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अमरूद की खेती पर 60 हजार रुपए तक की सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया

अमरूद की खेती पर 60 हजार रुपए तक की सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया
पोस्ट -28 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

बिहार सरकार अमरूद की खेती पर दे रही अनुदान, जानें पूरी योजना 

बीते कुछ दशकों के अंदर बागवानी का काफी विस्तार हुआ हैं। देश के किसान बागवानी में तेजी से अपनी रूची दिखा रहे है। बागवानी में परंपरागत फसलों की खेती के साथ-साथ फलों की बागवानी पर भी अपना ध्यान केंद्रीत कर रहे है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें भी अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रही है। किसानों को फलों की बागवानी करने के लिए प्रोत्साहन योजना भी चला रही है। इसी क्रम में बिहार सरकार राज्य में फलों की बागवानी विस्तार के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना का संचालन कर रही है। फलों की बागवानी में अपार संभावना को देखते हुए बिहार सरकार राज्य के किसानों को सब्सिडी भी दे रही है। बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत विभिन्न फलों की बागवानी पर 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इसमें अमरूद भी शामिल है। बिहार में जो किसान अमरूद की बागवानी करना चाहते हैं उनके लिए बहुत ही सुनहरा मौका है। बिहार सरकार अमरूद की बागवानी करने वाले किसानों को 60 फीसदी यानि 60 हजार रूपए की राशि बतौर सब्सिडी के रूप में दे रही है। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ कई किसान उठा चुके हैं। यदि आप भी अमरूद की बागवानी शुरू करना चाहते हैं, तो अभी आपके लिए अच्छा मौका है। इसके लिए आपको योजना के तहत http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। ट्रैक्टरगुरु के इस लेख में हम आपकों योजना से जुड़ी तमाम पर्याप्त जानकारी देने जा रहे है। इस जानकारी की सहायता से आप भी अमरूद की बागवानी पर आसानी से सब्सिडी का लाभ उठा सकते है। और अपनी आय बढ़ा सकते है। 

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60 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान 

बिहार सरकार राज्य में किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना चला रही है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार राज्य में अमरूद के क्षेत्र में विस्तार करने के लिए किसानों को इसकी खेती के लिए सरकार की ओर से लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए बिहार सरकार की ओर से अमरूद की खेती पर इकाई लागत एक लाख रुपए निर्धारित की गई है, जिस पर किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत राज्य में अमरूद की खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से 60,000 रुपए तक की राशि बतौर सब्सिडी के रूप में मिल जाएगी। बता दें कि यह सब्सिडी किसानों को यह सब्सिडी किसानों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत दी जा रही है। इस योजना के तहत बिहार सरकार राज्य में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। 

आय का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है अमरूद

दरअसल बिहार एक बहुत बड़ा कृषि प्रधान राज्य है। यहां परंपरागत फसलों की खेती के साथ-साथ आम, लीची, पपीता और अमरूद सहित कई अन्य तरह के फल फसलों की बागवानी भी काफी बड़े पैमाने पर की जाती है। इससे किसानों की आमदनी भी अच्छी होती है और राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ जाता है। बिहार के अमरूद की डिमांड भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी बड़े स्तर पर है। इन सब स्थिति को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने बागवानी में अमरूद को अच्छी कमाई करने का एक अच्छा विकल्प मानते हुए यह फैसला लिया है। सरकार का मनना है कि अमरूद किसानों को बेहतरी आय देने वाला एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अमरूद से किसानों की आय बढ़ सकती है। और किसान इसकी बागवानी करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। 

योजना के तहत अनुदान राशि तीन किस्तों में दी जाएंगी

बिहार सरकार सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना को शुरू किया हुआ है। इस योजना के तहत बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर से एक हेक्टेयर में अमरूद की खेती करने वाले किसानों को 60 हजार रुपये तक सब्सिडी दे रही है। इसके लिए बिहार सरकार ने विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत प्रति हेक्टेयर जमीन पर अमरूद की बागवानी के लिए अधिकतम इकाई लागत 1 लाख रुपये निर्धारित की गई है, इस निर्धारित राशि पर किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी के तौर पर यानी 60,000 रुपये मिल जाएंगे। यह अनुदान राशि तीन किस्तों में दिया जाएगा। इसमें पहले चरण के लिए 60 प्रतिशत यानि 36,000 रुपए, दूसरे चरण में 20 प्रतिशत यानि 12,000 रुपए और तीसरे साल में 20 प्रतिशत यानि 12,000 रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी। 

योजना का लाभ उठाने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन

बिहार सरकार ने राज्य में अमरूद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की तरफ से अमरूद की खेती करने पर किसानों को 60 फीसदी सब्सिडी भी दे रही है। ऐसे में आप भी अमरूद की बागवानी करना चाहते हैं, तो अपके लिए बहुत ही सुनहरा मौका है। आप भी बिहार सरकार की इस योजना के तहत बिहार उद्यान विभाग की आधिकारिक पोर्टल पर http://horticulture.bihar.gov.in/ पर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन देकर योजना का लाभ उठा सकते हैं। खास बात है कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना अनिर्वाय है। साथ ही योजना के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क भी कर सकते हैं। 

योजना में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड

  • खसरा नंबर/बी1 पट्टे की प्रति   

  • बैंक पासबुक की कॉपी

  • किसान का पासपोर्ट साइज फोटो

  • आधार और बैंक खातें से लिंक मोबाइल नंबर 

अमरूद की खेती से होने वाली आय

अमरूद रोपाई के 3 वर्ष पश्चात फल देना शुरू कर देता है। किसान इसमें एक बार लागत लगाकर 14 सालों तक कमाई कर सकते हैं। इस की खेती में एक एकड़ में लगभग 20 से 25 हजार रुपये तक का खर्च आता है, जो कि आने वाले सालों में घटता चला जाता है। आय की बात करें तो सामान्य फसल होने पर एक लाख रुपये प्रति एकड़ तथा बहुत अच्छी फसल होने पर दो लाख रुपये प्रति एकड़ तक की आय असानी से हो जाती है। अमरूद की खेती से किसानों को प्रति हेक्टेयर 8-15 टन तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है। बाजार में अमरूद की बिक्री में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे में अमरूद की बागवानी से किसान हर साल एक बेहतरीन आय अर्जित कर सकते हैं।

अमरूद की खेती की जानकारी 

अमरूरद की खेती के लिए गर्म और शुष्क दोनों जलवायु बेहतर होती है। अमरूद की खेती 100-200 सेमी की वर्षा वाले इलाकों में सफलतापूर्वक की जा सकती है। इसकी बागवानी के लिए 15 डिग्री से 30 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान उपयुक्त होता है। इसकी खेती कार्बिनक पदार्थ से भरपूर, उचित जल निकास वाली बलुई दोमट से चिकनी मिट्टी में की जा सकती है।  

बुवाई का अनुकूल समय

अमरूद की खेती के लिए अगस्त-सितंबर या फरवरी-मार्च सबसे अनुकूल समय होता है। इसकी खेती जैविक तरीके से करने पर बेहतर उत्पादन होता है। खेत में पर्याप्त मात्रा में सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट डालकर खेत की अच्छे से जुताई कर मिला देनी चाहिए। वहीं पौधे लगाने के लिए 6 X 5 मीटर की दूरी रखें। यदि पौधे वर्गाकार तरीके से लगाए गए हैं, तो पौधों की दूरी 7 मीटर रखें। प्रति एकड़ 132 पौधे लगाए जा सकते हैं। अमरूद की बागवानी के लिए अच्छी किस्मों का चुनाव करना बहुत जरूरी है। इलाहाबादी सफेदा, सरदार 49 लखनऊ, सेब जैसे अमरूद, इलाहाबादी सुरखा आदि अमरूद की उन्नत किस्में है। इसके अलावा चित्तीदार, लाल फ्लीस, ढोलका, नासिक धारदार आदि किस्में हैं। इलाहाबादी सफेदा बागवानी के लिए सर्वोत्तम है। 

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