Agriculture News Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य है। प्रदेश में मुख्य रूप से लखनऊ, सहारनपुर और मेरठ में दशहरी उगाया जाता है, तो पश्चिमी यूपी में सहारनपुर और मेरठ चौसा आम उत्पादन की प्रमुख बेल्ट है। हर साल उत्तर प्रदेश में 35 से 45 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है। निर्यात के लिए उत्तर प्रदेश में उत्पादित आम की काफी डिमांड रहती है। यहां आम की बागवानी करने वाले किसान निर्यात के लिए उच्च क्वालिटी के आम तैयार करने के लिए फ्रूट बैग कवर (मैंगो बैगिंग) का उपयोग करते हैं। इससे न सिर्फ कीटों और रोगों से फलों का बचाव होता है, बल्कि क्वालिटी वाले फल भी तैयार होते हैं।
हालांकि, आम उत्पादक किसानों के लिए फ्रूट बैग तकनीक थोड़ी महंगी पड़ती है, लेकिन अब इससे उन्हें राहत मिलने वाली है। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पहली मैंगो बैगिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे आने वाले वक्त में आम की बागवानी करने वाले किसानों को बड़ा फायदा होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कुर्सी रोड पर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में मैंगो बैगिंग (फ्रूट बैग कवर) बनाने की फैक्ट्री लगाई गई है। इसमें फ्रूट बैग कवर यानी मैंगो बैग बनाया जाएगा। अब तक किसान हैदराबाद से मैंगो बैग को खरीदते हैं, लेकिन अब इसकी यूनिट लग जाने से फ्रूट बैग कवर का प्रोडक्शन लखनऊ में होगा। इस मशीन को हैदराबाद की एक निजी कंपनी ने लगाया है।
महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने बताया कि यह मैंगो बैग बनाने वाली मशीन एक मिनट में लगभग 300 से 400 कवर बैग तैयार कर देगी। इससे पहले हम लोगों ने 1.80 रुपए में एक बैग को आंध्र प्रदेश से खरीदा था, लेकिन अब लखनऊ में यूनिट लगने से उम्मीद जताई जा रही है कि एक बैग 1.50 रुपए में मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा अभी एक बैग की कीमत फिक्स नहीं की गई है। पहले आंध्र प्रदेश से इन मैंगो बैग को खरीदना बहुत महंगा पड़ जाता था, लेकिन अब लखनऊ में इसके बनने से आम की बागवानी करने वाले लाखों किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। उपेंद्र सिंह ने बताया कि जल्द ही यह फैक्ट्री मलिहाबाद में शिफ्ट हो जाएगी। इस साल फ्रूट बैग की बिक्री बहुत ज्यादा होगी।
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कृषि वैज्ञानिक अपने परिसर में आम के ऊपर फ्रूट बैग कवर लगाकर किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इससे न फलों का न सिर्फ कीटो और रोगों से बचाव होता है, बल्कि आंधी और मौसम की प्रतिकूल प्रभाव से फल में फंगस के कारण कालापन, फल मक्खी से सुरक्षा मिलती है। कवर होने के कारण फलों में फ्रूट फ्लाई, हापर, मिज, थ्रिप्स जैसे कीट भी नहीं पहुंच पाते हैं जिससे फल पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और फल का आकार बड़ा और स्वाद भी अच्छा होता है।
फ्रूट कवर बैग तकनीक से तैयार किए गए फल निर्यात करने के लिए उपयुक्त रहते हैं जिसके चलते किसानों को अच्छा दाम भी मिलता है। दशहरी आम का अमेरिका को निर्यात होना न सिर्फ मलिहाबाद बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। फ्रूट बैग का प्रयोग करने से कीटनाशक पर होने वाले खर्च में बेहद कमी आती है। फ्रूट कवर बैग तकनीक काफी सस्ती है। इसमें आम के फल को एक बैग से कवर किया जाता है, जिससे न सिर्फ आम फल मक्खी, फंगस आदि के प्रकोप से बचता है बल्कि फल अच्छा होने से बाजार में इसका भाव डेढ़ गुना ज्यादा मिलता है। उपेंद्र सिंह ने बताया कि नान बैगिंग वाले आम की कीमत बाजार में कम मिलती है, जबकि बैगिंग वाले आम मार्केट में बहुत अच्छे भाव में बिकते है और इनकी डिमांड भी अधिक रहती है।
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