किसान मुफ्त में ले सकते हैं हाइब्रिड मक्के के बीज, इन किसानों को मिलेगा लाभ

पोस्ट -25 जून 2024 शेयर पोस्ट

एक लाख से अधिक किसानों को मुफ्त दिए जा रहे हाइब्रिड मक्का के बीज, ऐसे मिलेगा इसका लाभ

Hybrid Corn (Maize) Seed : देश में खरीफ की फसलों की खेती का मौसम शुरू हो चुका है। मानसून की बारिश के साथ ही राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में किसानों ने मक्का, बाजरा और धान सहित अन्य खरीफ फसलों की खेती करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में राज्य सरकारों द्वारा किसानों को अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के लिए अलग-अलग किस्मों के फसल के लिए उन्नत बीज दिए जा रहे हैं, ताकि वे उन्नत किस्मों के बीज की बुवाई कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सके। 

इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने मौजूदा खरीफ सत्र में मक्का की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को मक्के की खेती करने के लिए हाडब्रिड मक्का के बीज मुफ्त देने का निर्णय किया है। साथ ही खेती करने वाले किसानों को सहायता भी दे रही है। खासकर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों के किसानों की सहायता करने एवं क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में हाइब्रिड मक्के के बीज किसानों को दिए जा रहे हैं। किसानों को यह बीज मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि दक्षिणी राजस्थान के छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए यह एक बेहतरीन कदम हो सकता है। किसानों को इसका लाभ जरूर मिलेगा।  

कृषि विभाग की तरफ से दिए जा रहे हाइब्रिड मक्के के बीज (Hybrid corn seeds being provided by the Agriculture Department)

दक्षिणी राजस्थान में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को राहत देने के लिए राज्य कृषि विभाग की तरफ से हाइब्रिड मक्के के बीज दिए जा रहे हैं। योजना के तहत कृषि विभाग की ओर से एक लाख बीस हजार किसानों को मुफ्त में हाइब्रिड मक्का बीज मिनी किट का वितरण किया जा रहा है।  इसके तहत अब तक उदयपुर में 20 हजार लाभार्थी किसानों को मक्का बीज मिनी किट का लाभ भी मिल चुका है। माना जा रहा है कि मक्का की इस उन्नत बीज किस्म से किसानों को बंपर उपज हासिल होगी और किसानों को इसका लाभ होगा। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के एससी/एसटी और गैर एसटी वर्ग के किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। साथ ही राज्य में महिला किसानों की भागीदारी बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए योजना के तहत जो बीज मिनी किट नि:शुल्क बांटे जा रहे हैं वो महिलाओं के नाम पर दिए जा रहे हैं, चाहे भले ही भूमि उनके पति, पिता या ससुर के नाम पर है।

खेती के लिए किसानों के पास उपलब्ध हो सकेंगे उन्नत बीज (Advanced seeds will be available to farmers for cultivation)

राज्य में अधिक से अधिक किसान इस खरीफ़ सीजन में मक्का की खेती करें, इसके लिए सरकार किसानों को मक्का बीज मिनीकिट फ्री में उपलब्ध करा रही है। ये बीज झुलसा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम लागत पर गुणवत्ता युक्त अधिक पैदावार देने वाली उन्नत मक्का किस्म के बीज है। उल्लेखनीय है कि खरीफ मौसम में मक्के की खेती करने के लिए उचित किस्म के बीजों का चयन करना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती का कार्य होता है और यह चुनौती उन किसानों के लिए अधिक और बढ़ जाती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसलिए राज्य कृषि विभाग इस योजना के तहत किसानों को बीज वितरण के अलावा खाद और उन्नत कृषि उपकरण भी उपलब्ध करा रहा है, ताकि किसानों के पास खेती के लिए बेहतर बीज, खाद और उन्नत कृषि तकनीक उपलब्ध हो सके।

चलाया जाएगा जागरूकता कार्यक्रम (Awareness program will be conducted)

कृषि विभाग ने बीज वितरण योजना के माध्यम से किसानों के खेतों की मिट्टी की उर्वरकता में सुधार लाने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का प्रावधान किया है। साथ ही उन्नत खेती के लिए किसानों को आधुनिक कृषि मशीनरी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा ताकि उन्हें कृषि विभाग की अलग-अलग सब्सिडी योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकें। राजस्थान सरकार का लक्ष्य है कि हाइब्रिड मक्के के बीज उन किसानों तक पहुंच सके जिन्हें इनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करती है कि इस योजना का लाभ सबसे कमज़ोर आबादी तक पहुंचे।  

मक्का बुवाई के लिए समय उपयुक्त (Suitable time for sowing maize)

राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, खरीफ मौसम मक्का की बुवाई के लिए समय उपयुक्त है। इसके बीज की बुवाई करने का सही समय जून से जुलाई महीने के बीच का है। मक्का की बुवाई करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करें। किसान सबसे पहले खेत की 2-3 गहरी जुताई करें। इसके बाद 7 से 8 टन पुरानी गोबर की खाद डालकर रोटावेटर से खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। खेती से अच्छी गुणवत्ता युक्त अधिक पैदावार वाली फसल लेने के लिए बलुई दोमट वाली भारी मिट्‌टी वाली भूमि ही खेती के लिए चुने। खास कर भूमि अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए। मक्का की खेती के लिए प्रामणित किस्म के बीजों की ही बुवाई करनी चाहिए। एक एकड़ क्षेत्र में मक्का की बुवाई के लिए 5-6 किलोग्राम बीज मात्रा की आवश्यकता होती है। बीज की बुवाई लाइन से लाइन 60 और पौधे से पौधे की 30 सेमी दूरी रखते हुए 5 सेमी गहराई में करनी चाहिए। बोने से पहले बीज को मेटालेक्जिल 8 प्रतिशत और मैंकोजेब 64 प्रतिशत की 2.5 ग्राम दवा से प्रति किलो बीज दर से उपचारित जरूर करें। 

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