हरी खाद की खेती पर मिलेंगे सरकार से 7200 रुपए जानें कैसे करे आवेदन

पोस्ट -12 मार्च 2023 शेयर पोस्ट

जानें, किस राज्य सरकार की है ये योजना और किसान कैसे ले सकते हैं 80% तक सब्सिडी का लाभ

आज के समय में किसान खेती में अपनी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग अधिक मात्रा में करते हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। रासायनिक खाद और उर्वरकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से भूमि के बंजर होने का खतरा बना रहता है। अभी बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को जैविक खेती की तकनीक को अपनाने पर जोर दिया था और इसके लाभ भी बताए थे। इसके बाद कई राज्य सरकारें भी किसानों को खेती में जैविक तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य में हरी खाद ढेंचा की खेती करने वाले किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है। ढेंचा का इस्तेमाल किसान अपनी फसल में खाद के रूप में कर सकते हैं। खास बात यह है कि ढेंचा का इस्तेमाल खाद के रूप में करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर किसी भी प्रकार का विपरित असर नहीं होता क्योंकि ये एक प्रकार की जैविक खाद है। किसान भाइयों आज ट्रैक्टरगुरु की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ हरियाणा सरकार की इस अनुदान योजना से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करेंगे।

हरी खाद क्या होती है?

खेती में हरी खाद उस सहायक फसल को कहते हैं जिसकी खेती मुख्यत: भूमि में पोषक तत्वों को बढ़ाने तथा उसमें जैविक पदाथों की आपूर्ति करने के उद्देश्य से की जाती है। इस तरह की फसल को इसकी हरी अवस्था में ही हल चलाकर मिट्टी में अच्छे से मिला दिया जाता है। जब बिना गले-सड़े हरे पौधे (दलहनी एवं अन्य फसलों अथवा उनके भाग) को मिट्टी की नाईट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबा दिया जाता है जिससे ये फसल खाद का काम करती हैं। हरी खाद के उपयोग से न सिर्फ मिट्टी में नाइट्रोजन की उपलब्धता बढ़ती है बल्कि मिट्टी में अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।

हरी खाद का उपयोग करने से होने वाले लाभ

  • हरी खाद में नाइट्रोजन व कार्बनिक पदार्थों होते हैं जो खेत की मिट्टी के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा इससे मिट्टी में कई अन्य आवश्यक पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
  • हरी खाद के उपयोग से खेत की मिट्टी भुरभुरी होती है। मिट्टी की वायु संचार और जल धारण क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
  • हरी खाद के उपयोग से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या एवं क्रियाशीलता बढ़ जाती है तथा खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
  • हरी खाद के उपयोग से मिट्टी में लगने वाले रोगों में भी कमी आती है।
  • इसके उपयोग से रसायनिक उर्वरकों में कमी करके भी खेती से बढ़िया उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

हरी खाद की खेती पर कितना मिलेगा अनुदान

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो रासायनिक उर्वरक यूरिया के बजाए हरी खाद सनई-ढेंचा एक बेस्ट इको फ्रेंडली खाद का विकल्प है। यूरिया या अन्य रासायनिक खाद के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जबकि हरी खाद का उपयोग करने से खेत की मिट्टी में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता। हरी खाद वातावरण में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में मददगार होती है, मिट्टी में जीवांशों की संख्या भी बढ़ती है। साथ ही हरी खाद से खेत का भूजल स्तर भी बेहतर पाया गया है, इसलिए हरी खाद ढेंचा की खेती पर सरकार 80 प्रतिशत तक की यानी एक एकड़ के लिए 720 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है।

किसान कैसे ले सकते हैं इस योजना का लाभ

यदि आप भी हरियाणा राज्य के किसान हैं तो ढेंचा के बीजों को अनुदान पर प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको मेरी फसल–मेरा ब्यौरा पोर्टल या www.agriharayana.gov.in पर 4 अप्रैल 2023 ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है।

यहां ऑनलाइन आवेदन करने के बाद किसान को रजिस्ट्रेशन स्लिप, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड समेत सभी आवश्यक दस्तावेजों की कॉपी हरियाणा सरकार के बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र पर जमा करनी होगी। यहां पर किसान 20 प्रतिशत राशि का भुगतान करके किसान भाई अनुदान पर हरी खाद का बीज प्राप्त कर सकते हैं।

कितने एकड़ की खेती के लिए सरकार देगी अनुदान

हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, राज्य के किसानों को हरी खाद की खेती के लिए प्रति एकड़ 720 रुपये की सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। किसान भाई अधिकतम 10 एकड़ तक के लिए यानी 7200 रुपये तक का अनुदान ले सकते हैं।

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