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बायोफर्टिलाइजर लैब शुरू : किसानों को मिलेगा 10 तरह का सस्ता खाद

बायोफर्टिलाइजर लैब शुरू : किसानों को मिलेगा 10 तरह का सस्ता खाद
पोस्ट -09 फ़रवरी 2023 शेयर पोस्ट

देश का पहला बायो-फर्टिलाइजर लैब शुरू, अब खेती में घटेगी लागत और बढ़ेगी आय

देश में कैमिकल मुक्त फसल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। जिसमें किसानों को जैविक खेती अपनाने पर उन्हें आर्थिक मदद और खेती की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसी कड़ी में पंजाब राज्य सरकार ने अपने स्तर पर एक पहल की है। जिसमें खेती में रासायनिक खाद और उर्वरकों का प्रयोग घटाने एवं किसानों को आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाने के लिए राज्य में पहला बायो-फर्टिलाइजर लैब शुरू किया है। इस लैब का निर्माण राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के तहत किया है। ऐसे में पंजाब देश का पहला राज्‍य बन गया है जहां पहली बायोफर्टिलाइजर लैब शुरू की गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की ओर से किसानों की हित के लिए बागवानी की नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में यह पहली बायो फर्टिलाइजर लैब राज्य में किसानों के खेती में रासायनिक खादों के प्रति लागत को घटाने और भूमि को इन रसायनों से दूषित होने से बचाने का काम करेगी। साथ ही राज्य में कैमिकल मुक्त फसल उत्पादन, मृदा स्वास्थ्य तथा पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।  

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पंजाब के हो‍शियारपुर में किया लैब का निर्माण 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पहली बायोफर्टिलाइजर लैब का उद्घाटन पंजाब के हो‍शियारपुर में किया। पंजाब सरकार ने इस बायो लेबोरेटरी का निर्माण राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के अंतर्गत किया है। इस लेबोरेटरी को तैयार करने में करीब 2.50 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस लैब से राज्य के किसानों को दो बड़े लाभ होंगे। पहला, पंजाब के किसानों को सस्ती बायो खाद मिलेगी। दूसरा, राज्य में जैविक खाद तैयार होने से पंजाब की मिट्टी, पानी और पर्यावरण को बचाया जा सकेगा। क्योंकि अब तक राज्य में रासायनिक खादों का प्रचलन बहुत अधिक है, जिसका बुरा असर मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर पड़ता है। बायो-फर्टिलाइजर लैब शुरू होने से जैविक खादों का उत्पादन बढ़ेगा और खेती में इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक होगा। 

लैब में तैयार होगी ये 10 तरह की जैविक खादें

पंजाब के मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि हो‍शियारपुर में बनी पहली बायोफर्टिलाइजर लैब शुरू होने से राज्य सरकार के अधिकारी भी खुश हैं। इस  लैबारेटरी में भारत सरकार की संस्था आईसीएआर-आइएआरआई के साथ एमओयू द्वारा 10 तरह की जैविक खादें (एजोटोबैक्टर कैरियर आधारित, पीएसबी कैरियर आधारित, एजोटोबैक्टर लिक्विड फारमूलेशन, पीएसबी लिक्विड फारमूलेशन, पोटेशियम घुलनशील बैक्टीरिया, (केएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, जिंक घुलनशील बैक्टीरिया (जेडएसबी) लिक्विड फारमूलेशन, एनपीके , एम फंगी, आइएआरआइ कम्पोस्ट इनोकुलेंट, ट्राइकोडर्मा विर्डी ) तैयार की जाएंगी। उन्होंने बताया कि लैब  उद्घाटन से पहले ही कुछ खादों को तैयार करता रहा है जिनमें ये 10 तरह की सभी जैविक खाद शामिल है। लेकिन अब इस लैब में आईसीएआर-आईएआरआई के साथ मिलकर बड़े स्तर पर ये ऑर्गेनिक खाद तैयार की जाएगी। जिससे यह जैविक खाद अब हर जिले में बेहद कम दरों पर किसानों को मुहैया करवाई जा सकेगी।  

चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

रिपोर्ट में कहा गया है, बायो-फर्टिलाइजर लैब खाद के अलावा किसानों को बागवानी फसलों के लिए तकनीकी जानकारी भी प्रदान करेगी। इस लैब में बने जैविक खादों का कैसे इस्तेमाल करना है, कम लागत में कैसे उन्नत खेती करनी है। इसके लिए यह बायो-फर्टिलाइजर लैब किसानों को जागरूक करने के लिए अलग से जागरुकता अभियान भी चलाएगा। ताकि किसान बागवानी फसलों की खेती के नए-नए तरीके जान सकेंगे और अपनी आय बढ़ा सकेंगे।

खेती में 20 परसेंट घट जाएगा रासायनिक खादों का प्रयोग 

भारत सरकार की आईसीएआर-आईएआरई संस्था पंजाब के बायो-फर्टिलाइजर लैब में जैविक खाद तैयार करने में सहयोग कर रही है। सरकार का एक अनुमान है कि इस लैब में तैयार ऑर्गेनिक खाद किसानों को काफी सस्ते दामों पर मिलेगी। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका इस्तेमाल खेती में कर सकते हैं। अब किसानों द्वारा बायो-फर्टिलाइजर लैब में तैयार खाद का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इससे खेती में करीब 15 से 20 परसेंट तक रासायनिक खादों का प्रयोग घट जाएगा और किसानों को मंहगे भाव वाली इन रासायनिक खादों पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। जिससे खेती में किसानों की लागत घट जाएगी और जैविक खाद से भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ाई जा सकेगी। लैब में बनी खाद के इस्तेमाल से पर्यावरण को बचाया जा सके। सीधे तौर पर इससे किसानों की आय बढ़ेगी।

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