भारत सरकार की पहल पर जहां “श्रीअन्न” यानी मोटे अनाज से तैयार खाद्य पदार्थ के उपयोग तथा इसके सेवन के फायदों से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। वहीं, "राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों को मोटे अनाज (मिलेट) की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ चावल समेत सभी आवश्यक फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक तैयारियां भी शुरू की जा चुकी है। साथ ही राज्यों से मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने का आग्रह भी किया गया है। इस बीच उत्तर प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मोटे अनाजों की खरीद एमएसपी पर 1 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगी। यह खरीदी 31 दिसंबर 2024 तक चलेगी। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा खरीद के लिए पहले से तैयारियां शुरू कर पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। उत्पादकों को मंडियों में उपज बेचने में कोई परेशानी न हो, इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में वर्ष 2024-25 के लिए मोटे अनाजों की खरीद का कार्य एक अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। 'मोटे अनाज' में शामिल मक्का, बाजरा व ज्वार की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण व नवीनीकरण करने का प्रोसेस अभी चल रहा है। खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, इच्छुक किसानों को fcs.up.gov.in या ऐप UP KISAN MITRA पर पंजीकरण/नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उपज की खरीदी केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी।
खाद्य एवं रसद विभाग के मुताबिक, मोटे अनाज की खरीद के लिए क्रय केंद्रों पर आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जा चुकी है। क्रय केंद्रों पर जूट बोरे की पर्याप्त उपलब्धता,अधिकारियों/ कर्मचारियों की तैनाती, इलेक्ट्रानिक कांटा, जनरेटर, बैनर, नमी मापक यंत्र की व्यवस्था और गुणवत्ता परीक्षण उपकरणों की व्यवस्था पूरी की जा चुकी है। किसान अपनी किसी भी समस्या के लिए पूर्व में जारी टोल फ्री नंबर 18001800150 पर संपर्क कर सकते हैं, जबकि जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, विपणन निरीक्षक से सीधे संपर्क भी साध सकते हैं।
सरकार ने श्री अन्न फसलों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाज फसलों के एमएसपी में वृद्धि भी की है। इस खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा का 2625 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार (हाइब्रिड) 3371 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार (मालढ़ांडी) 3421 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके तहत प्रदेश के जनपद बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, कन्नौज, इटावा, बहराइच, बलिया, फर्रुखाबाद, मीरजापुर, सोनभद्र व ललितपुर में मक्का की खरीद की जाएगी।
खाद एवं रसद विभाग ने यूपी के बदायूं, बुलंदशहर, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, संभल, अमरोहा, अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर, जालौन, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर जनपद में बाजरा की एमएसपी खरीद के लिए लक्ष्य जारी किया । वहीं बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर-देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन जिले में ज्वार की खरीद एक अक्टूबर से प्रारंभ होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 के लिए 1.9 मिलियन टन खरीफ मोटे अनाज/बाजरा की खरीद का लक्ष्य रखा है, जो केएमएस 2022-23 (खरीफ फसल) के दौरान खरीदे गए 0.66 मिलियन टन से काफी अधिक है।
खाद्य आयुक्त उप्र के अनुसार, खरीद एवज में खरीद राशि का भुगतान सीधे किसानों के डीबीटी पंजीकृत बैंक खाते में किया जाएगा। इसलिए सभी किसानों का बैंक खाता आधार से जुड़ा होना अनिवार्य है। बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर मोटे अनाज की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों के बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी। वहीं, राज्य के इच्छुक किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी उपज बेचने के लिए पहले खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट https://fcs.up.gov.in/ पर ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। यह आधार कार्ड के माध्यम से कराया जा सकेगा। पंजीयन के दौरान संबंधित किसान को खेत विवरण के साथ खतौनी / खाता संख्या, प्लाट/खसरा संख्या, भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) और फसल (धान/अन्य) का रकबा आदि दर्ज करना होगा।
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