देशभर में रबी सीजन फसलों की बुवाई की तैयारियां और फसलों की बुवाई का कार्य चल रहा है। देशभर के कई राज्यों में फसलों की बुवाई के लिए खाद, बीज से लेकर अन्य संसाधानों की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में रबी सीजन फसलों की बुवाई के लिए रासायनिक खाद और यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूपी की योगी सरकार एक्सन मोड पर है। राज्य में किसानों को फसलों के लिए पर्याप्त रासायनिक खाद और यूरिया मिल सके इसके लिए राज्य के सभी 75 जिलों में फर्टिलाइजर की बिक्री शुरू कर दी गई है। विशेषकर खाद व यूरिया पर्याप्त मात्रा में किसानों को मिले पाए इसके लिए सरकार ने व्यवस्था कर ली है। सरकार की नई व्यवस्था के तहत अफसरों से लेकर उर्वरक कंपनियों तक को जिम्मेवारी सौंपी गई है। राज्य में नकली उर्वरक की बिक्री पर रोक लगाने एवं पूरे राज्य में उर्वरक (फर्टिलाइजर) एक ही कीमत पर बेचने के लिए सरकार ने उर्वरक बिक्री केंद्रों को सर्कुलर भेजकर पालन करने के आदेश दिए है। किसानों से अधिक वसूली, कई ब्रांड के नाम पर नकली यूरिया तो नहीं बेचा जा रहा है। इन सब पर नजर बनाए रखने की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को कहा गया हैं।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है। यूरिया और डीएपी की स्टेट में कोई कमी नहीं है। राज्य में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया का भंडार है। उन्होंने कहा, किसान परेशान न हो हम रबी सत्र की जरूरतों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और जरूरत के अनुसार आगे और खरीद करेंगे। अभी उत्तर प्रदेश में बिक्री केंद्रों पर उर्वरकों की खरीद जारी है। प्रदेश के हापुड़, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, कानपुर सभी 75 जिलों में उर्वरक किसानों को दिया जा रहा है अकेले अलीगढ़ में ही यूरिया के 4,63,044 बैग, डीएपी के 48,560 बैग, एनपीके के 30,300 बैग, एमओपी के 49,960 बैग व एसएसपी के 13,440 बैग उपलब्ध हैं।
यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के गोरखपुर जिला में यूरिया घोटाला के खुलासे के बाद सरकार घोटालेबाजों पर शिकंजा कस रही है। प्रदेश सरकार द्वारा खाद बिक्री सीमा भी निर्धारित की है। सरकार के निर्देश के अनुसार राज्य में उर्वकर बिक्री केंद्रों पर खाद की बिक्री जारी है। यूरिया खाद की तस्करी और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार फर्टिलाइजर बिक्री केंद्र से खाद खरीदने के लिए किसान को कुछ महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट ले जाने होंगे। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि फर्टिलाइजर खरीद के लिए किसान अपना आधार कार्ड, खतौनी साथ लेकर जाए। यदि किसान ऐसा नहीं करते है, तो उन्हें बिना खाद के लौटना होगा। यानि खाद की नई व्यवस्था के अनुसार किसानों को खाद नहीं दिया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश में आज भी 64 फीसदी किसान आधार कार्ड से यूरिया खाद की खरीद कर रहे है।
अधिकारियों का कहना है कि खाद कालाबजारी रोकने के लिए प्रदेश सरकार एक्सन मोड में है। कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली यूपी सरकार किसानों को खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने जा रही है। किसानों को सहूलियत देने की कार्य योजना तैयार कर ली गई है। खाद बिक्री केंद्रों की मॉनिटरिंग के तहत केंद्रों पर उपलब्ध खाद का स्टाक चेक किया जाएगा। रिटेल विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि केंद्र सरकार ने पोर्टल बना रखा है, उस पर खाद बेचने वालों को दर्ज करना होगा कि उनके यहां पर किस खाद का कितना स्टॉक है। इससे विभाग व किसान दोनों को फायदा है। यदि कोई खाद विक्रेता तय रेट से अधिक पर फर्टिलाइजर (खाद) बेच रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उर्वकर की बिक्री पीओएस मशीन से होगी। आपात स्थितियों के लिए आधार के विकल्प के रूप में आधार का इनरोलमेंट नम्बर डाल कर मतदाता पत्र एवं किसान क्रेडिट कार्ड पर किसान को खाद की बिक्री की सुविधा पीओएस मशीन में उपलब्ध कराई गई है। ताकि किसी किसान का आधार कार्ड खो गया, या फिर उसका अंगूठा नहीं लग रहा हो, तो वह इस विकल्प के जरिए खाद ले सकता है। तथा किसानों को बिक्री किए गए खाद की बिक्री का पूरा ब्यौरा स्टॉक रजिस्टर पर दर्ज करना होगा।
यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि सरकार के निर्देश है कि प्रदेश में खाद की कैशलेस बिक्री को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार द्वारा सभी खाद विक्रेताओं को क्यूआर कोड की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए सरकार ने विक्रेताओं को एक महीने का समय दिया है। कैशलेस खाद की बिक्री को प्राथमिकता के आधार पर लागू करने के लिए राज्य सहकारिता विभाग को निर्देश पूर्व में ही दिए जा चुके थे। इसके लिए जिले स्तर पर अफसरों की टीम बनाकर खाद गोदामों का स्टाक चेक कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि फर्टिलाइजर बिक्री के लिए रिटेल में जो प्राइस तय किए गए हैं। उसी पर बिक्री करें। किसान खाद खरीदने के बाद किसानों को कैश मेमो जरूर दें। किसानों की बिना मर्जी के किसी भी प्रकार का उर्वरक आदि टैग न करें। प्रदेश सरकार के इस व्यवस्था से कालाबाजारी के साथ ही किसान के नाम पर भारी मात्रा में खाद की बिक्री दर्शाने के खेल पर रोक लगेगा।
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