हरियाणा सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार किसानों के वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए हर मुमकिन सहूलियत देने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राज्य में खरीफ सीजन फसलों की खेती का कार्य चल रहा है। किसानों को खरीफ सीजन कृषि कार्य के लिए पैसा चाहिए। हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसानों का चीनी मिलों पर करीब 314 करोड़ रूपये का बकाया हैं। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि सभी सहकारी चीनी मिलों की ओर से लगभग 314 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान 5 जुलाई तक कर दिया जाएगा। इसी प्रकार निजी मिलें भी बकाया राशि का भुगतान जल्द करेंगी। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को चंडीगढ़ में चीनी मिलों की बकाया राशि के भुगतान के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने निर्देश दिए कि मिलों की ओर से किसानों को बकाया राशि का भुगतान निश्चित समयावधि में हो जाना चाहिए।
समीक्षा बैठक में बताया गया चार निजी चीनी मिलों को राज्य सरकार द्वारा लगभग 57 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई, जिसमें सरस्वती चीनी मिल, यमुनानगर को 29.28 करोड़ रुपये, पिकाडली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, भादसों को 12.84 करोड़ रुपये, नारायणगढ़ चीनी मिल को 8.60 करोड़ रुपये और असंध मिल को 6.39 करोड़ रुपये दिया जाना शामिल है। यह भी कहा गया कि हरियाणा राज्य में 11 सहकारी चीनी मिल हैं। यहां गन्ने का भाव सबसे अधिक 362 रूपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। राज्य सरकार इन चीनी मिलों का घाटा भी कम करने की कोशिश में प्रयास कर रही हैं। यहां की इन चीनाी मिलों में चीनी के अलावा इथेनॉल भी निकाला जा रहा है, जिससे कि उनकी आय में वृद्धि हो।
बैठक में बताया गया कि नारायणगढ़ चीनी मिल लिमिटेड ने 2021-22 सीजन के लिए किसानों को 172.69 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। शेष 59.15 करोड़ रुपये का भुगतान भी जल्द किया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि 2021-22 सीजन के लिए मई 2022 तक सहकारी चीनी मिलों को 78.92 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। समीक्षा बैठक में उन्होंने आशवासन दिया कि किसानों को जल्द ही उनका बकाया का भुगतान चीनी मिलों द्वारा कर दिया जाएगा। किसानों के बकाया राशि के भुगतान के संबंध में आयोजित इस समीक्षा बैठक में में वित्तिय के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसन प्रसाद, कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा एवं हरको बैंक के प्रबंध निदेशक राहुल उप्पल सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
हरियाणा की सहकारी और निजी चीनी मिलों ने सीजन 2020-21 के दौरान चीनी की रिकवरी में बढ़ोतरी दर्ज की है। राज्य मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में कुल 611.44 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई है, जबकि इस दौरान चीनी रिकवरी औसतन 10.45 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों ने सीजन 2019-20 में 9.95 प्रतिशत चीनी की औसत रिकवरी के साथ 353.48 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जबकि निजी चीनी मिलों ने 257.96 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई पर 11.13 प्रतिशत चीनी की औसत रिकवरी हासिल की है। रोहतक में रिफाइंड शुगर का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ मिलों में सरकार गुड तैयार करवा रही है। राज्य में पेराई सीजन 2020-21 में 41.97 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ। इसी प्रकार 630.16 क्विंटल गुड का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले महीनों के दौरान गन्ना भुगतान को लेकर पिछले कई दशकों के सारे रिकॉर्ड तोड़े थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान कल्याण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए 45 लाख से अधिक गन्ना किसानों को 1.51 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया। पिछले 50 वर्षों के इतिहास में एक सत्र में किया गया यह अब तक का सबसे अधिक और सबसे तेज भुगतान है। यूपी सरकार द्वारा इतनी बड़ी राशि की अदायगी से प्रदेश के करीब 45 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिला है। गौरतलब हो, इन 45 लाख गन्ना किसानों का 84 प्रतिशत बकाया था।
भुगतान पूर्व की बसपा सरकार द्वारा की गई राशि का तीन गुना और सपा सरकार से 1.5 गुना अधिक है। पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि पहले की 2 सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था लगभग उतना योगी जी की सरकार ने अपने साढ़े 4 साल में किया है। पिछली सरकारों के तुलना में योगी सरकार ने राज्य के किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने को अत्यधिक प्राथमिकता दी है। उत्तर प्रदेश में 45.74 लाख से अधिक गन्ना किसानों को 2017-2021 के बीच 1,51,508 करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है जो सरकार के किसान समर्थक रुख को दर्शाता है। योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते सालों में अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में साढ़े 3 सौ रुपए तक बढ़ाया है।
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