E-Samriddhi Portal : दलहल उत्पादन क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने और दलहन उत्पादक किसानों को उपज का उचित दाम दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। दलहन उत्पादकों से सीधे समर्थन मूल्य या उससे अधिक दाम में उपज खरीदने के लिए सरकार ने पिछले दिनों ई–समृद्धि पोर्टल शुरू किया है। नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा तैयार किए गए इस पोर्टल पर सीधे सरकार को दाल उत्पादन बेचने के लिए पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान विकल्प की सुविधा किसानों को दी गई है। दलहन फसल में खासकर तूर दाल उत्पादक किसानों को एडवांस पंजीकरण सुविधा दी गई। इस बीच केंद्र सरकार ने दलहन उत्पादक किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब से किसान अरहर के साथ दूसरी दालें सीधे सरकार को बेच पाएंगे। इसके लिए सरकार ने पोर्टल का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। आने वाले समय में किसान अन्य दालों के लिए नाफेड और एनसीसीएफ से अपना रजिस्ट्रेशन करा पाएंगे। फिलहाल पोर्टल पर तूर (अरहर) दाल के लिए पंजीकरण की सुविधा शुरू की गई है।
दूसरी दालों के लिए भी बढ़ाया जाएगा दायरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कार्यक्रम के दौरान किसानों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि, सरकार ने दाल उत्पादक किसानों को एक बड़ी सुविधा दी है। जिसमें दाल पैदा करने वाले किसान ऑनलाइन माध्यम से सरकार को सीधे दाल बेच पाएंगे। इसमें दाल किसानों को एमसएपी या उससे अधिक दाम पर दाल खरीद की गारंटी मिलेगी। साथ ही डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में भुगतान सुनिश्चित किया गया है। अभी ये सुविधा सिर्फ अरहर दाल (Tur Dal) के लिए ही दी गई है, लेकिन आने वाले समय में दूसरी दालों के लिए भी इसका दायरा बढ़ाया जाएगा।
आने वाले समय में इन दालों के लिए भी लागू की जाएगी सुविधा
पीएम मोदी ने कहा कि दाल पैदा करने वाले किसान इस प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीयन करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या बाजार भाव पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) को बेच सकते हैं। आने वाले समय में इस प्लेटफॉर्म पर उड़द (Urad Dal) और मसूर दाल (Masoor Dal) के उत्पादक किसानों के साथ-साथ मक्का उत्पादकों के लिए भी इसी तरह की सुविधा लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि तुअर (अरहर) और मसूर के अपने घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर आयात निर्भरता को शून्य स्तर तक कम किया जा सके। दाल आयात के लिए जो पैसा हम विदेश भेजते हैं, वो देश के ही किसानों को मिल सके।
नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से दालों की खरीद
पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (NCCF) 'बफर' स्टॉक (भंडार) बनाए रखने के लिए सरकार की तरफ से दालों की खरीद का कार्य करते हैं। नेफेड की स्थापना का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि उपज के सहकारी विपणन को बढ़ावा देना है। खेतिहर किसान राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) के मुख्य सदस्य हैं, जिन्हें नेफेड के कामकाज में सामान्य निकाय के सदस्य के रूप में अपनी बात कहने का अधिकार है। नेफेड मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है। नेफेड और एनसीसीएफ पर पंजीकृत किसानों से उसकी दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर या बाजार मूल्य पर शत-प्रतिशत खरीद कर लिया जाएगा।
अरहर (तूर) दाल की खरीद के लिए पंजीकरण शुरू
नेफेड ने तूर (अरहर) दाल की खरीद के लिए ई–समृद्धि पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या उससे अधिक भाव में तूर दाल बेचने के लिए किसान अपना पंजीकरण करा सकते हैं। ई–समृद्धि पोर्टल पर पंजीकृत किसान तूर दाल सीधे सरकार को बेच पाएंगे। नेफेड के माध्यम से सरकार किसानों को दालों की खरीद करेगी। साथ ही पैसा सीधा उनके बैंक खाते में ट्रांफसर करेगी। इसमें किसानों का कोई शोषण नहीं होगा और दलहन उत्पादकों को उनकी उपज का उचित दाम भी मिल सकेगा। जिससे किसान दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे और धीरे-धीरे देश के लिए आयात निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
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