महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में लंपी स्किन डिजीज वायरस से अभी तक 466 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। दुधारू मवेशियों में तेजी से बढ़ रहे लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए नांदेड़ प्रशासन ने पूरे जिले को लंपी से प्रभावित क्षेत्र घोषित कर जिले में मवेशियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, पशुपालक पशुओं की मृत्यु पर होने वाली आर्थिक हानि से बचने के लिए पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत बीमा भी करवा सकते हैं।
पशुओं में फैल रहा लंपी वायरस, 70 प्रतिशत सब्सिडी पर ऐसे लें पशु बीमा
Lumpy Skin Disease Virus : महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक बार फिर से स्किन डिजीज वायरस दुधारू पशुओं का काल बनकर सामने आया। यहां पशुओं में लंपी वायरस का खतरा तेजी से फैल रहा है। बीमारी के खतरे को देखते हुए नांदेड़ प्रशासन ने पूरे जिले को लंपी वायरस से प्रभावित जिला घोषित कर दिया है। प्रशासन ने जिले में पशुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। आंकड़े के मुताबिक, नांदेड़ में अभी तक इस बीमारी से करीब 3618 से अधिक मवेशी प्रभावित हुए हैं। जिनमें से अभी तक 466 पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं, इस बीमारी से प्रभावित 2638 पशु ठीक हुए हैं, जबकि 513 मवेशियों का इलाज अभी जारी है। बता दें कि लंपी स्किन डिजीज वायरस (lumpy skin disease virus) मवेशियों में फैलने वाली एक संक्रमण बीमारी है। खासतौर पर इस संक्रमण बीमारी का प्रकोप गायों में होता है। इस बीमारी से प्रभावित मवेशियों में इम्यूनिटी डाउन हो जाती है, जिसके कारण वे काफी कमजोर हो जाते हैं और पशु दूध देना तक बंद कर देते हैं। यह संक्रमण एक पशु से दूसरे में तेजी से फैलता है। ऐसे में पशुपालक किसान अपने पशुओं की उचित देखभाल कर और पशुधन योजना में मवेशियों का बीमा करवा कर पशुओं की मृत्यु पर होने वाले आर्थिक नुसकसान से बच सकते हैं। आईये इस पोस्ट की मदद से इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानें।
देशभर में बड़ेे पैमाने पर चलाया गया टीकाकरण अभियान
लंपी वायरस ने साल 2021-22 में देश के कई राज्यों में जमकर कहर मचाया था। हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में इस संक्रमित बीमारी की चपेट में आने से हजारों लाखों पशुओं की मृत्यु हो गई थी। लंपी वायरस पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने प्रभावित राज्यों के सहयोग से देशभर में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया था। जिसके बाद इससे प्रभावित पशुओं की संख्या में तेजी से कमी देखने को मिली। लेकिन अब एक बार फिर से लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वक्त महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के कुल 197 गांवाें में करीब 5 लाख 2 हजार 428 मवेशी लंपी वायरस से प्रभावित हुए हैं। इसे कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन ने जिले को लंपी स्किन डिजीज प्रभावित घोषित कर नांदेड़ में बाहर से आने वाले जानवरों की एंट्री पर रोक लगा दी है। वहीं, प्रभावित जानवरों के शवों को जिले से बाहर ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है। प्रभावित जिलों में अब तक कुल 4.67 लाख पशुओं को लंपी टीके लगाए जा चुके हैं।
जिले में “माजा गोटा स्वच्छा गोटा’’ अभियान संचालित
जिला प्रशासन के अनुसार, सरकार से अब तक 5 लाख 2 हजार 400 टीके मिल चुके हैं। जिले के सभी पशु स्वास्थ्य सेंटर पर लंपी की दवाएं उपलब्ध हैं। जिले में सभी उपचारात्मक योजनाओं काे क्रियान्वित किया जा रहा है। नांदेड जिला प्रशासन द्वारा जिले में “माजा गोटा स्वच्छा गोटा’’ अभियान भी चलाया जा रहा है। जिले में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने अधिकारियों को सतर्क रहने और मवेशियों को रखने वाली जगहों को साफ और स्वच्छ रखने का निर्देश दिया है। अधिकारियों को स्थिति पर सख्ती से निगरानी करने के लिए भी कहा गया है। जिले की सीमा पर चेक पोस्ट स्थापित कर बाहर से आने वाले जानवरों की जांच की जा रही है। पशु संरक्षण पदाधिकारी भूपेन्द्र बोधनकर ने अधिकारियों निर्देश देते हुए कहा है कोई भी संक्रमित पशु नांदेड़ में प्रवेश न करें। जिले में संक्रमित पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है, तो जिलाधिकारी साप्ताहिक पशु बाजारों पर रोक लगाने का फैसले लेंगे। अभी फिलहाल पशु बाजारों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
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पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओं का करवाएं बीमा
मवेशियों में लंपी वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। देश के कई राज्यों से इस वायरस से पशुओं के संक्रमित होने की खबर सामने आ रही है। नांदेड़ जिले में अभी तक 466 संक्रमित मवेशियों की मृत्यु हो चुकी है। इसी को देखते हुए देश की कई राज्यों की सरकारें पशुओं का बीमा करवाने और मवेशियों को लंपी स्किन डिजीज वायरस का टीकाकरण कराने के लिए अपील कर रही है। केंद्र की ओर से संचालित पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत पशुपालक अपने सभी दुधारू तथा मांस उत्पादित करने वाले मवेशियों का बीमा सब्सिडी पर करवा सकते हैं। केंद्र प्रायोजित पशुधन बीमा योजना देश के कुल 300 चयनित जिलों में नियमित रूप क्रियान्वित की जा रही है। पशुधन बीमा योजना के तहत बीमित मवेशियों की किसी कारणवश मौत होने पर बीमा कंपनी द्वारा पशु मालिकों को हर्जाने के तौर एक निश्चित मुआवजा 15 दिन के अंदर प्रदान किया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है अनुदान
केंद्र प्रायोजित पशुधन बीमा योजना की देश के कुल 300 चयनित जिलों में नियमित रूप क्रियान्वित की जा रही है। पशुधन बीमा योजना के तहत बीमित मवेशियों की किसी कारणवश मौत होने पर बीमा कंपनी द्वारा पशु मालिकों को हर्जाने के तौर पर एक निश्चित मुआवजा 15 दिन के अंदर प्रदान किया जाता है। पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत पशुपालक कम से कम पांच मवेशियों का बीमा करवा सकते हैं। इस बीमा योजना में देसी/ संकर दुधारू मवेशियों का बीमा अधिकतम मार्केट भाव पर किया जाता है। इस योजना के तहत बीमा का प्रीमियम 50 से 70 प्रतिशत तक अनुदानित होता है। जिसे पूरी तरह से केंद्र द्वारा वहन किया जाता है। इसमें केंद्र सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के पशुपालकों एवं किसानों को 50 प्रतिशत और एससी/एसटी श्रेणी लोगों को 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। इस प्रकार सामान्य श्रेणी के लोगों को पशु बीमा के लिए मात्र 50 प्रतिशत प्रीमियम और बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को 30 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
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किसान एवं पशुपालकों को बीमा के लिए यहां करना होगा संपर्क
योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ अधिकतम दो पशु प्रति लाभार्थी को अधिकतम तीन साल की एक पॉलिसी के तहत मिलता है। केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित यह योजना गोवा को छोड़कर सभी राज्यों में संबंधित राज्य पशुधन विकास बोर्ड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। लंपी जैसी जानलेवा बीमारियों के दौर में पशुपालकों को बड़े आर्थिक संकट से बचाया जा सकता है। इच्छुक पशुपालकों को किसान एवं पशुपालक पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत अपने दुधारू मवेशियों का बीमा करवाने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों को लेकर बैंक जाना होगा। यहां बैंक अधिकारी से संपर्क कर आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके अलावा, आप डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी एंड डेरिंग की वेबसाइट पर ऑनलाइन बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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