तो जिन किसानों की फसलों को बारिश की वजह से 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुुआ है। ऐसे किसान इस पैकेज में शामिल किए जाएंगे। मुआवजे के हकदार किसानों को प्रति हेक्टेयर 6,800 रुपए और अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा तक भुगतान किया जाएगा। जबकि केला उत्पादकों के लिए मुआवजा राशि 30,000 रुपए दी जाएगी, जो अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि के लिए होगी।
राज्य कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि राज्य में बारिश से बर्बाद हुई फसलों से किसान बेहद परेशान है। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है। किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार किसानों को इस सहायता पैकेज का लाभ जल्दी और बिना देरी के पहुंचाने के लिए सरकार ने डिजिटल गुजरात माध्यम पर कृषि राहत पैकेज पोर्टल खोलने के लिए एक प्रणाली बनाई है। किसान आवश्यक दस्तावेजों के साथ निकटतम ई-ग्राम सेवा केंद्र में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकार ने किसानों से अनुरोध किया है कि जिन किसानों ने अपनी रबी फसल का बीमा नहीं करवाया है। ऐसे किसान पीएम फसल बीमा योजना की अधिकारी वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर अपनी फसल का बीमा जरूर करवाए।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि किसानों को मौसम की मार से होने वाले फसल नुकसान से बचाने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेगी। राज्य में किसानों को फसल का बीमा करवाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवा बुवाई के 10 दिनों के अंदर करवा सकते हैं। किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनो ही माध्यम से फसल बीमा योजना में आवेदन कर फसलों का बीमा ले सकते है। आवेदन के लिए किसान केंद्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक या वाणिज्यिक बैंक की नजदीकी शाखा या फिर कामन सर्विस सेंटर मदद भी ले सकते है।
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