Sugarcane Crushing Session 2023-24 : सरकार गन्ना किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई प्रयास कर रही है। केंद्र एवं राज्य की सरकारें गन्ना उत्पादकों को लंबित गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने एवं गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन भी कर रही है। गन्ना का लाभकारी मूल्य किसानों को मिले, इसके लिए गन्ना के मूल्य में बढ़ोतरी भी राज्य सरकारों द्वारा की जा चुकी है। पेराई के लिए गन्ना, चीनी मिलों में लाने के लिए गन्ना उत्पादकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए चीनी मिलों व विभागीय अधिकारियों को उनके मोबाइल फोन पर गन्ना पर्ची भेजने के कड़े निर्देश भी प्रशासन द्वारा दिए गए हैं। इस बीच गन्ना उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कहा जा रहा कि अगर किसान नियम विरुद्ध काम करते हुए मिलते हैं, तो सरकार उनसे निर्धारित जुर्माना राशि वसूलेगी और गन्ना बिक्री के लिए गन्ना पर्ची एसएमएस (SMS) भी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर नहीं भेजेगी। ऐसे में गन्ना उत्पादकों को गन्ना बिक्री की पर्ची लेने के लिए इन निर्धारित शर्तों का पालन करना और सावधानी बरतनी होगी। इसके लिए सरकार ने विभाग को कड़े निर्देश भी जारी कर दिए हैं। आईए, इस पोस्ट की मदद से इस पूरे मामले के बारे में जानते हैं।
सरकार ने सख्ती बरतने का लिया फैसला
दरअसल, दमघोंटू प्रदूषित हवा से दिल्लीवासी ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, नोएडा समेत मथुरा, आगरा, लखनऊ और कानपुर जैसे कई शहरों के शहरवासी परेशान होते दिखाई पड़ रहे हैं। हवा प्रदूषित होने के पीछे किसानों द्वारा धान की पराली और गन्ना की पत्तियां जलाने की घटनाओं को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। पराली को लेकर बढ़ते विवाद को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार हरकत में आ गई है। इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती बरतने का फैसला कर लिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने सभी जिला प्रशासन के साथ हालात की समीक्षा करते हुए पराली जलाने की घटना को अंजाम देने वाले किसानों से निर्धारित जुर्माना राशि वसूलने और गन्ना खरीद की पत्ती किसानों को नहीं देने का निर्देश दिया है।
गन्ना बिक्री की पर्ची लेने के लिए किसानों को बरतनी होगी सावधानी
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि पराली या अन्य कृषि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरुद्ध जुर्माना लगाने के लिए अर्थदंड की राशि निर्धारित कर दी गई है। इसमें दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये, 02-05 एकड़ के लिए 5000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र वाले किसानों के लिए 15,000 रुपए का अर्थदण्ड तय किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फसल अवशेष या कूड़ा जलाने की घटना की पुनरावृत्ति करने वालों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि बढ़ाई जाए और इसे अनिवार्य रूप से वसूल भी किया जाए। जिससे कोई भी इस तरह का काम दोबारा न करें। उन्होंने पश्चिमी यूपी में गन्ना उत्पादकों द्वारा गन्ना फसल की पत्तियां जलाने के मामले सामने आने पर नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिया कि यूपी में गन्ना बिक्री की पर्ची के लिए किसानों को सावधानी बरतनी होगी। अगर किसानों ने खेतों मे गन्ना की पत्तियां, पराली या अन्य कूड़ा जलाया या जलाते हुए पकड़े जाने पर संबंधित किसानों को गन्ना बिक्री के लिए पर्चियां नहीं जारी की जाए। इसे लेकर सचिव ने निर्देश जारी कर दिया है।
पराली जलाने की घटनाओं के लिए प्रशासन भी जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक की। कृषि, ऊर्जा एवं राजस्व समेत अन्य विभागों की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कृषि अपशिष्ट को जलाने से बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या पर चिंता प्रकट करते हुए दिल्ली एनसीआर सहित प्रदेश के सभी जनपदों में पराली या गन्ने की पत्तियां और किसी भी प्रकार के कृषि अपशिष्ट जलने की घटना पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों और पुलिस प्रशासन से कहा कि इस प्रकार की घटना पर रोक के लिए लगातार सक्रिय रहे और किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए। जहां भी पराली या कृषि कूड़ा जलाने की घटनाएं दोहराई जाएगी, वहां संबंधित अधिकारियों और पुलिस प्रशासन जवाबदेह होंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा एकमुश्त समाधान योजना (OTS) लागू की गई। इसके तहत प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को उनके बकाये बिल में सरचार्ज पर छूट प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। विद्युत विभाग द्वारा दी जा रही इस छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी उपभोक्ता ओटीएस के तहत ऑफिशियल वेबसाइट uppcl.org पर अपना पंजीयन कर सकते हैं। एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के तहत तीन चरणों में समस्त श्रेणियों के विद्युत भार के घरेलू, वाणिज्यिक, निजी नलकूप, निजी संस्थान, औद्योगिक उपभोक्ताओं व चोरी के प्रकरणों में जुर्माने की राशि में छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा जिलाधिकारी (डीएम) सब स्टेशनवार योजना की समीक्षा करें। सचिव ने कहा मंत्रीमंडल ने आगामी ग्रीष्मकाल में निर्धारित समय- सारिणी में निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि और जर्जर तारों के बदलने के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपए के कामों की स्वीकृति प्रदान की है। इन सभी कार्यों को फरवरी 2024 तक पूरा कराने का लक्ष्य रखा है।
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