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Urea Fertilizer : किसानों को खाद-उर्वरक की नहीं होगी किल्लत, पर्याप्त कोटा उपलब्ध

Urea Fertilizer : किसानों को खाद-उर्वरक की नहीं होगी किल्लत, पर्याप्त कोटा उपलब्ध
पोस्ट -03 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Manure Fertilizer : किसानों को खाद-उर्वरक की नहीं होगी किल्लत यूरिया-डीएपी का पर्याप्त कोटा उपलब्ध

Urea-DAP fertilizer : फसलों की बुआई के समय किसानों को खाद के लिए भटकना नहीं पड़े, इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए जाते हैं। जिनके तहत बाजारों में उर्वरक की कालाबाजारी रोकने एवं सही से खाद की वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सख्त गाइडलाइन जारी की जाती है, जिसके तहत ही निजी व सहकारी उर्वरक विक्रय केंद्रों को विक्रय करने के लिए कहा जाता है। इस बीच उत्तर प्रदेश में किसानों को खरीफ फसलों के लिए उर्वरक और खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि खरीफ के दौरान इस बार यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तय लक्ष्य के सापेक्ष यूरिया और डीएपी उर्वरक का पर्याप्त कोटा मौजूद है। इस वर्ष खरीफ के दौरान 57.02 लाख टन उर्वरक की खपत का अनुमान लगाया गया है, जिसके सापेक्ष 9 जुलाई तक 52.85 लाख टन की उपलब्धता रही। इस समय अवधि तक 16.70 लाख टन बिक्री के बाद अभी भी 36.15 लाख टन का बफर स्टाक उपलब्ध है, जबकि पिछले साल इस अवधि में वितरण के बाद 26.69 लाख टन की खाद की उपलब्धता थी। इससे स्पष्ट है राज्य में खाद स्टाक स्थिति पिछली बार से बेहतर है, जिससे किसानों को इस बार फसलों के लिए यूरिया और डीएपी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता 

कृषि निदेशालय के अनुसार, खरीफ के दौरान सबसे अधिक खपत यूरिया और डीएपी (Urea, DAP) उर्वरक (Fertilizer) की होती है। उप्र में यूरिया का मौजूदा स्टाक 23.06 लाख टन और डीएपी का 3.86 लाख टन है, जबकि एनपीके की मौजूदा उपलब्धता 3.10, एमओपी की हजार मीट्रिक टन और एसएसपी की 2.70 लाख टन है। रिपोर्ट के अनुसार, नौ जुलाई तक तक 11.96 लाख टन यूरिया और 2.98 लाख टन डीएपी का वितरण किसानों के बीच किया गया है। इस बार 38 लाख टन यूरिया और 9.05 लाख टन डीएपी की खपत का अनुमान लगाया गया है। पर्याप्त कोटे के बावजूद कृषि विभाग इस वर्ष यूरिया व डीएपी के संतुलित उपयोग पर जोर दे रहा है।

कालाबाजारी पर रखी जा रही सख्त नजर

प्रदेश के कृषि निदेशक के अनुसार, प्रदेश के सभी जनपद के किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी व यूरिया उर्वरक उपलब्ध है। मांग के अनुसार, किसानों को उचित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। कहीं भी कालाबाजारी न होने पाए, इसके लिए हर स्तर से सख्त नजर रखी जा रही है और दिन में 2 बार खाद-उर्वरक की दुकानों की जांच-पड़ताल की जा रही है, जिससे उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसा जा सकें। प्रदेश के सभी जनपदों में मांग के अनुसार निजी व सहकारी उर्वरक विक्रय केंद्रों पर खाद प्रेषित कर वितरण कराया जा रहा है। वहीं, किसी भी जनपद के किसी ब्लाक और न्याय पंचायत की उर्वरक विक्रय की दुकानों पर उपरोक्त खाद मिलने में कठिनाई हो तो अपने पूर्ण विवरण जिला, ब्लॉक, समिति के नाम या क्षेत्र के दुकान का नाम के विवरण के साथ प्रेषित करें, जिससे आपकी परेशानियों का शीघ्र निराकरण किया जा सके।

उर्वरक बिक्री केंद्रों पर छापेमारी की कार्रवाई

कृषि निदेशक के मुताबिक, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटियां पहले से गठित है। इस कमेटी में एसडीएम, तहसीलदार, फर्टिलाइजर के अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी शामिल है। किसानों को उचित दाम पर  गुणवत्ता युक्त उर्वरक प्राप्त हो और कालाबाजारी, ओवर रेटिंग व टैगिंग इत्यादि न हो, इसके लिए निजी व सहकारी क्षेत्र के प्रत्येक उर्वरक बिक्री केंद्रों पर यह टीम महीने में तीन से चार छापेमारी की कार्यवाही भी कर रही है। साथ ही दुकानों पर कर्मचारियों की तैनाती कर सघन निगरानी रखी जा रही है। यदि कोई शिकायत मिलती है, तो उस दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। किसान से अपील की गई है कि वे निर्धारित दर पर यूरिया की खरीद करके रसीद अवश्य प्राप्त करें। किसान प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक खाद-उर्वरक की खरीद सहकारी क्षेत्र के प्रत्येक उर्वरक बिक्री केन्द्रों से कर सकते हैं।

पीओएस मशीन से ही उर्वरकों की करें खरीद

कृषि निदेशक ने बताया कि नियमों के अनुसार, अगर कोई विक्रेता निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा या अनाधिकृत उर्वरक बेचता पाया जाता है, तो प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसान द्वारा ओवर रेटिंग व टैगिंग इत्यादि की शिकायत मिलने पर दुकान का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। किसान अपने निकटतम उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर आधार कार्ड ले कर जाएं और पीओएस मशीन से ही उर्वरकों की खरीद करें और प्राप्त कैश रसीद के अनुसार ही उर्वरकों के मूल्य का भुगतान करें। उर्वरक कम्पनियां यूरिया, डीएपी, एसएसपी एवं एनपीके उर्वरकों की शीघ्र बिक्री करने पर इन्सेन्टिव देने का प्रलोभन दे रही है, जिसके तहत फुटकर उर्वरक दुकानदार उर्वरकों को बिना वास्तविक बिक्री किए उसकी फर्जी तरीके से जान पहचान वाले किसानों की बायो मेट्रिक करवाकर पीओएस मशीन से बिक्री कर रहे हैं।

टोल फ्री नंबर पर दर्ज करा सकते है अपनी शिकायत

प्रदेश के लगभग हर जनपद में खाद-उर्वरक की पर्यात मात्रा संतुलित करने के पश्चात राज्य कृषि विभाग द्वारा एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। उर्वरक प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, तो किसान इसकी सूचना तत्काल टोल फ्री नंबर 9198938099 और 7839882167 पर कर सकते हैं। साथ उर्वरक विक्रेता या किसान इससे जुड़ी अवैध गतिविधियों में शामिल होता है, तो अपनी शिकायत इस टोल फ्री नंबर दर्ज करवा सकते हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों को कड़े आदेश दिए हुए है कि प्रत्येक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाए। कालाबाजारी और तस्करी कर किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले विक्रताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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