किसानों को कृषि क्षेत्र से बेहतर लाभ मिले, इस प्रयास में सरकार समय-समय पर अपने राज्य के किसानों के हित में नई-नई योजनाएं लेकर आती है। हर संभव प्रयास करती है। जिससे किसान खेती-बाड़ी से अच्छा लाभ अर्जित कर सके। किसानों को खरीफ सीजन 2022-23 में खेती -किसानी में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए राजस्थान सरकार ने एक अहम घोषणा की है। राज्य शासन ने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण देने की योजना को निरंतर रखते हुए खरीफ सीजन 2022-23 के लिए 25 करोड़ रूपए की राशि का फसली ऋण वितरित करने का फैसला किया है।
शासन ने सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण देने के लिए फसली ऋण योजना को जारी रखा है। इसमें विशेष तौर पर मत्स्य व पशुपालन करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। राजस्थान सरकार द्वारा इस बार करीब 5 लाख नए किसानों को फसली ऋण योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी सहकारी बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है ताकि अधिक से अधिक किसानों को कृषि ऋण मिल सके।
राज्य सरकार का कहना है कि इससे राज्य में खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। सरकार का यह कदम, खरीफ फसल में वृद्धि करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने और उनकी आय बढ़ाने के ध्येय से प्रेरित है। ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से हम आपको सरकार द्वारा फसली ऋण को लेकर किए गए फैसले की जानकारी उपलब्ध कराने जा रहे हैं। आशा करते है इस जानकारी से आप भी फसली ऋण योजना का लाभ उठा पाएंगे।
राजस्थान शासन ने अल्पकालीन फसली ऋण योजना का आरंभ राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के नेतृत्व में किया है। योजना के तहत प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों को राज्य सरकार की तरफ से कृषि कार्य जैसे- बुवाई, निराई, उर्वरक, खेत में जुताई करने, प्रत्यारोपण, फसल के लिए बीज खरीदना, कीटनाशक आदि से खेतो में फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता हैं। इसमें किसान को एक बार में अधिकतम 10,000 रूपए की राशि का भुगतान किया जायेगा। योजना का लाभ यह होगा कि किसानों को किसी बड़े साहूकार के पास जाकर कृषि कार्य के लिए भारी ब्याज दर पर उधार नहीं लेना पड़ेगा। वह आसानी से राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही इस योजना के माध्यम से बिना किसी ब्याज के ऋण प्राप्त कर खेती कर सकेंगे और उन पर किसी तरह का बोझ भी नहीं पड़ेगा। अल्पकालीन फसल ऋण योजना में उन किसानों को बिना किसी ब्याज के ऋण प्रदान किया जायेगा, जिनके पास राज्य में कही पर भी कृषि योग्य भूमि उपस्थित है, वह इस योजना के तहत ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2022-23 में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को राहत देते हुए शून्य ब्याज दर पर कृषि ऋण मुहैया कराने का फैसला किया है। प्रशासन ने राज्य में पशुपालक किसानाें एवं मछली पालकों को जीरो ब्याज दर पर लोन देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अपेक्स बैंक में सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए इस संबंध में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े पशुपालक किसान एवं मछली पालकों को सरकार इस साल 25 करोड़ रूपए का फसली ऋण वितरित करेंगी। जबकि साल 2021-22 में राजस्थान के सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों को 18,500 करोड़ रूपए का फसली ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिक से अधिक नए सदस्य किसानों को फसली ऋण से जोड़ा जाए। शासन ने इस साल के लिए करीब 5 लाख नए किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसली ऋण वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मछली पालन और पशुपालन के काम में लगे लोगों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा कहा कि इस वर्ष सरकार ने 5 लाख नए सदस्य किसानों को जीरो प्रतिशत पर फसली ऋण का लाभ देने का फैसला लिया है। यह फसली ऋण किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को दिया जाएगा। कार्ड धारक किसान प्रदेश के सहकारी बैंक से बिना कोई ब्याज के कृषि लोन प्राप्त कर सकता है। वहीं किसान क्रेडिट कार्ड की सहायता से किसान को एक लाख रूपए तक का फसली ऋण शून्य ब्याज दर पर दिया जाता है। कार्ड धारक किसान इस कार्ड पर अधिकतम 3 लाख रूपए तक का कृषि ऋण उठा सकते हैं। उन्होंने कहा अब शून्य ब्याज लोन योजना में मछली पालन और पशुपालन को जोड़ने के बाद इसका काफी विस्तार हो जाएगा। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने आगे यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं पशुपालन के साथ नॉन फार्मिंग गतिविधियां जैसे- हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि का काम करने वाले किसान वर्ग को राज्य सरकार इस वर्ष करीब एक लाख परिवारों को 2 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपए राशि का प्रावधान किया गया है।
सहकारिता विभाग प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने अधिकारियों को निर्देश देते कहा कि सहकारी बैंक यह सुनिश्चित करें कि राजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को आवश्यकता के अनुसार लोन उपलब्ध हो जाए। इस वर्ष 25 करोड़ का ऋण इन समूहों को वितरित किया जाना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार हर ग्राम पंचायत पर ग्राम सेवा सहकारी समिति का गठन किया जाना है। ग्राम सेवा सहकारी समितियां अपनी आय के लिए केवल फसली ऋण वितरण तक ही सीमित नहीं रहें। सहकारी बैंकों से जुडे़ सभी किसानों का बीमा हो, कोई भी किसान बीमा से वंचित नहीं होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को व्यवसाय के विविधीकरण के लिए प्रेरित करें ताकि वे स्वयं की आवश्यकता के साथ-साथ आसपास के लोगों की जरूरतों को भी पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि किसान शून्य ब्याज दर पर कृषि ऋण की अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी सहकारी बैंक से संपर्क करके जानकारी ले सकते हैं।
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