डेयरी किसानों को दूध पर मिलेगा 3 रुपए प्रति लीटर का अनुदान, सरकार ने बनाई 10 करोड़ की योजना

पोस्ट -05 दिसम्बर 2023 शेयर पोस्ट

सरकार ने बनाई 10 करोड़ की योजना, पशुपालकों को मिलेगा 3 रुपए प्रति लीटर का अनुदान

Dairy Farming : सरकार पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। क्योंकि सरकार पशुपालन को ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की आय का एक बेहतर जरिया मानती है। आज गांवों में किसान पशुपालन में दुधारू पशुओं का पालन कर उनसे बढ़िया मुनाफा कमाते हैं। इसी को देखते हुए कई राज्यों की सरकारें पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने स्तर पर आए दिन नई-नई योजनाएं लांच करती है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को दूध का उचित दाम दिलाने एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्हें सरकार द्वारा दूध बेचने पर प्रति लीटर की दर से अनुदान भी दिया जाता है। बिहार सरकार द्वारा भी राज्य में दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसान एवं डेयरी पशुपालकों को दूध पर प्रति लीटर 3 रुपए का अनुदान देने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने इसके लिए 10 करोड़ रुपए की बजट धनराशि योजना को मंजूरी भी प्रदान की है। सरकार का मानना है कि इससे आगामी गर्मी के मौसम में दूध का उत्पादन प्रभावित होने से राज्य में पशुपालकों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। क्योंकि दूध का उत्पादन घटने पर पशुपालकों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार अनुदान के माध्यम से करेगी। आइए, सरकार की पूरी योजना के बारे में जानते हैं।
 
प्रति लीटर 3 रुपए का अनुदान दिया जाएगा
 
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने राज्य में पशुपालकों के हित का ख्याल रखते हुए उन्हें दूध उत्पादन पर 3 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान देने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा दूध पर दिया जा रहा अनुदान का लाभ केवल उन्हीं पशुपालकों को मिलेगा,  जिन्होंने दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से दूध बेचा है। इस वर्ष 2023 में अप्रैल महीने से जून माह के बीच ऐसे सभी पशुपालाकों को दूध पर अनुदान देने के लिए विभाग ने करीब 10 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति दी है। इस धनराशि से वर्ष 2023 में गर्मी के महीनों में दुग्ध सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालकों एवं किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
 
अनुदान का भुगतान डीबीटी के माध्यम से
 
बता दें कि राज्य दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड (कॉम्फेड) के अधीन विभिन्न दुग्ध संघों, डेयरी इकाइयों द्वारा दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दूध इकट्ठा किया जाता है। योजना के तहत पशुपालकों को यह अनुदान 3 माह अप्रैल से जून के बीच 91 दिनों के लिए दिया जाएगा। पशुपलाकों को अनुदान राशि का भुगतान डीबीटी  (DBT) के माध्यम से किया जाएगा। माह अप्रैल से जून 2023 के बीच कुल 91 दिनों के दौरान समितियों में 3.663 लाख किलोग्राम दूध की आपूर्ति की गई। किसानों को इन 91 दिनों में समितियों को आपूर्ति किए गए प्रति लीटर दूध पर तीन रुपए का अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए कुल 9 करोड़ 99 लाख 99 हजार रुपए का बजट मंजूरी किया है। राज्य में अभी 8 दुग्ध सहकारी संघ हैं, जिनमें क़रीब 27 हजार दुग्ध सहकारी समितियां शामिल हैं।

पशुपालकों का बढ़ेगा मुनाफा

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के मुताबिक गर्मी के महीनों में तापमान में वृद्धि होने एवं हरे चारे की कमी से दुधारू मवेशियों को आहार खिलाने में चारे पर आने वाले खर्च में बढ़ोतरी हो जाती है और दुग्ध उत्पादन में भी कमी आती है। परिणास्वरूप दुग्ध उत्पादकों पर इन दोनों के प्रभाव की वजह से उनकी आय में भी काफी गिरावट हो जाती है। राज्य के पशुपालकों को गर्मी के महीनों में अनुदान से पशुओं के आहार पर होने वाले लागत खर्च की आपूर्ति की जा सकेगी। इससे पशुपालकों को नुकसान नहीं होगा और वे पशुपालन व्यवसाय के साथ जुड़े रहेंगे तथा पशुओं की संख्या बढ़ाने और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे राज्य में दूध के उत्पादन में वृद्धि होगी। 

दुध उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से चलाई जा रही समग्र गव्य विकास योजना

पशुपालन को आय का एक बढ़िया जरिया मानते हुए, बिहार सरकार राज्य में समग्र गव्य विकास योजना चला रही है। इस योजना के उद्देश्य राज्य के किसानों, पशुपालकों, बेरोजगार युवक और युवतियों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करना है। जिससे राज्य में रोजगार का सृजन और दुग्ध का उत्पादन बढ़ाया जा सके। इस योजना के  अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कृषकों, बेरोजगार युवक और युवतियों को दुधारू मवेशियों की डेयरी इकाई खालने के लिए अनुदान दिया जाता है। सरकार की इस योजना का लाभ लेकर बेरोजगार नागरिक डेयरी स्थापित कर अपनी आय में इजाफा कर सकता है। इस योजना के तहत 2-4 दुधारू मवेशियों की डेयरी खोलने पर बिहार सरकार द्वारा सामान्य वर्ग लाभार्थियों को 50 प्रतिशत और अत्यंत पिछड़ा अनुसूचित और जनजाति को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

बिहार समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत अनुदान दुधारू पशुओं में गाय-भैंस की डेयरी यूनिट के लिए किसान सरकार की गव्य विकास निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/  पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इस  योजना का कार्यान्वयन बिहार के सभी जिलों में संबंधित विभाग के जिला गव्य विकास अधिकारी द्वारा किया जा रहा है।

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