इस साल 2024 में हल्दी की फसल ने किसानों को खुश करने का मन बना लिया है। हल्दी की प्रमुख मंडियों से राहत भरी खबर आ रही है। हल्दी की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से किसानों को जबरदस्त मुनाफा होने की उम्मीद बन गई है। महाराष्ट्र की मंडियों में हल्दी की एक प्रमुख किस्म 31 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक चुकी है।
इससे पहले नवंबर 2023 में दीपावली के बाद जब नई हल्दी आई थी उस समय मुहूर्त भाव 17 हजार रुपए प्रति क्विंटल मिला था। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून सीजन में कम बारिश के कारण हल्दी उत्पादक राज्यों में इस बार हल्दी का कम उत्पादन होने की उम्मीद है। हल्दी की फसल मार्च 2024 तक बाजार में पूरी तरह से आएगी। उसके बाद ही भाव स्थिर होंगे। लेकिन इस बार तेजी की ज्यादा उम्मीद है। आईये, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में जाने कि कौनसी किस्म की हल्दी 31 हजार के भाव से बिकी है और हल्दी बाजार का भविष्य 2024 में क्या रहेगा।
भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत से अधिक है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन हल्दी के उत्पादन के साथ भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी। वहीं वैश्विक हल्दी सम्मेलन 2023 के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 के दौरान हल्दी का उत्पादन घटकर 10.26 लाख टन हो सकता है। हल्दी का क्षेत्रफल 11 प्रतिशत गिरकर 2.86 लाख हेक्टेयर हो गया है। भारत में हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं। देश के 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की 30 से ज्यादा किस्मों की खेती की जाती है।
देश में हल्दी का उत्पादन लगातार गिर रहा है। 2021-22 के दौरान हल्दी की पैदावार 12.2 लाख टन थी जो 2022-23 में घट कर 11.6 लाख टन रह गई। इस बार 2023-24 में 10.26 लाख टन का अनुमान है। कम बारिश के चलते तेलंगाना और महाराष्ट्र में किसानों ने कम रकबे में हल्दी की खेती की है। हल्दी की पैदावार में एक तरफ गिरावट का सिलसिला जारी है वहीं निर्यात बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में विशेषज्ञ तेजी का गणित लगा रहे हैं। यहां आपको बता दें कि हल्दी की अधिकांश किस्म 250 से 270 दिन में पकती है। इसकी बुवाई मानसून सीजन में जुलाई के महीने में शुरू होती है। फसल मार्च तक पककर तैयार होती है। कुछ किस्मे जल्दी पक जाती है जिनकी आवक इन दिनों बाजार में शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र के सांगली बाजार समिति के एक सौदे में राजापुरी किस्म की हल्दी सबसे ज्यादा भाव पर बेची गई है। राजापुरी हल्दी को 31 हजार रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिला। किसान राजेंद्र आनंदराव पाटिल की राजापुरी हल्दी को यह भाव मिला। महाराष्ट्र की सांगली मंडी में इस सीजन की नई हल्दी की आवक शुरू हो गई है। बाजार समिति मैनेजमेंट ने हल्दी की बोली लगाना शुरू कर दिया है। पहले दिन ही हल्दी की कीमत ने किसानों को निराश नहीं किया। हल्दी के अच्छे दाम मिलने से किसानों को आगे भी अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।
पिछले साल ज्यादा उत्पादन और अन्य कई कारणों के चलते हल्दी की कीमत गिर गई थी। किसानों को हल्दी की फसल से ज्यादा फायदा नहीं हुआ था। इसलिए इस बार किसानों ने हल्दी की खेती को घटाकर मक्का व गन्ना की खेती को प्राथमिकता दी। साथ ही कम बारिश के चलते हल्दी की बुवाई इस बार कम हुई है। ऐसे में हल्दी किसानों को उम्मीद है कि कम आवक के चलते उन्हें हल्दी का अच्छा दाम मिलेगा।
राज्य | जिला | मंडी | किस्म | अधिकतम भाव (क्विंटल में) |
आन्ध्र प्रदेश | गुंटूर | दुग्गीराला | उँगलिया | 10775 रुपए |
आन्ध्र प्रदेश | कडप्पा | कडप्पा | उँगलिया | 9815 रुपए |
महाराष्ट्र | मुंबई | मुंबई | अन्य | 21000 रुपए |
महाराष्ट्र | हिंगोली | हिंगोली | अन्य | 13800 रुपए |
महाराष्ट्र | सांगली | सांगली | राजापुरी | 31000 रुपए |
महाराष्ट्र | हिंगोली | बसमत | अन्य | 15025 रुपए |
महाराष्ट्र | वाशिम | वाशिम | अन्य | 12650 रुपए |
तमिलनाडु | कोयंबटूर | कोयंबटूर | उँगलिया | 12049 रुपए |
उत्तर प्रदेश | गोंडा | गोंडा | बल्ब | 15000 रुपए |
तमिलनाडु | इरोड | पेरुंदुरै | उँगलिया | 13555 रुपए |
देश में सबसे ज्यादा हल्दी का उत्पादन तेलंगाना में होता है। उसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। एपिडा के अनुसार तेलंगाना और महाराष्ट्र भारत के हल्दी उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं। भारत का कुल हल्दी उत्पादन 8,89,000 टन है। तेलंगाना में 2,94,560 टन और महाराष्ट्र में 1,90,090 टन हल्दी का उत्पादन होता है। महाराष्ट्र में सांगली, सतारा, हिंगोली, नांदेड़, परभणी प्रमुख हल्दी उत्पादक जिले हैं।
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