Sugarcane Farming : भारत की महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में गन्ना प्रमुख है। इसकी खेती देश में नकदी फसल के रूप में की जाती है। गन्ने का उपयोग गुड़, शक्कर और शराब आदि बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल जूस के रूप में भी किया जाता है। उत्तर-प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व बिहार जैसे राज्यों में गन्ना की शरदकालीन और बसंत कालीन खेती काफी बड़े स्तर पर की जाती है। शरदकालीन गन्ने की बुवाई अक्टूबर से नंवबर महीने और फरवरी से मार्च में बसंत कालीन बुवाई किसानों द्वारा की जाती है। वर्तमान में शरदकालीन गन्ने की बुआई का उपयुक्त समय शुरू हो गया है। किसान गन्ने की नई उन्नत किस्मों को लगाकर खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें, इसके लिए उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी विभाग ने अलग-अलग जनपदों में गन्ना की नई किस्मों के बीजों का आवंटन कर दिया है। इच्छुक किसान शरदकालीन गन्ने की बुआई के उक्त किस्मों के बीजों का चयन कर खेती कर सकते हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने बताया कि प्रदेश में शरदकालीन गन्ना बुआई वर्ष 2024-25 के लिए अभिजनक बीज गन्ना (ब्रीडर सीड) का प्रजातिवार गन्ना उत्पादक जिलों को आवंटन कर दिया गया है तथा विभाग के परिक्षेत्रिय और जिला स्तरीय अधिकारियों को वितरण संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। गन्ना आयुक्त ने बताया कि सभी गन्ना उत्पादक किसान अपने जिले के जिला गन्ना अधिकारी एवं ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक से संपर्क कर आवश्यकता अनुसार गन्ने की नई किस्मों के बीज प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि वितरित अभिजनक गन्ना बीज से त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत किसानों के खेत पर आधार पौधशालाएं स्थापित होंगी तथा आगामी गन्ना बुआई के लिए स्वस्थ्य एवं रोग रहित बीज गन्ना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा, जिससे प्रदेश में गन्ना एवं चीनी का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा।
गन्ना बीज आवंटन के संबंध में जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त ने बताया कि उतर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के अधीन शोध परिक्षेत्रों, निजी/ सहकारी चीनी मिल परिक्षेत्रों और कृषक परिक्षेत्रों पर उत्पादित अभिजनक गन्ना बीज (Sugarcane Seed) शरदकालीन बुआई वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित कर गन्ना बीज का अधिष्ठापन सुनिश्चित कराए जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। शरद ऋतु गन्ना बुआई के लिए सहारनपुर परिक्षेत्र को 7342 क्विंटल गन्ना बीज का आवंटन किया गया है। मेरठ परिक्षेत्र को 5617 क्विंटल, मुरादाबाद परिक्षेत्र को 8578 क्विंटल, बरेली परिक्षेत्र हेतु 11368 क्विंटल, लखनऊ परिक्षेत्र के लिए 12239 क्विंटल, अयोध्या परिक्षेत्र को 1990 क्विंटल, देवीपाटन परिक्षेत्र को 4912 क्विंटल, गोरखपुर परिक्षेत्र को 4771 क्विंटल और देवरिया परिक्षेत्र हेतु 4688 क्विंटल बीज गन्ना का आवंटन कर दिया गया है।
प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने बताया कि, नई गन्ना किस्मों (Sugarcane Varieties) के सिंगल बड विधि (Single Bud Method) से बुआई कर आगामी वर्षों के बीज गन्ना की अधिक और त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु सहारनपुर परिक्षेत्र को गन्ना किस्म को.लख. 16202 की 1.50 लाख, को.शा. 17231 की 12.17 लाख बीज बड़ का आवंटन किया गया है। इसी प्रकार, मेरठ परिक्षेत्र को Co. Lakh. 16202 की 1.80 लाख बड़, गन्ना किस्म co. sha. 17231 के 11.70 लाख बड़, मुरादाबाद परिक्षेत्र को को.लख.16202 की 2.70 लाख, को.शा. 17231 गन्ना किस्म के 23.20 लाख, बरेली परिक्षेत्र को को.लख. 16202 प्रजाति की 2.00 लाख बड़ दिए गए है, जबकि को.शा. 17231 की 20.70 लाख बड़ का आवंटन किया गया है।
वहीं, लखनऊ परिक्षेत्र को गन्ना किस्म को.लख. 16202 की 2.00 लाख, को.शा. 17231 की 19.80 लाख, अयोध्या परिक्षेत्र को को.शा. 17231 की 9.80 लाख, देवीपाटन परिक्षेत्र को को.शा. 17231 की 7.50 लाख बीज वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर परिक्षेत्र को गन्ना प्रजाति, को.लख. 15466 की 3 लाख, को.शा. 17231 किस्म की 3.62 लाख, देवरिया परिक्षेत्र को को.लख. 15466 की 2 लाख, को.शा. 17231 की 6.10 लाख बड का वितरण किया गया है। इस प्रकार गन्ना किस्म Co. lakh. 15466 की 5 लाख, को.लख. 16202 की 10 लाख और गन्ना किस्म को.शा. 17231 की 114.59 लाख बड़ का आवंटन किया गया है।
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