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लाड़ली योजना ने बदली जिंदगी! दूध व्यवसाय से आत्मनिर्भर बनीं राजेश्वरी

लाड़ली योजना ने बदली जिंदगी! दूध व्यवसाय से आत्मनिर्भर बनीं राजेश्वरी
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लाड़ली बहना की राशि से खरीदी गाय, अब दूध व्यवसाय से हर महीनें 15 हजार रुपए कमा रही राजेश्वरी

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष योजना की शुरुआत की है। यह योजना प्रदेश की गरीब एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों से आने वाली महिलाओं को सालाना 15 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।  इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ है। मध्य प्रदेश में यह योजना महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि परिवार की निर्णय प्रक्रिया में उनकी भागीदार बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम बन चुकी है। नगर निगम जबलपुर की सीमा में आने वाले ग्राम कुगवां की लगभग 50 वर्षीय राजेश्वरी पटेल ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है। राजेश्वरी ने योजना से हर महीने मिलने वाली राशि को खर्च करने की बजाय उस राशि को बचत का माध्यम बनाया और उसी बचत से एक गाय खरीदी। धीरे-धीरे उन्होंने दूध का व्यवसाय शुरू किया। आज उनकी मेहनत और सोच का ही परिणाम है कि वे अपने परिवार को आर्थिक रूप से संभालने के साथ एक स्वाभिमानी और खुशहाल जीवन जी रही हैं।

दूध का व्यवसाय शुरू करने का लिया निर्णय (Decided to start a milk business)

राजेश्वरी के पति विजय पटेल पहले भेड़ाघाट बायपास रोड पर पान का ठेला चलाकर परिवार का पेट पालते थे। चार लोगों का परिवार चालने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था । परिवार के भरण पोषण में पति का सहायो करने के लिए राजेश्वरी ने भी कमर कस ली और गांव के सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन पकाने का काम शुरू किया। बाद में गांव नगर निगम सीमा में शामिल हो गया और सेंट्रलाइज्ड किचन से भोजन की आपूर्ति शुरू होने पर उन्हें स्कूल के बच्चों को भोजन परोसने का काम मिलने लगा। वहीं दूसरी ओर, नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ मुहिम के कारण विजय पटेल को अपना ठेला हटाना पड़ा। मजबूरी में वे खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करने लगे, लेकिन कभी काम मिलता था कभी नहीं। आर्थिक स्थिति फिर से डगमगाने लगी। इस कठिन समय में राजेश्वरी ने ठान लिया कि अब परिवार को नया रास्ता देना होगा। इस बीच राजेश्वरी ने परिवार के सदस्यों से चर्चा की और दूध का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। 

लाडली बहना योजना बनी सहारा (Ladli Behna Yojana became a support)

परिवार से सलाह लेकर उन्होंने दूध का व्यवसाय शुरू करने का फैसला लिया। उनके पास पहले से एक गाय थी, जिससे केवल घर की दूध की जरूरतें पूरी होती थीं। लेकिन व्यवसाय के लिए उन्हें और संसाधन चाहिए थे। ऐसे में शासन की ओर से चलाई जा रही  “मुख्यमंत्री लाडली योजना” उसका सबसे बड़ा सहारा बनी। राजेश्वरी ने योजना से हर माह मिलने वाली राशि को बैंक खाते में बचाकर कुछ महीनों में एक और गाय खरीद ली। अब उनके पास दो गाय हो गईं और दूध का व्यवसाय धीरे-धीरे चलने लगा। मुनाफा हुआ, तो उन्होंने एक-एक कर दो और गायें खरीदीं, अब उनके पास चार गाय हो गई  हैं और वह हर महीने 10,000 हजार रुपए से 15,000 रुपए तक की आय सिर्फ दूध के व्यवसाय से कमा रही हैं। उनका परिवार अब सम्मानजनक और खुशहाल जीवन जी रहा है।

गाय के दूध, घी और गोबर से बेहतर कमाई (Better income from cow milk, ghee and cow dung)

राजेश्वरी पटेल का परिवार अब केवल दूध बेचने तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने इस करोबार को एक समग्र डेयरी बिजनेश में बदल दिया है। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी भी हैं, वे भी इस व्यवसाय में पूरी दिलचस्पी के साथ उनका सहयोग कर रहे हैं। गांव के कई परिवार उनसे 50 रुपए / लीटर की दर से गाय का दूध खरीदते हैं। राजेश्वरी बताती हैं कि आमतौर पर चार में से दो या तीन गायें रोजाना दूध देती हैं, जिससे औसतन 10-12 लीटर दूध निकलता है। ग्राहक की मांग पूरी करने के बाद जो दूध बचता है, उससे वे घी बनाती हैं, जो  उनकी अतिरिक्त कमाई का अहम जरिया बन गया है। राजेश्वरी ने बताया कि उनके द्वारा घर पर तैयार किया गया देसी घी  गांव और आसपास के क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो चुका है। आज वे इसे बाजार में 900 रुपए प्रति किलो के भाव तक बेच रही हैं। इसके अलावा, वे गाय के गोबर से उपले (गोबर के कंडे) बनाकर भी बेचती हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है। 

लाडली बहना योजना :  महिलाओं का सामाजिक सशक्तिकरण करना (Ladli Behna Yojana: Social empowerment of women)

8 मार्च 2023 (महिला दिवस) को मध्यप्रदेश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी, जिसका नाम मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना है। योजना की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, और इसका संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य मध्प्रदेश की गरीब एवं मध्यम आय वर्ग की महिलाओं (विवाहित हो, जिनमें विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिला भी सम्मिलित) को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

कितनी मिलती है प्रति माह की राशि (How much amount do you get per month)

लाडली बहना योजना के तहत प्रदेश की पात्र महिलाओं हर महीने 1,250 रुपए  की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे डी.बी.टी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लाभार्थी महिला के बैंक खाते में जमा की जाती है। यह योजना प्रति लाभार्थी महिला को 15,000 रुपए सालाना की सहायता राशि प्रदान करती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा की अनुसार,  योजना को और अधिक सशक्त और व्यापक बनाया जाएगा। अक्टूबर 2025 (दिवाली) से लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाकर 1,500 रुपए प्रति माह की जाएगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2028 तक यह राशि 3,000 रुपए प्रति माह तक पहुंचाई जाएगी।

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