मानव के बेहतर स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है। इसमें फल-सब्जी, दूध, दही आदि विभिन्न खाद्य पदार्थों के अलावा मोटे अनाज से बना भोजन ज्यादा गुणकारी होता है। आजकल किसान ज्यादा मुनाफे वाली फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि केंद्र और कई राज्य सरकारें भी इस तरह की फसलों को प्रोत्साहित कर किसानों को ऐसी फसलों के लिए अनुदान भी देती है लेकिन अब केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व स्तर पर मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया है। इसी के अंतर्गत यूएसए ने 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया है। इससे प्रेरित होकर भारत सरकार ने अन्न श्री योजना शुरू की है उसमें मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा। देश में मोटे अनाज की फसलों का उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी मोटे अनाज वाली फसलें पिछले कुछ सालों से कम होने लगी है, यहां इस प्रकार के अनाजों की कमी आ रही है। इससे चिंतित हिमाचल प्रदेश की सरकार ने अन्न श्री योजना के तहत मोटे अनाजों के बीजों पर आकर्षक सब्सिडी प्रदान करने फैसला लिया है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य मोटे अनाजों की फसल के लिए बढ़ावा प्रदान करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। मोटे अनाजों पर सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान का लाभ कैसे और किस कैटेगरी के किसानों को कितना मिलेगा? इस योजना में कैसे और कहां आवेदन किया जाए? इन सवालों के जवाब के लिए हमारे साथ ट्रैक्टर गुरू पर बने रहें।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बीज पर अनुदान दिए जाने की घोषणा की है। इससे सभी श्रेणी के किसानों को लाभ मिलेगा। सरकारी घोषणा के अनुसार जिन मोटे अनाजों की फसलों की बुआई के लिए बीजों पर अनुदान दिया जाएगा उनमें रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी शामिल है। इन पर 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी। गौरतलब है कि बाजार में इन फसलों के बीजों की कीमत करीब 200 रुपये प्रति किलोग्राम है। 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सरकार छूट दे रही है, इससे किसानों का पैसा बचेगा और वे मोटे अनाज वाली फसलों में रुचि लेकर इनकी खेती करेंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के कृषि विभाग की ओर से जगह-जगह जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए अनाज के बीजों पर निर्धारित सब्सिडी मिलेगी। जो किसान सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं वे अपने नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए अपना आधार कार्ड, किसान कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी, स्वयं का पासपोर्ट साइज का फोटो, राशन कार्ड , निवास प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज संलग्न करना जरूरी है।
मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में बरसात के मौसम में मई अंत तक या जून के पहले पखवाड़े तक आसानी से इनकी बुआई की जा सकती है। इससे सिंचाई की भी कम आवश्यकता होगी और लागत कम आएगी। वहीं मोटे अनाज के लिए कम पोषक तत्वों वाली मिट्टी भी उपयुक्त मानी जाती है। खेत में पानी निकास का इंतजाम पहले कर लेना चाहिए।
मोटे अनाजों का भोजन में उपयोग करने से कई तरह के पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं जैसे रागी, कोदरा, स्वांक, बाजरा और कुटकी हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। इनमें आयरन, कैल्सियम आदि की मात्रा ज्यादा होती है। इसमें विटामिन बी-3 भी पाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मिलेट ईयर घोषित किया है। इसके तहत भारत में केंद्र सरकार ने मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए अन्नश्री योजना शुरू की है। इस योजना के तहत ही हिमाचल प्रदेश में परंपरागत खेती को सरकार बढ़ावा दे रही है। केंद्र सरकार द्वारा भी बजट 2023-24 में किए गए प्रावधानों के तहत अन्न् श्री योजना से किसानों का रुख परंपरागत फसलों की ओर होगा। लोगों की थाली में पोषक तत्वों से भरपूर अनाज से बने भोजन की वापसी होगी।
मध्यप्रदेश में सरकार ने मोटे अनाज की खेती करने पर किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करने का ऐलान किया है। यह सब्सिडी बीज खरीदने पर मिलेगी। ये बीज किसान चाहें तो सहकारी समितियों या अन्य सरकारी संस्थानों से खरीद सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। राज्य कृषि उत्पादन आयुक्त की देखरेख में यह समिति काम करेगी।
जिस तरह से हिमाचल प्रदेश में सरकार मोटे अनाज की खेती के लिए जगह-जगह शिविर लगाकर जागरूकता अभियान चला रही है, ठीक उसी की तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए उचित ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संयुक्त राष्ट संघ के मिलेट वर्ष 2023 और केंद्र सरकार की अन्न श्री योजना के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा मोटे अनाज के प्रोसेसिंग और मार्केट पर सेमीनार,फूड फेस्टिवल, रोड शो आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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