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यमुना प्राधिकरण : किसानों को बड़ी राहत 10 हजार किसानों को मिलेगा मुआवजा

यमुना प्राधिकरण : किसानों को बड़ी राहत 10 हजार किसानों को मिलेगा मुआवजा
पोस्ट -21 जून 2024 शेयर पोस्ट

Yeida Pending compensation : किसानों को जल्द मिलने वाला है 10 सालों से लंबित मुआवजे का भुगतान

Pending compensation : उप्र के किसानों के बड़ी खबर है। खबर यह है कि यमुना एक्सप्रेसवे से सटे गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़ और आगरा के आस-पास रहने वाले करीब दस हजार किसान परिवारों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। क्योंकि शासन इन किसानों को जल्द ही लंबित मुआवजा का भुगतान करने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने कहा है कि वह सितंबर के बाद कुल बकाया धनराशि 1689 करोड़ रुपए के 50 फीसदी राशि का भुगतान करना शुरू कर देगा, जो करीब 845 करोड़ रुपए होगी। यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण की 81वीं बोर्ड आगामी मीटिंग 22 जून 2024 को होगी। इसमें कुल 37 प्रस्ताव रखे जाएंगे। जिसमें कई मुख्य प्रस्ताव होंगे। इस बैठक में कई अहम मुद्दों चर्चा की जाएगी। उम्मीद लगाई जा रही है कि यमुना विकास प्राधिकरण से जुड़े सभी खरीदारों व आवंटियों की समस्याओं का समाधान हो जाएगा। सबसे खास यह होगा कि यमुना एक्सप्रेसवे बनने के दौरान जिन किसानों ने जमीन दी थी, उनको अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही उन बिल्डरों को झटका लगेगा, जिन्होंने प्राधिकरण का बकाया पैसा जमा नहीं कराया है।

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10 सालों से लंबित है मुआवजायमुना प्राधिकरण : किसानों को बड़ी राहत 10 हजार किसानों को मिलेगा मुआवजा (Compensation is pending since 10 years Yamuna Authority: Big relief to farmers, 10 thousand farmers will get compensation)

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के दिवालिया घोषित हो जाने के बाद से ही 10 सालों से यह मुआवजा लंबित था। एनसीएलएटी के आदेश के अनुसार, मुआवजा का जिम्मा मुंबई स्थित सुरक्षा रियेल्टी पर है, जिसने हाल ही में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के दिवालिया होने के बाद उस कंपनी को अधिग्रहण (टेकओवर) किया था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा रियेल्टी ने कुल बकाया मुआवजा राशि में से अपने हिस्से की करीब 34 फीसदी राशि भुगतान करने पर सहमति दी है, जबकि इससे पहले कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष दस प्रतिशत का भुगतान करने का संकेत दिया था। उल्लेखनीय है कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने नोएडा से आगरा तक बनने वाली 160 किमी लंबी यमुना एक्सप्रेसवे सड़क निर्माण में डेवलपर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2003 के एक समझौते के मुताबिक, एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए यमुना प्राधिकरण ने जेआईएल को 6,177 एकड़ जमीन दी। यह जमीन एक्सप्रेसवे से सटे पांच अलग-अलग स्थानों पर किसानों से 90 साल के लीज पर ली गई थी। जेआईएल इस जमीन को  विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने वाली थी, लेकिन इन पांच जगहों में से सिर्फ 3 जगहों पर ही कंपनी ने काम शुरू कर पाई और 2017 में कंपनी दिवालिया घोषित हो गई थी।

किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा (Farmers will get additional compensation)

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 24 मई को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण ने सुरक्षा रियेल्टी को निर्देश दिया था कि वह किसानों को 1,334.31 करोड़ रुपये या कुल 1,689 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे का 79 प्रतिशत भुगतान करे, क्योंकि ट्रिब्यूनल ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को एक सुरक्षित वित्तीय ऋणदाता घोषित किया था। शेष 355 करोड़ रुपये की राशि प्राधिकरण द्वारा वहन की जानी थी। उम्मीद है कि जिन किसानों की यमुना एक्सप्रेसवे में जमीन गई है, उनको 64.7 प्रतिशत एक्स्ट्रा मुआवजा मिलेगा। ऐसे करीब 50 हजार किसान हैं। किसानों के लिए बेहद अच्छी और खुशी की खबर है। इन किसानों को 1,689 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा।

भुगतान के लिए सुरक्षा रियेल्टी ने रखी ये मांग (Security Realty made this demand for payment)

प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि किसानों को बकाया मुआवजे का भुगतान करने के लिए सुरक्षा रियेल्टी 490 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान करेगी। इसमें यमुना प्राधिकरण भी अपना हिस्सा देगा। इस बड़ी रकम के भुगतान के एवज में सुरक्षा रियेल्टी ने मांग की है कि यमुना प्राधिकरण उसके लिए जमीन पर कब्जा सुनिश्चित करें। जिन किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग के लिए विभिन्न अदालतों में मामले दायर किए हैं उन्हें वापस लिया जाए। कंपनी 4 किस्तों में किसानों को बकाया पैसे का भुगतान करेगी। इसमें दो किस्त 120 करोड़ रुपए और अगली 2 किस्त 302 करोड़ रुपए धनराशि की होगी। लेकिन कंपनी ने इसके लिए अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं की है। बता दें कि पिछले वर्ष सात मार्च को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने सुरक्षा रियेल्टी लिमिटेड की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी।

अब बड़ी कंपनी करेंगी विकास कार्य (Now big companies will do development work)

यमुना प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ ने बताया कि उन बिल्डरों की जमीन का आवंटन रद्द किया जाएगा, जिन्होंने यमुना प्राधिकरण का बकाया पैसा जमा नहीं किया है। इसके अलावा, यमुना सिटी के सेक्टर-18, सेक्टर-20 और सेक्टर-22डी में आवंटियों को घर बनाने का समय अतिरिक्त दे दिया है। इन सेक्टरों से जुड़े आवंटी आगामी 31 दिसंबर 2024 तक अपने घर का निर्माण करा सकते हैं। यमुना प्राधिकरण अपनी सिटी में कन्वेशन सेंटर बनाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अब किसी भी सेक्टर या कोई भी विकास कार्यों को विकसित करने के लिए छोटे ठेकेदारों की छुट्टी हो जाएगी। जिस जमीन का क्षेत्रफल 25 एकड़ या उससे अधिक होगा, वहां पर बड़ी कंपनी विकास कार्य करेंगी। साथ उस क्षेत्र के 5 साल तक के विकास की जिम्मेदारी भी उसी कंपनी की होगी।

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