National Agricultural Development Scheme : किसानों की आर्थिक मजूबत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश में राष्ट्रीय कृषि विकास मिशन (RKVY) योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत कई राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम की शुरूआत कर किसानों को विभिन्न फल, सब्जी और मसाला फसलों की खेती पर अलग-अलग अनुदान का लाभ दे रही है। इसी कड़ी में राजस्थान में किसानों को खजूर की खेती पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है, जिसके लिए उद्यानिकी विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के 17 जिलों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agricultural Development Scheme) संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत इन जिलों में किसानों को खजूर की खेती करने पर अनुदान का लाभ मिलेगा, लेकिन इसके लिए किसानों को योजना के तहत आवेदन करना होगा। आईए इस लेख की मदद से इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
दरअसल, खजूर ड्राई फ्रूट्स के अंतर्गत आता है और इसकी पैदावार शुष्क जलवायु वाले रेतीली भूमि वाले क्षेत्रों में अधिक होती है। इस प्रकार की योग्य भूमि राजस्थान के कई हिस्सों में मौजूद है। जहां राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) किसानों को खाड़ी देशों में उगने वाले खजूर की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग राजस्थान सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत टिश्यू कल्चर तकनीक (tissue culture techniques) एवं ऑफशूट (offshoot) से उत्पादित खजूर पौधे रोपने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए उद्यानिकी विभाग ने राज्य के 17 जिलों का चयन किया है। इन चयनित जिलों में अगर कोई किसान इस योजना के अंतर्गत खजूर की खेती करते है, तो उन्हें उद्यानिकी विभाग राजस्थान सरकार (Rajasthan Horticulture Departments) द्वारा सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
बता दें कि पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में सैंकड़ों किसान खजूर की खेती से अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से कर रहे है। पश्चिमी राजस्थान की शुष्क जलवायु और रेतीली मिट्टी खजूर की खेती (date palm farming) के लिए वरदान साबित हो रही है। ऐसे में उद्यान विभान द्वारा पश्चिमी राजस्थान के चूरू, बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, सिरोही, हनुमानगढ़, जोधपुर, नौगर, पाली, झुंझुनू, बीकानेर और जालोर जिलों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत किसानों को खजूर के बगीचे लगाने हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को खजूर के बगीचे के लिए पौधे और पौधे की रोपाई करने पर अनुदान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में टिश्यू कल्चर तकनीक (tissue culture techniques) एवं ऑफशूट (offshoot) से उत्पादित खजूर की खेती करने पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत जैसलमेर के किसान कम से कम 0.5 हेक्टेयर और अधिकतम चार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर खजूर की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। उद्यानिकी विभाग, जैसलमेर के सहायक निदेशक के मुताबिक, खजूर के पौधों की रोपाई के लिए किसानों को एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में 148 मादा पौधे व 8 नर पौधों की आवश्यकता होगी। खजूर की मादा किस्मों में बरही, खूनेजी, मेडजूल, खलास, सगई, जामली, खदरावी एवं हलावी शामिल है, जबकि नर किस्मों में अल-इन-सिटी व घनामी पर ही उद्यान विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाएगी।
सहायक निदेशक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जैसलमेर के किसानों को इस वित्तीय वर्ष में करीब 6000 पौधे रोपने के लिए वितरित किए जा रहे है। चयनित जिलों के किसान ऑफशूट एवं टिश्यू कल्चर से तैयार पौधे से खजूर के बगीचा लगा सकते हैं। हांलाकि खजूर का बगीचा लगाने के लिए किसानों को ड्रिप सिंचाई सिस्टम स्थापित करना अनिवार्य है। विभागीय गाइडलाइंस के अनुसार ड्रिप सिंचाई सिस्टम के लिए किसानों को पृथक से अनुदान दिया जाएगा। योजना के निर्देशानुसार टिश्यू कल्चर तकनीक से उत्पादित खजूर पौध लगाने पर किसानों को प्रति पौधा 3 हजार रुपए या प्रति पौधा इकाई लागत का 75 प्रतिशत जो भी कम हो, सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, ऑफशूट तकनीक से उत्पादित खजूर पौधे पर किसानों को अनुदान मातृ (मदर) पौधे से अलग होने के तुरंत बाद के ऑफशूट खजूर प्रति पौधा खरीद मूल्य 1 हजार रुपए पर 75 प्रतिशत और जड़ विकसित होने या जमने के बाद प्लास्टिक थैली सहित खजूर पौधे की खरीद मूल्य 1500 रुपए पर 75 प्रतिशत का अनुदान किसानों को दिया जाएगा।
उद्यानिकी एवं उद्यान विभाग, जैसलमेर के डिप्टी डायरेक्टर प्रताप सिंह कुशवाहा के अनुसार, एक हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण सामग्री के साथ खजूर के नए बगीचे की स्थापन के पर लगभग 3.8 लाख रुपए की लागत आती है। यह लगात योजना के तहत खजूर की खेती के लिए दी जा रही 75 प्रतिशत अनुदान के हिसाब से अनुमानित है। खजूर के एक हेक्टेयर बगीचे से लगभग 3 टन खजूर की पैदावार प्राप्त हो जाती है। इस पैदावर को बाजारों में अच्छी कीमत पर बेचकर लगभग 4 से 5 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। इसमें से लागत खर्च अलग करके प्रति हेक्टेयर 3 से 3.5 लाख रुपए तक का शुद्ध लाभ पांच साल बाद कमाया जा सकता है।
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