International Women's Day : 8 मार्च 2025 यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के अवसर पर भारत सरकार 2.5 लाख से ज्यादा महिलाओं को लखपति दीदी बनाएगी। सरकार इसके लिए 450 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च करेगी। इसके अलावा, दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ भी किया जाएगा। यह योजनाएं अंत्योदय परिवारों की महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देने और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 7 और 8 मार्च गुजरात के दौरे पर है। अपने दो दिन के गुजरात दौरे पर पीएम मोदी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के अवसर पर नवसारी जिले में मौजूद रहेंगे, जहां पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में नवसारी के वानसी-बोरसी में 'लखपति दीदी सम्मेलन' आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम से वे राज्य भर में 25,000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों (SHG) की 2.5 लाख से ज्यादा महिलाओं को 450 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता राशि उनके खाते में ट्रांसफर करेंगे। इसके अलावा वे राज्य में दो महत्वपूर्ण राज्य-विशिष्ट योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे।
नवसारी के वानसी बोरसी में आयोजित 'लखपति दीदी सम्मेलन' में नवसारी, वलसाड और डांग जिलों से लगभग एक लाख महिलाएं हिस्सा लेंगी, जिनमें से अधिकतर स्वयं सहायता समूह की सदस्य होंगी, जिन्होंने या तो 'लखपति दीदी' का दर्जा प्राप्त करते हुए 1 लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय प्राप्त करना शुरू कर दिया है या फिर ऐसा करने की ख्वाहिश रखती हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी 10 चयनित लखपति दीदियों से संवाद करेंगे और उनमें से 5 को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करेंगे। इस दौरान गुजरात में लखपति दीदी योजना की प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक फिल्म भी दिखाई जाएगी।
देशभर में महिला उद्यमिता और वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को ‘लखपति दीदी योजना’ (Lakhpati Didi Scheme) की शुरुआत की। इस पहल के तहत, स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिला सदस्य जो प्रति माह 10 हजार रुपए या उससे अधिक कमाती हैं और कृषि, पशुपालन और छोटे उद्योगों जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से कम से कम एक लाख रुपए की वार्षिक आय रखने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ के रूप में मान्यता दी जाती है। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के समर्पित प्रयासों से प्रेरित होकर राज्य में लगभग 1.5 लाख महिलाएं अब 1 लाख रुपए या उससे अधिक की वार्षिक आय तक पहुंच गई हैं और उन्हें ‘लखपति दीदी’ का दर्जा मिल गया है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का सम्मान करते हुए पीएम मोदी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य भर के 25,000 स्वयं सहायता समूहों की 2.5 लाख से अधिक महिलाओं को 450 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता राशि वितरित करेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावशाली समाधानों के लिए ग्रामीण स्टार्टअप का समर्थन करने और सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण आय में परिवर्तन के लिए गुजरात मेंटरशिप और व्यक्तियों का त्वरण (G-MAITRI) योजना शुरू की जाएगी। इस पहल के माध्यम से, गुजरात सोशल एंटरप्राइज फंड (जी-एसईएफ) ने ग्रामीण आजीविका में सुधार पर केंद्रित स्टार्टअप की सहायता के लिए अगले पांच वर्षों में 50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस योजना का उद्देश्य गुजरात में 10 लाख ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करके सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से सामाजिक उद्यमों को नए स्टार्टअप और ग्रोथ स्टार्टअप श्रेणियों के तहत प्रोत्साहन सहायता मिलेगी। गुजरात में आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए काम करने वाले लाभकारी और गैर-लाभकारी दोनों सामाजिक उद्यम जी-मैत्री योजना में भाग ले सकते हैं।
यह योजना गुजरात में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगी। व्यापक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम इस योजना के तहत आयोजित किए जाएंगे। जी-मैत्री योजना के तहत, अगले 5 वर्षों में सीड एवं स्केल स्टार्टअप कार्यक्रमों के माध्यम से 150 से अधिक स्टार्टअप का समर्थन किया जाएगा और उद्यम विकास का समर्थन करने के लिए 20 लाख से 30 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें सीड स्टार्टअप के लिए 20 लाख रुपए की सहायता मिलेगी, जबकि स्केल स्टार्टअप 30 लाख रुपए तक की सहायता राशि के लिए पात्र होंगे।
इसके अलावा, कार्यक्रम से पीएम दो महत्वपूर्ण राज्य-विशिष्ट योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे। राज्य में अंत्योदय परिवारों की महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देने और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए 8 मार्च को जी-सफल योजना भी शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य के दो आकांक्षी जिलों और 13 आकांक्षी तालुकाओं में 50,000 अंत्योदय अन्न योजना (AAY) कार्डधारक परिवारों को लाभ मिलेगा। यह योजना अंत्योदय परिवारों में स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाओं को वित्तीय सहायता और उद्यमशीलता का प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
योजना के तहत, प्रत्येक स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिला सदस्य को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ 1 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, 5 वर्षों में 50,000 महिलाओं को सहायता देने के लिए कुल 500 करोड़ रुपए की सहायता राशि है। प्रत्येक 50-60 महिलाओं के लिए एक फील्ड कोच नियुक्त किया जाएगा और साप्ताहिक कोचिंग और क्षमता निर्माण सत्र होंगे। इनमें महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
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