Free Seed Distribution : देशभर में रबी फसलों की बुवाई की शुरुआत होने जा रही है। कई राज्यों के किसानों ने फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी है, वहीं अधिकांश किसान बुवाई की तैयारी में लगे हुए हैं। इसी बीच झारखंड सरकार ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत राज्य के किसानों को खरीफ फसलों में हुए नुकसान की भरपाई रबी सीजन में की जाएगी। इस बार किसानों को अधिक क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निःशुल्क बीज मुहैया कराने की योजना सरकार ने तैयार की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को इस वर्ष दलहन और तिलहन फसलों के बीज मुफ्त में वितरित करेगी। हालांकि राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क बीज वितरण की योजना तब कारगर साबित होगी जब किसानों को सही वक्त पर बीज उपलब्ध हो सकेंगे। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि फसलों की बुवाई का समय खत्म होने के बाद किसानों तक बीज पहुंचता है। आईए इस पोस्ट की मदद से इस पूरी योजना के बारे में विस्तार से जानें।
खरीफ सीजन में लक्ष्य से 50 प्रतिशत कम हुई बुवाई
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार झारखंड में मानसून की बेरूखी के कारण कम बारिश हुई। जिसके चलते खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की बुवाई निर्धारित लक्ष्य से 50 प्रतिशत से भी कम क्षेत्र में की गई। खरीफ सीजन की शुरूआत में सही समय पर अच्छी बारिश नहीं होने के कारण राज्य में केवल 17 लाख 36 हजार 608 हेक्टेयर क्षेत्र में ही फसलों की बुवाई हो पायी, जबकि राज्य में खेती योग्य भूमि का क्षेत्र 28 लाख हेक्टेयर है। राज्य में निर्धारित लक्ष्य से कम क्षेत्र में फसलों के आच्छादन के कारण किसानों और राज्य सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिसकी भरपाई और किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार निःशुल्क बीज वितरण योजना लेकर आई है, जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से इस साल चना के मुफ्त बीजों का वितरण किया जाएगा। साथ ही किसानों को मसूर और सरसों के बीज निःशुल्क दिए जाएंगे।
बीज वितरण के निर्धारित लक्ष्य
झारखंड में इस बार रबी सीजन की खेती के लिए किसानों को मुफ्त बीज का वितरण करने की योजना सरकार ने बनाई है। इसके तहत राज्य सरकार 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती के लिए किसानों को करीब 1.20 लाख किलोग्राम सरसों के बीज का वितरण निःशुल्क करेगी। इसी तरह 14 सौ हेक्टेयर भूमि पर चना की खेती के लिए 70 हजार किलोग्राम चना के बीज और पांच सौ हेक्टेयर में मसूर दाल की खेती के लिए 12 हजार पांच सौ किलो बीज का निःशुल्क वितरण किसानों के बीच किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य में तिलहन फसलों की खेती के लिए चयनित बारह जिलों में 1670 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 हजार 200 किलोग्राम बीज का वितरण मुफ्त किया जाएगा।
रबी फसल की खेती के दौरान किसानों को होगा फायदा
गौरतलब है कि झारखंड में अक्टूबर की शुरुआत में हुई अच्छी बरसात के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। क्योंकि अक्टूबर महीने की शुरुआत में हुई झमाझम वर्ष से पोखर, तालाब और कुएं जैसे सिंचाई संसाधनों में जल स्तर बढ़ गया है। जिससे इस बार रबी की फसल की बुवाई और सिंचाई में किसानों को भरपूर फायदा होगा। सितंबर में इन सिंचाई संसाधनों में जल सामान्य से भी कम था। जिसका मुख्य कारण मानसून बारिश का समय पर न होना और सामान्य से कम बारिश का होना है। कुओं और तालाबों में पानी न होने से किसानों को इस दौरान खरीफ फसलों की बुवाई और सिंचाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। फिलहाल, रबी फसलों की खेती में इस तरह की किसी भी परेशानी किसानों को नहीं उठानी पड़ेगी।
मौसम विज्ञान विभाग ने जारी की कृषि सलाह
झारखंड के मौसम विज्ञान विभाग ने रबी खेती को लेकर किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है। इसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान खेत में रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू कर सकते हैं। सरसों की खेती से अच्छी उपज लेने के लिए सरसों की अगेती किस्मों की बुवाई शुरू कर सकते हैं। जिन किसानों के पास सिंचाई के कम संसाधन उपलब्ध हैं वे सरसों की खेती के लिए कम पानी वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं। वहीं, अपने पालतु पशुओं के चारे के लिए हरा चारा की बिजाई भी कर सकते हैं। इस सलाह में कहा गया है कि जिन क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन उपलब्ध हैं, उन क्षेत्रों के किसान आलू, हरा मटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, फ्रेंचबीन, टमाटर और प्याज के साथ-साथ विभिन्न मसाला वाली फसलों जैसे धनिया, अजवाइन, सौंफ और मेथी की बुवाई कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान रबी की प्रमुख फसल गेहूं की खेती के लिए खेत की तैयारी भी शुरू कर सकते हैं।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y