कृषि एवं संबंधित सेक्टर में किसानों को अच्छी पैदावार के साथ-साथ फसल उत्पादन का उचित मूल्य मिल पाए, इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। गत महीने में देश की कई राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्य का बजट 2023 पेश किया है। इन सभी राज्य सरकारों ने अपने बजट में आम जनता के साथ-साथ कृषि एवं संबंधित सेक्टर का विशेष ध्यान रखा है। कई राज्य सरकारों ने अपने कृषि बजट में कृषि सेक्टर के विकास के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई नई योजनाओं को शुरू करने एवं चल रही योजनाओं में राशि बढ़ाने की घोषणा भी की गई है। इसी बीच झारखंड सरकार द्वारा अपने कृषि बजट में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। राज्य में किसानों की आमदनी एवं फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए खेतों में सिंचाई के साधन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने अपने कृषि बजट में 1 लाख निजी नलकूप खनन की घोषणा की है। जिसके तहत राज्य सरकार एक नई योजना लाने जा रही है। इस योजना के तहत काफी मोटे बजट का प्रावधान भी किया गया है। ताकि किसानों की सिंचाई समस्या को खत्म किया जा सके और साल में एक से अधिक फसलों की पैदावार ली जा सके। आइए, ट्रैक्टरगुरू के इस पोस्ट के जरिये इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, झारखंड सरकार ने अपने राज्य कृषि बजट वर्ष 2023-24 में कृषि एवं सम्बंधित सेक्टर के विस्तार हेतु 4,627 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जिसमें सिंचाई सुविधाओं एवं सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए जल संसाधन विकास के लिए 1,964 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है। इसके अतिरिक्त सरकार ने अपने ग्रामीण विकास बजट में किसानों को निजी सिंचाई कूप देने का प्रावधान किया है। इसके लिए शासन नई योजना शुरू करने जा रहा है, जिसके जरिये राज्य में 1 लाख किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए सिंचाई कूप बनाए जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झारखंड सरकार के वित्त मंत्री श्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने सरकार का बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य में फसलों की पैदावार बढ़ाने एवं फसलों की समय पर सिंचाई के लिए किसानों को सिंचाई कूप की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा मनरेगा तथा राज्य योजना के अंतर्गत “बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन” नाम की एक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत 1 लाख किसानों की निजी भूमि पर सिंचाई कूप बनाए जाएंगे। सरकार इसके लिए राज्य योजना से प्रत्येक लाभार्थी को 50,000 रुपए सामग्री मद में एवं शेष राशि मनरेगा योजना से देगी। वित्त मंत्री श्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने अपने बजट में कृषकों को सिंचाई के लिए 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाब से गाद हटाने एवं डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। वही, सौर ऊर्जा तथा दूसरे सतत उर्जा के जरिये से माइक्रोलिफ्ट इरिगेशन सिंचाई को सफल बनाने हेतु कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी।
झारखंड सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कि सोन-कनहर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना में भू-अर्जन प्रक्रिया की जटिलता से बचते हुए राज्य में इस परियोजना के तीव्र कार्यान्वयन के लिए दुमका में मसलिया - रानेश्वर एवं देवघर - जामताड़ा जिला में सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही है। सरकार इन सिंचाई परियोजनाओं के आधार पर इस वित्त वर्ष 2023-24 में पटमदा तथा मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं शुरू करेगी, जिससे राज्य के किसान एक वर्ष में एक से अधिक फसल ले सकें और फसलों की समय पर सिंचाई कर सकें।
हाल के बीते दिनों में वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा झारखंड सरकार का विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया गया था। यह बजट चालू वित्त वर्ष से करीब 15 प्रतिशत अधिक राशि का है। इस बजट में सरकार ने युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। इस बजट में 1.40 लाख युवक-युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य है। युवक-युवतियों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार नहीं मिलने पर उन्हें 6 महीने तक 1,000 रुपये और महिलाओं-दिव्यांगों को 1500 रुपये दिए जाएंगे। राज्य में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का विस्तार किया जाएगा। साथ ही राज्य में लगभग 2 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध करने की भी घोषणा की गई है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मासिक मानदेय में बढ़ोतरी करने का ऐलान भी बजट में किया है। आंगनबाड़ी सेविकाओं को आधुनिक सूचना तंत्र से जोड़ने के लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन देने की भी घोषणा की गयी।
वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में कृषि एवं संबंधित सेक्टर के विस्तार के लिए कई महत्वाकांक्षी योजना का संचालन कर रही है, जिनका लाभ किसानों को समान रूप से दिया जा रहा हैं। राज्य में फसलों की सुरक्षा के लिए फसल राहत योजना चलाई जा रही है, जिसके जरिये किसानों को फसल क्षति होने पर उचित क्षतिपूर्ति प्रदान की जा रही है। वहीं बजट में इसका विस्तार करते हुए फसल सुरक्षा कार्यक्रम नामक एक नई योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसकें तहत गिरिडीह और जमशेदपुर में नए डेयरी संयंत्रों और रांची में मिल्क पाउडर संयंत्र के साथ दुग्ध उत्पाद प्लांट लगाने के लिए 180 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पानी की कमी के कारण किसानों के लिए वैकल्पिक खेती करने के लिए योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से किसानों को कम पानी से तैयार होने वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऋण माफी योजना के तहत किसानों को पुराने कर्ज से मुक्त कराया जा रहा हैं। इस योजना के माध्यम से किसानों के पुराने कर्ज में 50 हजार रुपए तक की राशि माफ किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से किसानों के लिए समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत समूह को प्रशिक्षित करते हुए कृषि के विभिन्न आयामों से जोड़ा जा रहा है। ताकि किसानों को पैदावार के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जा सके।
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