Sugarcane Crushing Session 2023-24 : प्रदेश सरकार राज्य के किसानों की आय को दोगुना करने का हर संभव प्रयास रही है। इसी बीच राज्य की योगी सरकार, प्रदेश में गन्ना उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने स्तर पर हर मुमकिन प्रयास कर रही है। गन्ना किसानों को लंबित गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए चीनी मिलों व विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं। साथ ही पेराई के लिए चीनी मिलों में गन्ना लाने वाले किसानों को काेई परेशानी न हो इसके लिए चीनों मिलों द्वारा उनके मोबाइल फोन पर पन्ना पर्ची भेजने की व्यवस्था भी की गई है। इन सब के बीच प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 की शुरुआत हो चुकी है, किसान समय पर चीनी मिलों को गन्ना सप्लाई कर सकें, इसके लिए रजिस्टर्ड किसानों के मोबाइल फोन पर गन्ना पर्ची एसएमएस (SMS) के माध्यम से भेजी जाने लगी है। लेकिन, अभी भी कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें समय पर गन्ना आपूर्ति के लिए गन्ना पर्ची SMS नहीं मिल पा रही है। जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे अपने मोबाइल का इनबॉक्स ख़ाली रखें। साथ ही अपने मोबाइल को हमेशा चालू (ऑन) रखें।
मोबाइल फोन पर भेजी जा रही है पन्ना पर्ची
उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के आयुक्त, प्रभु एन. सिंह ने बताया कि प्रदेश में गन्ना पेराई सीजन 2023-24 शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान समय पर चीनी मिलों को गन्ना की आपूर्ति कर सकें, इसके लिए गन्ना किसानों को गन्ना पर्चियां केवल एस.एम.एस. पर्ची के रूप में उनके मोबाइल फोन पर भेजी जा रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि ई.आर.पी. (ERP) पर गन्ना किसानों का सही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हो। इसके लिए गन्ना आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, प्रभु एन. सिंह ने गन्ना किसानों से अपील की है कि वे एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ई.आर.पी.) पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर की जांच अवश्य कर लें, अगर नंबर ग़लत है, तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से या ई-गन्ना (E–ganna) एप (App) पर स्वयं अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट कर लें। अन्यथा किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस कारण से किसानों को नहीं मिल पा रही है गन्ना पर्ची
इस विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने बताया कि पेराई सत्र 2023-24 में विभाग द्वारा किसानों को गन्ना आपूर्ति हेतु उनके मोबाइल पर भेजी जाने वाली करीब दस प्रतिशत एस.एम.एस. (SMS) गन्ना पर्चियों की डिलीवरी हर रोज फेल हो रही है, क्योंकि किसानों के ई.आर.पी. (ERP) पर पंजीकृत मोबाइल नंबर नेटवर्क क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं या फिर उनके मोबाइल का एस.एम.एस. इनबॉक्स भरा होने, मोबाइल स्विच ऑफ होने एवं डीएनडी (Do Not Disturb) एक्टिवेट होने की स्थिति में एस.एम.एस. पर्ची का संदेश 24 घंटे के बाद स्वतः ही निरस्त हो जाता है। इस कारण किसानों को गन्ना पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है।
किसान पर्ची का एसएमएस संदेश प्राप्त करने करने के लिए ये करें
सिंह ने कहा कि, इस तकनीकी समस्या के निवारण के लिये अनिवार्य है कि सभी किसान भाई एस.एम.एस. पर्ची प्राप्त करने के लिये अपने मोबाइल को नेटवर्क क्षेत्र में रखें, अपने मोबाइल का एस.एम.एस. इनबॉक्स खाली रखें तथा मोबाइल को चार्ज करके सदैव चालू दशा में रखें और डी.एन.डी. सर्विस को एक्टिवेट न करें ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित एस.एम.एस. गन्ना पर्ची उनके मोबाइल फोन पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए।
गन्ने के सूखने वाली हानि से बच सकेंगे किसान
सिंह ने बताया कि पर्ची निर्गमन की यह व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। इस व्यवस्था में किसान के मोबाइल नंबर पर एस.एम.एस. (SMS) पर्ची संदेश भेजे जाने से किसान को तुरंत पर्ची मिल जाने से ताजा गन्ना मिल को मिल सकेगा। जिससे किसान गन्ने के सूखने से होने वाली हानि से बच सकेंगे। इसके, साथ ही गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने अधिकारियों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वह इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों को सही मोबाइल नंबर अपडेट कराना सुनिश्चित करें। जिससे किसानों को गन्ना आपूर्ति में किसी तरह की कोई असुविधा न हो।
किसानों को किया गया लंबित गन्ना मूल्य भुगतान
प्रदेश की योगी सरकार द्वारा शुगर मिलों द्वारा लंबित गन्ना मूल्य का भुगतान न किए जाने को लेकर भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की शुगर मिलों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों के खातों में जमा करने के लिए निर्देशित किया गया है। सीएम के कड़े रुख के फलस्वरूप बजाज ग्रुप ने पेराई सत्र 2022-23 के लंबित गन्ना मूल्य आधारित एकमुश्त 1371 करोड़ रुपए की धनराशि अपनी शुगर मिलों से संबंधित किसानों के खातों में जमा कराई गई है। इससे बजाज समूह की चीनी मिलों से भागीदार (संबद्ध) लगभग 5.25 लाख किसानों के खातों में गन्ना बकाया मूल्य की भुगतान राशि पहुंचने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। बता दें कि बजाज समूह द्वारा अपनी चीनी मिलों से संबद्ध किसानों को पेराई सत्र 2022-23 के लंबित भुगतान के लिए 1371 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई।
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