Compensation Scheme : मौसम परिवर्तन के असर को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के अतंर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है। इस बीच राज्य में एक के बाद एक सूखे की मार से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार द्वारा राज्य के 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया है। साथ ही सूखाग्रस्त प्रभावित किसानों को 3500 रुपये की सहायता राशि देने पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है।
दरअसल, देश में इस बार मानसूनी वर्षा का दौर असामान्य रहा। जहां देश के कई इलाक़ों में अत्याधिक बारिश से बाढ़ के हालात देखे गए, तो वहीं कई राज्यों में बारिश का वितरण असामान्य रहा है। इसमें झारखंड राज्य भी शामिल है। इस साल राज्य के कई जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई, जिसके कारण किसान सूखे का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के 17 जिलों के 158 प्रखंड इस बार सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। इसमें 7 जिलों के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त पाए गए हैं। ग्राउंड टूथिंग (जमीनी स्थिति का आँकलन) के आधार पर इन जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। इस सभी प्रखंडों के लगभग 15 लाख किसान इस सूखे के कारण प्रभावित हुए है। सरकार ने इनको आर्थिक सहायता देने का फैसला ने लिया है।
कृषि विभाग ने कराया ग्राउंड टूथिंग
बीते दिन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में राज्य के 17 जिलों के सभी 158 प्रखंडों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। यह लगातार दूसरा वर्ष था जब राज्य में मॉनसून बारिश अनियमित रही। कम और अनियमित बारिश के कारण लगातार दूसरी बार झारखंड सूखे की चपेट में था। इस बार राज्य के 17 जिले सूखे की चपेट में है, जबकि 2022 में 22 जिले सूखे की चपेट में थे। मौसम विज्ञान के आंकड़ों के मुताबिक इस बार राज्य में औसत से 38 फीसदी कम बारिश हुई है। वर्ष 2022 में पड़े सूखे के समय किसानों के पास सिंचाई के लिए साधन थे, जिससे सिंचाई करके उन्होंने खेती की थी। लेकिन 2023 के सूखे में उनके पास ऐसा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसके कारण खेती का रकबा लगभग आधा हो गया था। इस बार राज्य सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 1.61 मिलियन हेक्टेयर में फसल लगाने का लक्ष्य रखा था पर केवल 282,000 हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हो पाई। इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने ग्राउंड टूथिंग कराया था जिसके आधार पर 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है।
3,500 रुपये प्रति किसान सहायता राशि देने का निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार को सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजें ताकि उस राशि से सूखाग्रस्त प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जा सके। सीएम ने पिछले वर्ष की तरह इस साल भी सुखाड़ से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 3,500 रुपए प्रति किसान सहायता राशि देने का निर्देश दिया। साथ ही वैसे किसान, जिनकी फसल कम बारिश के कारण 33 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुई है, उन्हें इनपुट अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
सूखा ग्रस्त घोषित 158 प्रखंड़ों का विवरण
आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में प्रदेश के 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित किया । सूखाग्रस्त घोषित इन सभी प्रखंडों में खूँटी जिला में कर्रा प्रसंड को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। वहीं, चतरा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड में टंडवा, चतरा, गिद्धौर, हंटरगंज, कान्हाचट्टी, कुंदा, लावालौंग, पत्थलगामा, सिमरिया, इटखोरी, मयूरहंड व प्रतापपुर। देवघर जिला में देवघर, देवीपुर, करौं, मधुपुर, मार्गोमुंडा, मनोहरपुर, पालजोरी, सारठ, सोनारायठारी व सारवां को सूखाग्रस्त प्रखंड, धनबाद जिला सूखाग्रस्त प्रखंड में आगराकुंड, बाघमारा, कतरास, बलियापुर, गोविंदपुर, कालियासोल, निरसा, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, टुंडी व धनबाद को शामिल किया गया है।
गढ़वा जिला सूखा ग्रस्त प्रखंड में डंडई, धुरकी, कांडी, केतार, मंझगावां, मेराल, रमकंडा, रमना, रंका, बड़गड़, भवनाथपुर, बिशुनपुर, डंडा, बंशीधर नगर, बरडीहा, भंडरिया, खरौंधी, संगमा चिनिया व गढ़वा को, गिरिडीह जिला में बगोदर, डुमरी, गांडेय, सरिया, बेंगाबाद, बिरनी, देवरी, धनवार, गावां, गिरिडीह, जमुवा, पीरटांड़ व तिसरी, दुमका जिला में दुमका, गोपीकांदर, जामा, जरमुंडी, काठीकुंड,मसलिया, रामगढ़, रानेश्वर प्रखंड, हजारीबाग जिला के बड़कागांव, बरकट्ठा, विष्णुगढ़, चौपारण, चुरचु, दारू, हजारीबाग, कटकमदाग, केरेडारी, बरही, चलकुसा, इचाक, कटकमसांडी, पदमा व टाटीझरिया, और गोड्डा जिला के बोआरीजोर, गोड्डा एवं पत्थरगामा। गुमला जिला सूखाग्रस्त प्रखंड भरनो, डुमरी एवं बिशुनपुर प्रखंडों को सूखाग्रस्त प्रभावित घोषित किया गया।
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