Mukhyamantri Gramodyog Rojgar Yojana 2025 : कृषि क्षेत्र में युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में कई योजनाएं शुरू की गई है, जिनके माध्यम से युवा उद्यमियों को कृषि एवं उससे संबंधित स्टार्टअप शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और ब्याज पर अनुदान लाभ प्रदान किया जा रहा है। साथ कृषि व्यापार से जुड़ने के लिए विशेषज्ञों द्वारा उचित मार्गदर्शन भी दिया जाता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं की बेरोजगारी दूर करने के लिए क्षेत्र के युवाओं को स्वयं का रोजगार स्थापित करने का बेहतरीन मौका दे रही है। जिसके लिए सरकार युवाओं को 10 लाख रुपए तक का ऋण दे रही है। साथ ही युवाओं को इस ऋण पर लगने वाले ब्याज पर अनुदान भी दिया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार लोग आत्मनिर्भर बन सकें। आइए, जानते हैं कि राज्य सरकार की इस योजना में लाभ कैसे लिया जा सकता है और इसके लिए क्या योग्यता होगी तथा डॉक्यूमेंट क्या लगेंगे?
उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य के मीडिया में प्रकाशित बयान के अनुसार, योगी सरकार ने प्रदेश में ग्रामीण रोजगार के अवसरों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना (MukhyaMantri Gramodyog Rojgar Yojana) भी शामिल है। यह योजना खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, उत्तर प्रदेश, लघु उद्योग निगम और अन्य सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कार्यान्वित की जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पात्र लाभार्थी को व्यापार शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी हेतु 10 लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज सब्सिडी मिलेगी। यानी कुल मिलाकर राज्य सरकार की यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अनुदान और ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वहीं, यह योजना लाभार्थियों के कौशल और ज्ञान विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक शानदार पहल है। इस योजना से न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य का चहुंमुखी विकास भी होगा। योजना का लक्ष्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और उद्योगों को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर पैदा करना है और शहरी क्षेत्रों में गमन को कम करना है। प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास में यह योजना एक अहम रोल अदा करती है। बयान में बताया गया है कि प्रदेश में इस योजना के तहत कृषि आधारित उद्योग, हस्तशिल्प, हथकरघा, खादी और अन्य पारंपरिक उद्योगों जैसे ग्रामीण उद्योगों की स्थापना के लिए व्यक्तियों या समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
एनपी मौर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना और स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। योजना के तहत उधारकर्ताओं की आयु 18 वर्ष से कम और 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। 50 प्रतिशत उधारकर्ता अनुसूचित जाति (SC)/ अनुसूचित जनजाति (ST)/ पिछड़े वर्ग (O.B.C) वर्ग से होने चाहिए। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान/पॉलिटेक्निक द्वारा प्रशिक्षित उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षित बेरोजगार युवा जिनकी उम्र सरकारी सेवा के लिए समाप्त हो गई है योजना में आवेदन के लिए पात्र हैं। चिन्हित लाभार्थियों के लिए स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर ग्रामोद्योग इकाइयों की पहचान की जानी चाहिए। ऐसी इकाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी जो स्थानीय उपभोक्ताओं की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुओं के उत्पादन में लगी होंगी। अभ्यर्थी ने ग्रामोद्योग विषय के साथ व्यावसायिक शिक्षा [10+2] उत्तीर्ण की है तथा जिसने संबंधित जिले के रोजगार कार्यालय में अपना पंजीकरण कराया हो। ट्राइसेम और किसी अन्य सरकार के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवार, पारंपरिक कारीगर, महिलाएं स्वरोजगार में रुचि रखती हैं योजना में आवेदन के लिए पात्र होंगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी मौर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत पात्र इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सबसे पहले इच्छुक उम्मीदवार योजना की अधिकृत वेबसाइट https://mmgrykhadi.upsdc.gov.in/ पर जाए और विवरण भरकर ऑनलाइन आवेदन करें। फॉर्म में उल्लिखित सभी आवश्यक जानकारी जैसे नाम, पिता/पति का नाम, व्यवसाय, पता, कार्यस्थल का पता, आयु, योग्यता, पारिवारिक वार्षिक आय और अन्य विवरण अंकित करना होगा। सारी जानकारी भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें। अब आपके सामने एक और पेज खुलेगा। यहां आपको मांगी गई जानकारी भरकर प्रमाणित करना होगा। आवेदक ग्रामीण क्षेत्र से मूल निवासी होना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्र में ही स्वरोगार के करोबार स्थापित करने का इच्छुक होना चाहिए। ऑनलाइन आवेदन के बाद इसकी प्रिंटेड कॉपी व अन्य जरूरी दस्तावेज को जिला ग्रामोद्योग कार्यालय में जमा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए विकास भवन के द्वितीय तल पर स्थित जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
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