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फरवरी में गेहूं की फसल को कई तरह से खतरा, इन उपायों से बचाएं फसल

फरवरी में गेहूं की फसल को कई तरह से खतरा, इन उपायों से बचाएं फसल
पोस्ट -01 फ़रवरी 2024 शेयर पोस्ट

फरवरी में तापमान बढ़ने प्रभावित हो सकता गेहूं का उत्पादन, किसान इन उपायों से बचाएं फसल

wheat production : देश में इस बार गेहूं के बंपर उत्पादन होने की संभावन है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे सर्वाधिक गेहूं उत्पादक वाले राज्यों में इस साल किसानों ने गेहूं की बंपर बुवाई की है, जिसके कारण इस साल गेहूं का रकबा पिछले रबी सीजन के तुलना में  अधिक हो गया है। इस साल देश में गेहूं का रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का है, जो की पिछले साल इसी अवधि में यह आकड़ा 335.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल था। इसलिए सरकार ने इस साल 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही इस साल देश में पड़ रही तेज ठंड और शीतलहर के चलते गेहूं की फसल का तेजी से विकास हो रहा है, जिसके चलते किसानों को गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। हालांकि, फरवरी महीने ने गेहूं किसानकी परेशानी बढ़ा दी है। क्योंकि फरवरी में मौसम परिर्वतन देखा जाता है। इस महीने से तापमान में वृद्धि शुरू हो जाती है, जिससे हल्की-हल्की गर्मी बढ़ने लगती है । इससे गेहूं की फसल प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है और उत्पादन भीी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में किसान नीचे बताए जा रहे इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी गेहूं की फसल को भारी नुकसान से बचा सकते हैं, तो आईए, इस पोस्ट की मदद से इन उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।   

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तापमान बढ़ने से गेहूं के उत्पादन आ सकती है गिरावट

दरअसल, अभी ठंड का सीजन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और फरवरी महीने के आगमन के साथ ही पारा चढ़ने लगा है। कुछ राज्यों में तापमान सामान्य से 1-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर है, जिससे हल्की-हल्की  गर्मी की शुरूआत हो चुकी है। वहीं, नए पश्चिमी विक्षोभ बनने की संभावना नहीं हो तो शुष्क मौसम से गर्मी और पानी का दबाव बढ़ सकता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव गेहूं की फसल पर पड़ेगा। ऐसे में तापमान बढ़ने से गेहूं के उत्पादन में गिरावट भी आ सकती है। क्योंकि, गेहूं फसल में अभी बालियां बनना शुरू हुई हैं। ऐसे में मौसम परिवर्तन के चलते गेहूं में भारी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि, मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने  किसानों  का चेताया है कि चिंता करने की कोई कोई जरूरत नहीं है। फरवरी में मौसम बदलाव के कारण ये स्थिति प्रतिवर्ष देखी जाती है। ऐसे में किसानों को अपने गेहूं के खेतों का  नियमित रूप से दौरा कर फसलों की सही देखरेख करनी चाहिए। तापमान अधिक बढ़ने पर गेहूं की फसल की आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई करें। खास बात यह है कि अगर हवा चल रही हो, तो शाम के समय फसल की सिंचाई करनी चाहिए। 

फसल को कीट व व्याधि (रोग) से बचाने के लिए ये करें

एक्सपर्ट की माने तो यह समय गेहूं की फसल के विकास के लिए उपयुक्त होता है। इस दौरान गेहूं की फसल में कल्ले का विकास होता है। ऐसे में गेहूं के कल्ले बनने के समय किसान अपने खेतों में 2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) का छिड़काव जरूर करें। इससे फसल को गर्मी से राहत मिलेगी और गेहूं के कल्ले तेजी से विकसित होंगे। इसके अलावा  फरवरी के मध्य तक गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग आने की संभावना बहुत अधिक रहती है। साथ ही इस दौरान फसल में कीट व व्याधि की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में किसानों को फसल की निगरानी रखने की सलाह दी जा रही है। अगर फसल में पीला रतुआ बीमारी के लक्षण दिखाई दे इसके लिए किसान गेहूं की फसल में 2 किलोग्राम एनपीके 200 लीटर पानी में या फिर 200 लीटर पानी में पांच किलोग्राम यूरिया व 700 ग्राम 33 प्रतिशत मात्रा वाला जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट घोल का छिड़काव करें। साथ ही 20 ग्रमा तायो प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। इससे फसल में कीटों के अटैक की संभावना कम हो जाएगी और उत्पादन में वृद्धि होगी। 

देश में गेहूं की होगी बंपर पैदावार

कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के मुताबिक, चालू रबी सीजन (Rabi Season) में 12 जनवरी तक देश में  गेहूं की बुवाई का रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल रबी मौसम में इस सामन अवधि के दौरान गेहूं का रकबा 335.67 लाख हेक्टेयर का था। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस बार उत्तर प्रदेश में 4.4 प्रतिशत ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की बुवाई किसानों ने की है। पिछले साल के गेहूं बुवाई का यह रकबा 97.12 लाख हेक्टेयर का था। उत्तर प्रदेश में  किसानों ने  चालू रबी मौसम में 101.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई की है।  इससे महाराष्ट्र और राजस्थान में गेहूं के बुवाई के रकबे में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली है। हरियाणा और पंजाब में इस बार गेहूं बुवाई का रकबा लगभग पिछले साल के बराबर ही है। वहीं, नवंबर महीने के आंकड़ों के अनुसार इस बार गेहूं का अधिक बुवाई रकबा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश (3.44 लाख हेक्टेयर) और राजस्थान (0.68 लाख हेक्टेयर) में बताया गया है। मंत्रालय का कहना है कि इससे इस साल देश में गेहूं की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। 

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