Flood Relief Uttar Pradesh Government : मानसून की सक्रियता के चलते सभी राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की गतिविधियां देखी जा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा दूसरे पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना समेत देश के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां उफान पर चल रही है, जिसके कारण प्रदेश के अधिकांश जिले बाढ़ एवं जलजमाव से प्रभावित है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बारिश और बाढ़ एवं जलजमाव के दृष्टिगत संबंधित जनपदों को लेकर एक बैठक की, जिसमें अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य में तेजी करने के सख्त निर्देश भी दिए गए, जबकि सभी जिलाधिकारी और नगर निकाय को प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर सतर्क नज़र रखने एवं बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा गया। इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए राज्य आपदा मोचक निधि से 120 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। यह राशि बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों व परिवारों को राहत सहायता देने, कृषि निवेश अनुदान समेत अन्य राहत कार्यों के लिए अतिसंवेदनशील और संवेदनशील 40 जिलों के लिए जारी की गई। 120 करोड़ की इस धनराशि में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित जिलों को पांच-पांच करोड़ जबकि सामान्य प्रभावित जिलों को एक-एक करोड़ की राशि आवंटित की गई है। साथ ही कृषि विभाग की ओर से विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित इलाके में फसल सर्वे किया जाए और नुकसान के साथ ही मुआवजे का भी आकलन किया जाएगा।
राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए 40 जिलों में 120 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बाढ़ से बचाव की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए बाढ़ प्रभावित 24 अतिसंवेदनशील और 16 संवेदनशील जिलों को 10 करोड़ की धनराशि जारी की थी। योगी सरकार द्वारा 40 जिलों को आवंटित धनराशि को बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों, उनके परिजनों को सहायता धनराशि, क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा समेत अन्य राहत कार्यों में खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की खुद लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही समय-समय पर अधिकारियों को राहत कार्य संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया एवं उन्नाव जिलों के लिए पांच-पांच करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जबकि प्रदेश के महराजगंज, बिजनौर, गाजीपुर, मऊ, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, हमीरपुर, गौतमबुद्धनगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, वाराणसी, लखनऊ एवं कासंगज के लिए एक-एक करोड़ रुपए योगी सरकार द्वारा आवंटित किए गए हैं।
राहत कार्यालय की जानकारी के अनुसार, बाढ़ से अब तक कुल 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव और बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते अब तक कुल 14.80 लाख नागरिक प्रभावित हुए हैं। इनमें 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी सम्पत्तियों (कृषि, मकान, सामान एवं पशुधन) को नुकसान पहुंचा है। जलजमाव के कारण प्रारंभिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
राहत आयुक्त ने बताया, कृषि विभाग की ओर से विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित इलाके में फसल सर्वे किया जाए। नुकसान के साथ ही मुआवजे का भी आकलन किया जाएगा। सेटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर कृषि क्षति का सर्वेक्षण / पुष्टि करायी जा रही है। ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है। शासन एवं स्थानीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में मदद और राहत पहुंचाने की लगातार कोशिश जारी है। वहीं, पशुपालन विभाग की ओर से अधिकारियों को गलाघोंटू, खुरपका एवं मुंहपका का टीकाकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह टीका सभी पशु चिकित्सालयों, पशुधन प्रसार केंद्रों पर निशुल्क लगाया जा रहा है। सभी चिकित्सालयों को टीम तैयार बाढ़ प्रभावित इलाके में टीकाकरण शिविर लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
राजधानी लखनऊ में करीब 15 हजार किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन फसलों का बीमा कराया है, जबकि बाढ़ की मार झेल रहे लखीमपुर खीरी जिले के छह लाख से अधिक किसानों में से केवल 5600 ने ही फसलों का बीमा कराया है। पलिया, निघासन, बिजुआ और धौरहरा के किसानों की कई हजार एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हुई। इन फसलों में धान, मक्का, उड़द और मूंगफली शामिल है। इन किसानों के फसल नुकसान की अलग से सूची तैयार की जाएगी, ताकि उन्हें समय पर मुआवजा दिया जा सके। गन्ने की फसल को छोड़कर खरीफ सीजन की यह चारों फसलें बीमा क्लेम में हैं। जनपद में गन्ना किसानों की संख्या सबसे अधिक है। जिले में 1.82 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान, 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, पांच हजार हेक्टेयर पर उड़द और तीन से चार हेक्टेयर क्षेत्र मूंगफली का रकबा है। इसमें बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी से आई बाढ़ में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हुई।
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