Fake and adulterated fertilizers : फसलों के अधिक उत्पादन में काम आने वाली सबसे मंहगी वस्तु खाद होती है। डी.ए.पी, जिंक, यूरिया और एम.ओ.पी. जैसे केमिकल फर्टिलाइजर (Fertilizers) फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्पूर्ण योगदान करते हैं। लगभग इन खाद-उर्वरकों का उपयोग हर प्रकार की फसलों में किसानों द्वारा किया जाता है। हर फसल सीजन में किसान फर्टिलाइजर पर मोटा निवेश करते हैं, लेकिन फसलों की बुवाई से पहले कई बार दुकानदारों द्वारा किसानों को नकली और मिलावटी खाद-उर्वरक बेचने की कोशिश होती है या किसानों को नकली खाद दे दिया जाता है। इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ जाता है। हालांकि, नकली और मिलावटी फर्टिलाइजर (Fertilizers) की समस्या से निपटने के लिए सरकार कोशिश करती रहती है। हालांकि यह जरूरी है कि खाद की खरीदारी करते समय किसान भाई खाद की शुद्धता मोटे तौर पर उसी समय से परख लें, क्योंकि आज बाजारों में नकली और मिलावट युक्त खाद खूब बिक रहा है। ऐसे में किसान कुछ आसान तरीके अपनाकर असली और मिलावटी उर्वरकों की पहचान स्वयं कर सकते हैं। आईए, इन तरीकों के बारे में जानते हैं।
देश में प्रतिवर्ष रबी और खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किसानों के बीच रासायनिक खाद में डी.ए.पी, जिंक, एम.ओ.पी., एनपीके और यूरिया नकली/मिलावटी रूप में बाजारों में उतारे जाते है। खरीदारी करते समय किसान इसकी पहली नजर में आसानी से पहचान कर सकते हैं। किसान सेवा केन्द्रो पर उपलब्ध टेस्टिंग किट से नकली खाद की पुष्टि की जा सकती है। यह किट किसान सेवा केंद्रों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। अगर सेलर्स किसान को नकली या मिलावटी उर्वरक देता है, तो किसान इसे परखने के लिए इन सेवा केंद्रों पर जा सकते हैं।
फसलों के अधिक उत्पादन में सबसे अधिक यूरिया खाद का उपयोग किया जाता है। यूरिया असली या मिलावटी है इसे पहचाने का आसान तरीका यह है कि यूरिया सफेद चमकदार लगभग समान आकार के गोल दाने में होता है। यह पानी में पूरी तरह घुलनशील और घोल छूने पर ठंडे की अनुभूति होती है। हथेली पर रखकर और मुट्ठी बंद कर फूंक मारने से हल्का गीला हो जाता है। खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है। गर्म तवे पर रखने से पिघल जाता है और आंच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता है तो समझ लेना यूरिया असली है।
किसान भाई डीएपी (DAP) की खरीदारी करते समय यह आसानी से परख सकते हैं कि डीएपी असली है या नहीं। डीएपी सख्त दानेदार भूरा काला बादामी रंग का होता है और ये नाखूनी से आसानी से नहीं छूटता है। डी.ए.पी. के कुछ दानों को लेकर उसमें चूना मिलाकर हाथ में मलने पर तेज गन्ध निकलती है। यूरिया की तरह डीएपी भी वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है। डी.ए.पी. के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर डालकर गर्म करने पर इसके दाने फूल जाते हैं, तो समझ लें कि यही असली है।
असली जिंक सल्फेट की पहचान यह है कि इसके दाने हल्के सफेद, पीले तथा भूरे बारीक कण के आकार के होते हैं। जिंक सल्फेट में मैग्नेशियम सल्फेट की प्रमुख मिलावटी की जाती है। भौतिक रूप से समानता के कारण किसान भाई को नकली व असली की पहचान कठिन होती है। डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है, जबकि डीएपी के घोल में मैगनीशियम सल्फेट का घोल मिलाने पर ऐसा नहीं होता है, तो पहचान लें कि यह मिलावट युक्त जिंक सल्फेट है।
सुपर फास्फेट (Super Phosphate) नरम, दानेदार, भूरा काला बादामी रंगों से युक्त केमिकल खाद है। डीएपी के विपरीत सुपर फास्फेट भूरे मटमैले रंग के चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है। इसे खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है। इस दानेदार उर्वरक की मिलावटी बहुधा डी.ए.पी. व एन.पी.के. मिक्चर खाद के साथ की जाने की सम्भावना बनी रहती है। अगर कुछ दानेदार उर्वरक को गरम करें, तो इसके दाने फूलते नहीं है। डी.ए.पी. व अन्य कम्प्लजेक्स के दाने फूल जाते हैं। किसान भाई इस प्रकार असली सुपर फास्फेट की पहचान आसानी से कर सकते हैं।
एनपीके सख्त दानेदार और भूरा काला बादामी रंगों वाला खाद है। यह नाखूनों से आसानी से नहीं टूटता है। यह पाउडर के रूप में भी मिलता है। इस दानेदार उर्वरक की मिलावट बहुधा डी.ए.पी. व एन.पी.के. मिश्रण उर्वरकों के साथ किए जाने की संभावना बनी रहती है। इसके दाने तवे पर धीमी आंच में गरम करने से लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते हैं। खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर यह गीला हो जाता है। इस प्रकार असली एनपीके उर्वरक की पहचान की जा सकती है।
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