कल्टीवेटर, थ्रेसर, हैरो और सीड ड्रिल पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी, जानें कैसे मिलेगा लाभ

पोस्ट -11 नवम्बर 2022 शेयर पोस्ट

बिहार सरकार ने आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देने का तय किया लक्ष्य 

खेती-किसानी में कम लागत में अच्छा मुनाफा पाने के किसान आधुनिक तकनीक से लैस कृषि यंत्रों का प्रयोग कर रहे है। आज के इस दौर में नए-नए कृषि यंत्र किसानों के बीच काफी फेमस होते जा रहे है। अब किसान खेतों से कम मेहनत एवं खर्च पर अच्छी आमदनी भी कर रहे है। साथ ही गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल भारत में खेती पारंपरिक और आधुनिक दोनों तकनीकों के  इस्तेमाल से कि जाती है। लेकिन दिन प्रतिदिन मजदूरों की कमी एवं उनका बढ़ता मजदूरी से खेती की लागत में बढ़ोतरी हुई है। मजदूरों पर होने वाले इस खर्चे को कृषि यंत्रों की मदद से कम करके खेती की लागत को घटाया जा सकता है। लेकिन बुवाई से लेकर कटाई तक कि ये कृषि मशीनें बेहद महंगे आते हैं। महंगे होने की वजह किसान इन्हें खरीद पाने में असमर्थ होते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें ट्रैक्टर सहित कल्टीवेटर, थ्रेसर, हैरो, सीड ड्रील, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर सहित कई अन्य कृषि यंत्रों पर विभिन्न योजना के माध्यम से सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। ताकि किसान इन कृषि यंत्रों तर पहुच सके। इसी क्रम में बिहार सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसानों को विभिन्न योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ देने का लक्ष्य तय किया है। इच्छुक किसान बिहार सरकार की वेबसाइट पर जाकर अपना  ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसबंर 2022 निर्धारित कि गई है। 

कृषि यंत्रीकरण योजना बिहार

बिहार कृषि विभाग की ओर से खेती-बाड़ी में काम आने वाली कृषि मशीनों को सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध करने के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना को लागू किया गया है। इस योजना उद्देश्य खेती-बड़ी कार्यों को करने के लिए आधुनिका कृषि मशीनों के इस्तमाल पर एक विशेष प्रकार की सुविधा किसानों को प्रदान करना है। इसके लिए बिहार कृषि विभाग आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति वाले किसानों को  कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देता है। विभाग की ओर से इन कृषि यंत्रों पर इनके प्रकार के अनुसार सब्सिडी निर्धारित की गई है। योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 50-75 प्रतिशत सब्सिडी राशि का लाभ दिया जाता है।  किया जा रहा है। ताकि बिना किसी आर्थिक परेशानी के इन कृषि उपकरणों की खरीद कर पाएं। 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में के लिए 94.05 करोड़ अनुदान पर खर्च  करने का फैसला

बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसानों को विभिन्न योजना के तहत कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ देने के लिए लक्ष्य तय किए है। इसके लिए बिहार सरकार ने इस वर्ष 94.05 करोड़ की लागत से किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी के लिए बजट तय किया है। बिहार सरकार कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कृषि सम्बन्धी 90 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करेगी। जिसमें इस वर्ष किसानों को खेती में उपयोग होने वाले कृषि यंत्र जैसे रीपर, रीपर बाइंडर, थ्रेशर, पैडी ट्रांसप्लांटर, रोटावेटर, पॉवर टिलर, लेजर लैंड लेवलर, जीरो टिलेज मशीन एवं अन्य कृषि यंत्र किसानों को सब्सिडी पर दिए जाएँगे। जिसकी जानकारी आप बिहार सरकार कृषि विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। इन 90 प्रकार के कृषि यंत्रों में से हम आपके लिए कल्टीवेटर, थ्रेसर, हैरो, सीड ड्रील, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर जैसे 5 प्रकार के खास यंत्र लेकर आएं है।

ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन 

ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर को ट्रैक्टर की सहायता स चलाया जाता हैं। इस यंत्रों को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर कीटनाशक का छिड़काव का कार्य किया जाता है। ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर की मदद से कम समय में अधिक क्षेत्र में कीटनाशक दवा आदि का छिड़काव कर सकते हैं। विभिन्न कम्पनी अलग-अलग तरह के ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर बनाती हैं। किसान अपनी पंसद और भूमि के क्षेत्र के अनुसार ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन का चयन कर सकते है। 

थ्रेसर मशीन थ्रेसर फसलों से दाने निकालने के काम आता है। इससे फसलों की गहाई (थ्रेशिंग) करने में किसानों को कम समय लगता है। बाजार में कई तरह के थ्रेशर उपलब्ध है। लेकिन ज्यादातर थ्रेशर तीन या चार फसलों की थ्रेशिंग करने के काम में ही आते है। थ्रेसर फसलों की गहाराई करने के काम आता है। ये गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, सरसों, सोयाबीन,, तुअर, चना, मूंग, मसूर राई, अरहर, धान और अन्य छोटे अनाज जैसी फसलों की गहाई (थ्रेशिंग) के करता है। इस मशीन में थ्रेशिंग सिलिंडर, औसिलेटिंग बॉक्स, बीनोइंग (ओसौनी), स्ट्रावार एवं दानों की सफाई के लिए अटैचमेंट लगे होते है, जो फसलों को उनके पुआल और भूसे से अलग करता है। इसे 35-50 एचपी के ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। 

सीड ड्रिल 

यह एक आधुनिक कृषि मशीन है, जिसे किसान भाई सरलता से ट्रैक्टर के साथ जोड़कर बीजों की बुवाई कर सकते हैं। सीड ड्रिल मशीन के उपयोग से खेती में लागत को घटाया जा सकता है और पैदावार बढ़ती है। इससे आप धान, बाजरा, मूंगफली, गेहूं, मक्का, मटर, मसूर, सोयाबीन, आलू, प्याज, लहसुन, सूरजमुखी, जीरा, चना, कपास आदि फसलों की बुवाई को सरलता से कर सकते हैं। उचित मात्र और उचित गहराई में बीज की बुआई करने के लिए यह बहुत उपयोगी यंत्र है। यह मशीन दो प्रकार की आती है। पहली मैनुअल सीड ड्रिल मशीन इसके हरेक चीजों को हाथ से सेट करनी पड़ती है। तथा दूसरी ऑटोमेटिक सीड ड्रिल मशीन इस में ज्यादा सेटिंग की जरूरत नहीं होती है। बाजार में मैनुअल सीड ड्रिल मशीन की कीमत 40 से 90 हजार तक है। और ऑटोमेटिक सीड ड्रिल मशीन की कीमत 50 से लेकर 1.5 लाख रुपए तक है। कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है, जो अधिकतम 20,000 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 16,000 रुपए है। 

हैरो मशीन

खेत की अच्छी जुताई फसल की पैदावार बढ़ाने में बहुत अधिक मदद करती है। खेती की जुताई के लिए डिस्क हैरो बहुत ही महत्वपूर्ण कृषि उपकरण है। इससे मिट्टी तोड़ने का काम किया जाता है। डिस्क हैरो खेत को समतल बनाता है। खेत से खरपतवार निकालने के काम भी आता है। इसके इस्तेमाल से खेती की मिट्टी फसलों के लिए एकदम तैयार हो जाती है। खेती के इस उपकरण में धातु के गोल डिसक लगे होते हैं। इन का आकार लगभग 5 से 7 सेंटीमीटर होता है। और इसे ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। बाजार में विभिन्न कंपनियों के डिस्क हैरो उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत साइज और क्वालिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। ट्रैक्टर चालित सामान्य डिस्क हैरो की कीमत करीब 30 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक हो सकती है। कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है, जो अधिकतम 20,000 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 20,000 रुपए है। 

कल्टीवेटर

बुवाई के लिए खेती की तैयारी करने के लिए सामान्य रूप से काम आने वाला यह कृषि यंत्र जुताई के काम आता है। इसे देसी हल या कल्टीवेटर कृषि उपकरण के नाम से जानते हैं। जिसका उपयोग खेत की जुताई करने में किया जाता है। खेत में मिट्टी के ढेलों को तोड़ने में भी इसका उपयोग किया जाता है। किसानों के द्वारा सामान्यतः जुताई के कार्य के लिए इस देसी हल का उपयोग किया जाता हैं। 

सब्सिडी हेतु यहां करें आवेदन

राज्य के इच्छुक किसान नागरिक कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के माध्यम से यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस के लिए आप अपने नजदीक ही सीएससी पर जाकर कुछ शुल्क देकर आवेदन कर सकते है। इसके अलावा आप योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर स्वयं ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। लेकिन ऑनलाइन आवेदन के लिए पहले आपको कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण डीबीटी पर पंजीकरण करवा के पंजीकरण संख्या प्राप्त करनी होगी। उसके बाद आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। 

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