अनार की खेती में उपयोग होने वाले कृषि यंत्र, जानें कैसे होगी खेती में लागत कम

पोस्ट -03 मई 2023 शेयर पोस्ट

अनार की खेती में पैदावार बढ़ाने वाले कृषि यंत्र, जानें कृषि यंत्र कीमत की पूरी जानकारी  

अनार की खेती : अनार औषधीय गुणों से भरपूर एक स्वादिष्ट फसल है। इसके फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। औषधीय गुणों से भरा होने के कारण इसके फल का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में किया जाता है। अनार तेजी से रक्त की मात्रा बढ़ाने में मददगार है, जिसके कारण इसका प्रयोग मनुष्य द्वारा जूस के रूप में भी किया जाता है। अनार की मांग घरेलू बाजारों से लेकर विदेशी बाजारों में बड़े स्तर पर होती है। जिसके परिणामस्वरूप देश के कई क्षेत्रों में अनार की खेती तेजी से पॉपुलर होती जा रही है। महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे गर्म राज्यों में इसकी खेती व्यापक रूप में की जाती है। अनार की खेती से कम श्रम लागत में बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों द्वारा विभिन्न कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इन्हीं कृषि यंत्रों में से हम कुछ टॉप कृषि यंत्रों की जानकारी किसान भाईयों के लिए लेकर आए हैं। किसान भाई इन कृषि यंत्रों का इस्तेमाल अनार की खेती में श्रम लागत कम करने, फल गुणवत्ता में सुधार करने और पैदावार को बढ़ाने में कर सकते हैं। ट्रैक्टर गुरू के इस लेख में हम नीचे अनार की खेती में हमेशा इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्रों की जानकारी देने जा रहे हैं।  

अनार के बागों से हर साल 8 से 10 लाख रुपए की कमाई

अनार की व्यापारिक खेती में किसानों द्वारा अनार की सिन्दूरी किस्म का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। अनार की इस किस्म के एक पूर्ण विकसित पौधे से करीब 90 से 100 किलोग्राम तक फल प्राप्त हो जाते हैं। अनार का एक पौधा रोपाई के बाद 2 से 3 साल में फल देने के लिए तैयार हो जाता है। इसका एक पूर्ण रूप से विकसित पौधा लगभग 25 से 30 सालों तक फल देता है। एक हेक्टेयर के खेत में अनार के लगभग 600 से अधिक पौधों को लगाया जा सकता है, जिससे हर साल औसतन 8 से 10 लाख रुपए आसानी से कमाए जा सकते हैं। 

अनार की खेती में भूमि तैयारी उपकरण

अनार के पौधे खेतों में लगाने से पहले खेत को एक महीने पहले अच्छे से तैयार करना होता है। खेत तैयार करने के लिए सबसे पहले ट्रैक्टर में देशी हल, हैरो, एमबी प्लॉउ, डिस्क हैरो या कल्टीवेटर को अटैचमेंट कर दो से तीन बार खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर मिट्टी को ढीला बनाया जाता है। इसके बाद रोटवेटर की मदद से मिट्टी को भूरभूरी पानी सोखने लायक बनाया जाता है, जिससे पौधें की जड़ें अधिक गहराई तक आसानी से जा सकें।  

पौधों की रोपाई के लिए गड्ढे तैयार करने के उपकरण

अनार के पौधों की बुवाई पौधा रोपाई विधि के माध्यम से की जाती है। इसके लिए पहले से पूर्ण रूप से तैयार खेतों में पौधों की रोपाई के लिए तकरीबन एक माह पहले खेतों में 4 से 5 मीटर की दूरी रखते हुए 60 सेमी लंबे, 60 सेमी चौड़े और 60 सेमी गहरे गड्ढे खोदने की आवश्यकता होती है। गड्ढे तैयार करने के लिए पोस्ट होल डिगर उपकरण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कृषि उपकरण को आप 45 एचपी से ऊपर के रिवर्स पीटीओ वाले किसी भी ब्रांड के ट्रैक्टरों के साथ अटैचमेंट कर पौधरोपण, बीजों की बुवाई, बिजली के खंभे और खेतों में बाड़ के लिए गड्ढा तैयार कर सकते हैं। पोस्ट होल डिगर के प्रयोग से आप भूमि में 10 इंच से 35 इंच के आकार में अलग-अलग गड्ढे तैयार कर सकते हैं। ट्रैक्टर ऑपरेटेड पोस्ट होल डिगर कृषि यंत्र औसतन 4 से 5 लीटर प्रति घंटा डीजल खपत में लगभग 50 से 55 गड्ढे (होल) तैयार कर सकती है। 

अनार के पौधों की सिंचाई करने की उपयुक्त प्रणाली और यंत्र

अनार के पौधों को शुरूआती दिनों में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसलिए इसके खेतों में सिंचाई की व्यवस्था भी उचित प्रकार से होनी चाहिए, जिससे पौधों की कम पानी में संपूर्ण आपूर्ति की जा सके। बारिश के सीजन में पौधों की सिंचाई के लिए खास व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में इसके पौधों के लिए खास सिंचाई की व्यवस्था करनी होती है, ताकि लगातार सिंचाई हो सके। इसके पौधों की लगातार पानी की आपूर्ति होती रहे, इसके लिए आप खेतों में ड्रिप/टपक और फव्वारा सिंचाई पद्धति स्थापित कर सकते हैं। फल के बागों और सब्जियों की खेती में ये सिंचाई विधि काफी कारगर साबित हो रही है। किसानों को कम पानी में अधिक पैदावार के साथ खाद एवं अन्य पोषक तत्वों पर लागत में भी बचत हो रही है। क्योंकि इस सिंचाई पद्धति में फसल/ पौधों को जरुरत के हिसाब से पानी एवं सभी जरुरी पोषक तत्व एक साथ प्राप्त हो जाते हैं। खास बात यह है कि इन सिंचाई उपकरणों पर केंद्र एवं राज्य सरकारें प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत अपने-अपने स्तर पर योजनाएं लागू कर किसानों को बंपर सब्सिडी भी प्रदान करती है। 

अनार के पौधे में काट-छांट करने वाला प्रूनिंग उपकरण

अनार के बाग में पौधों की काट-छांट करना एक महत्वपूर्ण कृषि प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से पौधों की शाखाओं को काट-छांट कर अलग कर दिया जाता है, जिससे पौधे अगले साल तक बेहतर रूप से विकसित हो सकें। देखा जाए तो इस प्रक्रिया से पौधों की शाखाओं का ठीक से विकास होता है और पौधा एक निश्चित आकार में संरचात्मक रूप से विकास करता है। पौधों की कटाई-छंटाई के लिए आप प्रूनिंग उपकरण जैसे कैंची, लोपर और आरी का प्रयोग कर सकते हैं। इन उपकरणों की मदद से आप पौधों में रोग होने या संक्रमित होने की स्थिति में समस्या वाले हिस्सों की छंटाई कर अलग कर कीटों और बीमारियों का फैलाव कम कर सकते हैं। पेड़ या पौधे की सही छंटाई भी बेहतर फूलों और फलों को बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी और पेड़ या पौधे को अपनी सही संरचना बनाए रखने में मददगार साबित होती है। 

खाद या उर्वरक स्प्रेडर उपकरण 

फल हो या फिर सब्जी फसल सभी के अच्छे उत्पादन के लिए उचित मात्रा में खाद-उर्वरक की जरूरत होती है। फसल को खाद-उर्वरक नियमित रूप से देने के लिए किसानों द्वारा कई प्रकार की तकनीक और कृषि उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। अनार के बागों से अच्छी पैदावार के लिए नियमित रूप से कार्बनिक खाद एवं नाइट्रोजन, फॅास्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है। इन खाद-उर्वरक के छिड़काव के लिए उर्वरक स्प्रेडर उपकरण का प्रयोग कर सकते हैं। उर्वरक स्प्रेडर पौधों को फर्टिलाइजर देने का एक विशेष कृषि उपकरण है, क्योंकि यह खाद-उर्वरकों को अनार के पूरे बाग में समान रूप से फैलाने के लिए मददगार है। अनार के बागों के क्षेत्र के अनुसार इस उपकरण को हाथ या ट्रैक्टर से अटैचमेंट कर प्रयोग किया जा सकता है।  

कीटनाशक छिड़काव उपकरण

अनार के पेड़ में ऑइली स्पाट, फल धब्बा, अनार की तितली और माहू जैसे कई कीटों और बीमारियों का प्रकोप ज्यादा दिखाई देता है। इन सभी कीटों और बीमारियों के नियंत्रण के लिए तेल युक्त कॉपर ऑक्सीक्लोराइड, हेक्साकोनाजोल, मैन्कोजेब या क्लोरोथॅलोनील, इन्डोक्साकार्ब, स्पाइनोसेडकी या ट्रायजोफास और प्रोफेनोफॉस या डायमिथोएट की उचित मात्रा का छिड़काव स्प्रेयर और डस्टर उपकरण की मदद से किया जाता है।     

निराई-गुड़ाई कृषि उपकरण 

अनार के बागों से उचित पैदावार लेने के लिए इसके पेड़ों को सिंचाई से लेकर खाद, उर्वरक और निराई-गुडाई की विशेष आवयकता होती है। अनार के बागों को खरपतवार मुक्त रखने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई का कार्य किया जाता है। छोटे बागों में निराई-गुड़ाई का कार्य काफी आसान होता है। लेकिन बड़े बागों में यह चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए अनार के बागों में खरपतवार नियंत्रण के लिए आप पावर वीडर और पशु चलित कल्टीवेटर का प्रयोग कर सकते हैं। छोटे और कॉम्पेक्ट ट्रैक्टरों से आप कल्टीवेटर अटैचमेंट कर अनार के बगीचों में निराई-गुड़ाई का कार्य कर खरपतवार नियंत्रण कर सकते हैं। 

फल तुड़ाई-कटाई उपकरण

अनार के बड़े बाग हो या फिर अन्य फसलों के खेत, सभी में सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य पैदावार की तुड़ाई-कटाई का ही होता है। आज के समय में मजदूर न मिलने की समस्या ने इस काम को और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ऐसे में आज फसल/ फल बागों से पैदावार की तुड़ाई-कटाई के विभिन्न प्रकार के हार्वेस्टिंग उपकरणों का इस्तेमाल किसानों द्वारा किया जा रहा है, जिनमें फसलों की कटाई के लिए ब्रश कटर, क्रॉप कटर, छोटू मशीन, रीपर, बाइडर रीपर और मल्टीक्रॉप कंबाइन हॉर्वेस्टर मशीन शामिल है। इसी प्रकार अनार के फलों की तुड़ाई-कटाई के लिए पिकिंग बैग, टोकरियां, छंटाई कैंची और यांत्रिक हार्वेस्टर जैसे हार्वेस्टिंग उपकरणों का प्रयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है। 

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