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उत्तर प्रदेश : ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा रोजगार, प्रति सैंपल पानी की जांच पर मिलेंगे 20 रुपए

उत्तर प्रदेश : ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा रोजगार, प्रति सैंपल पानी की जांच पर मिलेंगे 20 रुपए
पोस्ट -20 जुलाई 2022 शेयर पोस्ट

यूपी में ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा रोजगार, करेंगी पानी सैंपल की जांच

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के नागरिकों के हित कल्याण के लिए कई प्रकार की योजनाओं को शुरू किया है। राज्य में योगी सरकार ने ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक अनोखी पहल की है। प्रदेश की योगी सरकार राज्य में गंदे पानी से बीमारियों की समस्याओं को देखते हुए राज्य में ’हर घर नल का जल’ योजना को शुरू किया है। इस योजना को नमामि गंगे प्रोजेक्ट और जल जीवन मिशन के तहत शुरू किया गया है। इस योजना को जल जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए शुरू किया गया है। यूपी में दूषित पेयजल से जल जनित बीमारियां होती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रो में एक बड़ी समस्या है। यूपी में जल जनित बीमारियों के खात्मे के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने पीने के पानी की शुद्धता के लिए नए अभियान के तहत यूपी में महिलाओं की बड़ी फौज उतार ने की तैयारी कर रही है। ये अब तक का सबसे बड़ा टास्क फोर्स होगा। गांव की महिलाओं को न सिर्फ इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उनके हाथों में सरकार पानी के सैम्पल की जांच के लिए फील्ड टेस्ट किट भी देने वाली है। पहली बार बड़ी संख्या में महिलाओं को इस कार्य में लगाया जाएगा। प्रदेश में पहली बार 6 लाख महिलाओं को वॉटर सैम्पल (पानी के नमूने) की जांच में लगाया जाएगा। इन महिलाओ  के हाथों में फील्ड टेस्ट किट होगी। ये महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की जांच करेंगी। नमामि गंगे प्रोजेक्ट और जल जीवन मिशन की ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत पीने के पानी की शुद्धता की जांच के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य देने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोले गए हैं। योजना के तहत प्रत्येक राजस्व गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है, तो आइए ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से इस अभियान के बारें में जानते हैं।

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एक लाख महिलाओं को दी जा चुकी है ट्रेनिंग

यूपी में ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित पेयजल से जल जनित बीमारियां की बड़ी समस्या सेे निपटने के लिए यूपी सरकार ने हर घर नल का जल अभियान को तेज किया है। इस अभियान के तहत महिलाओं को जिम्मा सौपा गया है। पहली बार ग्रामीण स्तर पर वॉटर सैम्पल के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को लगाया गया है। वॉटर सैम्पल के लिए करीब 6 लाख से ज्यादा महिलाओं तैयार किया जा रहा है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बुंदेलखंड, पूर्वांचल समेत प्रदेशभर में एक लाख से अधिक महिलाओं का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। प्रशिक्षित महिलाएं गांव में 70 हजार पानी के नमूनों की जांच कर जल निगम को भेज चुकी हैं। यह पहला मौका है, जब प्रदेश में जल जनित बीमारियों से लड़ाई के लिए गांव-गांव में इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को तैयार किया जा रहा है।

यूपी के कई क्षेत्रों में हुआ प्रशिक्षण

सरकारी प्रवक्ता ने बताया की अब तक शहजहांपुर, बिजनौर, फिरोजाबाद, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, मुरादाबाद, बुलंदशहर, अमबेडकरनगर, संभल के गाँव में महिलाओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा कर लिया गया है। इस अभियान के लिए हर राजस्व ग्राम से 5 महिलाओं का चयन विकास खंड स्तरीय कमेटी करेगी। जिसके सदस्य विकास खंड अधिकारी, संबंधित जनपद के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता,अवर अभियंता होते हैं। गाँव में महिलाओं से इसके लिए सहमति के आधार पर चयन किया जा रहा है। इस अभियान में प्रशिक्षित महिलाओं को वॉर सैम्पल की जांच के लिए फील्ड टेस्ट किट दिए जाएंगे। प्रशिक्षित महिलाएं इस फील्ड टेस्ट किट की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, नल, हैंडपम्प, कुएं के पानी की शुद्धता की लगभग 12 तरह की जांच कर पाएंगी। दरअसल पीने के पानी में फ्लोराइड,आर्सेनिक जैसे तत्वों की अधिकता पाए जाने से बीमारियों की एक लम्बी शृंखला है.ऐसे में इस तरह की अशुद्ध स्त्रोतों के मिलने पर जल निगम उस जल श्रोत को या तो बंद करेगा या फिर समस्या के समाधान के प्रयास करेगा। 

पानी के प्रत्येक सैम्पल की जांच के लिए मिलेंगे इतने रूपये

जल जीवन मिशन की इस योजना ने ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य देने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोले हैं। महिलाओं को पानी की प्रत्येक सैम्पल की जांच पर 20 रुपये दिए जाएंगे। योजना के तहत प्रत्येक राजस्व गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान टेस्ट किट दी जाएगी। गंदे पीने के पानी से होने वाली बीमारियों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार की एक बड़ी पहल हैं। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की पर्याप्त आपूर्ति के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में भी जल जीवन मिशन के तहत काम हो रहा है। महिलाओं को नमूनों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 

इन बीमारियों से मिलेगी निजात

यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड और आर्सेनिक की समस्या से बहुत ज्यादा जल जनित बीमारियाँ होती हैं। जल में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से फ्लोरोसिस जैसी दांतों की बीमारी हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गंदे पानी से दस्त, हैजा, टायफायड, मलेरिया, डेंगू, स्किन कैंसर, किडनी में स्टोन, पाचनतंत्र का खराब होना जैसी बीमारियाँ होती रही हैं।

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