भांग की खेती: किसानो को मिलेगा भांग की खेती करने पर अधिक मुनाफा और लाभ

पोस्ट -11 मई 2023 शेयर पोस्ट

भांग की खेती को बढ़वा दे रही ये राज्य सरकार, कृषि में किसानों का बढ़ेगा मुनाफा 

किसानों को कमाई के लिए एक अच्छा जरिया देने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। किसानों को बेहतर कमाई का जरिया देकर उनकी आय को दोगुना करने के लिए सरकारी नियम-कानूनों में तेजी से संशोधन किए जा रहे है। इस बीच हिमाचल से एक बड़ी खबर निकलर सामने आ रही है, जिसके तहत हिमाचल सरकार राज्य में भांग की खेती को कानूनी मान्यता दिलाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार भांग की खेती को वैध करने पर विचार कर रही है। सरकार का कहना है कि भांग की खेती प्रदेश के लिए राजस्व उत्पन्न करने में अहम भूमिका निभाएगी। वहीं, यह रोगियों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण होते है ,जिसकी कारण इसका उपयोग कैंसर, उच्च रक्तचाप, अवसाद और मधुमेह जैसे गंभीर बीमारियों के इलाज में होता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि भांग की खेती औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसकी खेती किसानों को एक निश्चित कमाई का जरिया दे सकती है। इसके अलावा, राज्य के राजस्व को बढ़ने में कारगार भी साबित हो सकती है। आईये ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानते है 

राज्यों को बागवानी और औषधीय उपयोग के लिए खेती की अनुमति

जानकारी के लिए बता दें कि भांग एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। भांग की खेती मानव द्वारा लगभग 12 हजार वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह मनुष्य द्वारा उगायी जाने वाली सबसे पुरानी फसलों में इसकी गिनती होती है। इसमें पौधे में औषधीय गुण के साथ मादक पदार्थ भी पाए जाते है, जिसके चलते इसका उपयोग नशीले प्रोडक्ट बनाने में होने लगा। इसे रोकने के लिए नारकोटिक्स विभाग ने साल 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत भांग की  खेती पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन औषधीय गुणों के कारण नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत राज्यों को औषधीय और औद्योगिक उद्देश्य से इसकी खेती के लिए अनुमति देने की शक्तियां दी गई है। इन शक्तियों के तहत राज्यों को भांग की खेती की अनुमति केवल भांग के रेशे और इसके बीज के लिए या बागवानी और औषधीय उपयोग के लिए ही दी जाती है।  

राज्य को सालाना 18 हजार करोड़ का राजस्व

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां किसानों द्वारा सेब उत्पादन का करोबार बड़े स्तर पर किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सेब के कारोबार से क्षेत्रीय किसानों को खासा मुनाफा नहीं हो पा रहा है, जिसके राज्य का राजस्व प्रभावित हो रहा है और प्रदेश सरकार पर वित्तीय कर्ज भी बढ़ा है। इन्हीं को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार में राज्य में भांग की खेती को वैध करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की भांग की खेती को वैध करने से राज्य को सालाना 18000 करोड़ रुपए आय होने का अनुमान है, जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा। भांग की खेती राज्य सरकार पर बढ़ रहे वित्तीय कर्ज को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साथ ही राज्य के किसानों और उत्पादन संघ को भविष्य में कमाई के लिए अच्छा जरिया बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

सरकार ने पांच विधायकों की बनायी समिति 

हिमाचल के सीमए सुक्खू ने कहा कि सरकार ने भांग की खेती को वैध बनाने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार भांग की अवैध खेती, नशीली दवाओं भांग के उपयोग में संभावित वृद्धि और भांग के अवैध कारोबार के बारे में पहले से सतर्क रहते हुए 5 विधायकों की एक समिति बनाई है। “5 सदस्यीय विधायकों की समिति प्रदेश के उन सभी हिस्सों का दौरा करेगी, जहां भांग की अवैध खेती होती है। समिति इन क्षेत्रों में अवैध रूप से हो रही भांग की खेती से संबंधित हर पहलू पर गहन अध्ययन कर एक महीने के अंदर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार भांग की खेती को वैध बनाने के विषय में आगे फैसला लेगी। 

हिमाचल के इन हिस्सों में हो रही है अवैध भांग की खेती 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की भांग की खेती वैध होने से भांग की अवैध खेती पूरी तरह से चोपट हो जाएगी, जिससे भांग के अवैध कारोबार लगाम लगेगी। हिमाचल में लगभग 2400 एकड़ भूमि पर भांग की अवैध खेती हो रही है, जिसमें शिमला, सिरमौर, चंबा, कुल्लू और मंडी के कुछ हिस्सों में अवैध भांग उगाया जाता है। इससे राज्य सरकार को किसी प्रकार की कोई आय भी नहीं होती है, लेकिन भांग की खेती वैध होने से अब भांग राजस्व की आय का सोर्स बन सकता है।  

नियमों का पालन करते हुए की जा सकती है खेती 

सीएम ने कहा कि नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत राज्यों को औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती को साधारण और विशेष आदेशों के तहत अनुमति देने का अधिकार दिया गया है। इस एक्ट के तहत राज्य सरकारें भांग की खेती के लिए कानून औषधीय क्षेत्र के लिए भांग की खेती के लिए नियम निर्धारित करती है। इन नियमों की पालन करते हुए औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा वर्तमान में कई राज्य कानूनी नियमों का पालन करते हुए भांग की खेती कर रहे है, जिनमें गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य शामिल है।    

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