ऑटोमेटिक ट्रैक्टर : आधुनिक कृषि में एडवांस तकनीकों से निर्मित मशीनों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी हो गया है। खेती-किसानी में कम लागत में संबंधित गतिविधियों को निपटाने के लिए किसानों द्वारा नई-नई आधुनिक तकनीकों पर आधारित मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बिना मशीनों के आधुनिक खेती करना संभव नहीं है। क्योंकि बड़े से बड़े जटिल कृषि कार्य को पूरा करने के लिए किसानों को इन मशीनों की जरूरत पड़ती है। किसानों के इन जटिल कामों को आसान बनाने के लिए हमारे देश के इंजीनियर्स फार्म मैकेनाइजेशन में कई नई-नई टेक्नोलॉजी को विकसित फार्म मशीन और ट्रैक्टरों का इजाद कर रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में ऊर्जा लागत और डीजल उत्सर्जन को कम करने के साथ हानिकारक हर्बिसाइड्स को कम करने के उद्देश्य से ट्रैक्टर कंपनियों द्वारा स्मार्ट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर इजाद किया गया है। इसी क्रम में अब काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, वारंगल (KITS-W) ने किसानों की सुविधाओं के लिए ड्राइवरलैस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर इजाद किया है, जोकि एक रिमोट से चलता है। KITS-W ने इस रिमोट कंट्रोल ड्राइवरलैस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर का चौथा सफल ट्राइल परीक्षण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। जल्द ही इसे बाजारों में किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से इस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर के बारे में जानते हैं।
KITS, वारंगल के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग (CSE) के प्रोफेसर डॉ. पी निरंजन ने बताया कि इस ड्राइवरलैस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर के लिए तकरीबन 41 लाख रुपए की परियोजना राशि दी गई थी। वहीं ड्राइवरलैस ट्रैक्टर के फीचर्स को लेकर प्रोजेक्ट हैड अन्वेषक एमडी शरफुद्दीन वसीम ने बताया कि खेती-किसानी के कामों में यह ऑटोमैटिक ट्रैक्टर किसानों की आय को दोगुना करने में मददगार साबित होगा। यह ट्रैक्टर आसान और सुविधाजनक तरीके से खेतों की जुताई करने में किसानों की मदद करेगा। उन्होंने बताया कि यह स्वचालित ट्रैक्टर खेती में किसानों का खर्च और समय बचाने के साथ लागत प्रभावी ट्रैक्टर खर्च को भी कम करेगा। यह स्वचालित ट्रैक्टर लागत प्रभावी होने के साथ-साथ किसानों की आय को दोगुना करने में भी मददगार साबित होगा।
प्रोजेक्ट के हैड अन्वेषक एमडी शरफुद्दीन वसीम का कहना है कि यह ड्राइवरलैस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर रिमोट कंट्रोल है। रिमोट कंट्रोल डिवाइस से इस ट्रैक्टर का संचालन किया जा सकता है। किसान इस स्वचालित ट्रैक्टर में बिना बैठे रिमोट कंट्रोल डिवाइस की मदद से एक ही स्थान से संचालन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसे कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसान भाई सरलता से उसी प्रकार चला सकते हैं जैसे कंप्यूटर में गेम खेलते हैं।
सीएसई के प्रोफेसर निरंजन रेड्डी ने बताया कि ऑटोमैटिक ड्राइवरलैस ट्रैक्टर को किसान भाई ठीक उसी प्रकार संचालित कर पाएंगे, जिस प्रकार कंप्यूटर में गेम खेलते हैं। इस स्वचालित ट्रैक्टर के लिए कंप्यूटर गेम की तरह ही एक एंड्रॉइड एप्लीकेशन होगा जिसकी मदद से यह संचालित होगा। इसमें लाइफ फील्ड से डेटा इकट्ठा करने के लिए विशेषज्ञों ने सेंसर भी दिया हैं। यह सेंसर स्थान विशेष पर काम करने के लिए तापमान और मिट्टी की नमी का भी पता लगाने में किसानों की मदद करेंगे। साथ ही मिट्टी की कमियों का भी पता लगाकर डेटा कलेक्शन में भी किसानों को आसानी रहेगी। कलेक्शन मिट्टी डेटा के अनुसार मिट्टी की कमियों को दूर कर अच्छी पैदावार कर पाएंगे।
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