CM Awas Yojana : केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार प्रदेश में उन सभी लो इनकम ग्रुप (low income group) के परिवारों को सस्ते आवास दे रही है, जिनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं है और वे झोपड़पट्टी में रहकर अपना जीवन यापन करते हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि “पीएम आवास योजना- ग्रामीण” (PMAY-G) के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती पक्के घर देने में उत्तर प्रदेश, देश के बाकि राज्यों की तुलना में आगे है। प्रदेश में किसी भी परिवार को बेघर न रहना पड़े, इसके लिए योगी सरकार सर्वेक्षण के आधार पर झुग्गीवासियों सहित ईडब्ल्यूएस / एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के अनुसूचित जाति / जनजाति के बेघर परिवारों की पहचान कर पक्का घर सुनिश्चित कर रही है। ग्रामीण विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कहा गया है कि सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक बेघर परिवार को छत देने की मुहिम के तहत अपनी प्राथमिकता सूची (Priority List) का दायरा बढ़ाया है। राज्य सरकार इसके तहत अब सड़कों पर रहने वाली घुमंतू जातियों को पक्का घर सुनिश्चित कराने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बताया गया है कि पीएम आवास योजना के तहत प्रदेश में पहचाने गए अधिकांश बेघर परिवारों को पक्के घर बनाकर दिए जा चुके हैं। सर्वेक्षण वर्ष 2018 की सूची के आधार पर योगी सरकार ने प्रदेश में तय लक्ष्य के अंतर्गत कम आय वर्ग के लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया है। हालांकि, इसके बावजूद भी अभी कई ऐसे परिवार शेष हैं, जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। पक्के घर मिलने से वंचित रहे परिवारों को यह सहूलियत देने के लिए सीएम योगी सरकार, “मुख्यमंत्री आवास योजना” के अंतर्गत किफायती पक्के घर बनाकर दे रही है। इस योजना में योगी सरकार ग्रामीण इलाकों में ऐसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवारों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पक्के घर बनाकर दे रही है, जो गरीबी का दंश झेल रहे हैं और उन परिवारों के पास रहने के लिए अपना पक्का घर नहीं है।
योगी सरकार प्रदेश में किसी को बेघर नहीं रहने देगी। सभी पात्र परिवारों को खुद के पक्के घर में रहने का सपना पूरा कराने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य सरकार ने सीएम आवास योजना-ग्रामीण का दायरा बढ़ाया है। इस योजना के तहत लो आय वर्ग के परिवारों को आवास लाभ देने के मानदंडों में परिवर्तन करते हुए तीन अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता सूची (Priority List) वाली जातियों में शामिल कर लिया है। योगी सरकार ने इस श्रेणी में बांसफोर, बसोड़ एवं धरकार जातियों को शामिल कर इसका दायरा बढ़ाया है। योजना की प्राथमिकता सूची (List) में पात्र लाभार्थियों के नाम जोड़ने की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। इसके लिए विभाग द्वारा तैयारी भी चल रही है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि योगी सरकार प्रदेश में सड़कों पर रहने वाली घुमंतू जातियों को भी सस्ते पक्के घर देकर उन्हें बेघर रहने के सदियों पुराने अभिशाप से मुक्त करने जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति में शामिल इन तीनों जातियों के प्रदेश में बेघर परिवारों की संख्या लगभग 10,423 है। ये पात्र परिवार प्रदेश के 27 जनपदों में चिन्हित किए गए हैं, जिनमें बांसफोर जाति के परिवारों की संख्या 413, बसोड़ समुदाय के परिवारों की संख्या 5029 और धरकार वर्ग के परिवारों की संख्या 4981 है।
विभाग द्वारा जारी आधिकारिक बयान में उपमुख्यमंत्री मौर्य ने बताया कि सड़कों के किनारे बांस का कार्य करके दिन गुजारने वाली बांसफोर जाति और इस प्रकार के कामों से जुड़ी धरकार व बसोड़ समुदायक को उनकी निर्धनता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पात्रता की प्राथमिकता सूची में सम्मिलित किया गया है। मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, प्रदेश सरकार गरीबों को आवास देने के मामले में अव्वल है। उन्होंने ग्राम्य विकास के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि, इसे बरकरार रखने के लिए किफायती आवास निर्माण के कार्य में किसी तरह की कोताही (कमी) न बरती जाए। मंत्री मौर्य ने कहा कि योजना के तहत जिन लाभार्थियों को घर निर्माण के लिए जो धनराशि आवंटित की गयी है, उनके अगर घर नहीं बन पाये हैं या अधूरे हैं, तो उन्हें शीघ्र पूरा कराया जाए। इस कार्य में किसी भी स्तर पर ढिलाई बरतने की शिकायत मिलने पर सख्ती से जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
इस दिशा में राज्य के ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीएम आवास योजना ग्रामीण (CMAY-Gramin) के तहत पक्के घर बनाने के काम पर लगातार समीक्षा की जा रही है। बीते दिन इस पर की गई समीक्षा में सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) से उन पंचायतों का ब्यौरा मांगा गया है, जिनमें अभी तक सस्ते आवास निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने इसके लिए पंचायत स्तर पर समीक्षा करने का निर्देश दिए हैं। यह कार्य मिशन मोड में पूरा करना है। विभाग द्वारा भी इसकी पूरी निगरानी की जा रही है।
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