Gardening Scheme : बागवानी खेती का क्षेत्र विस्तार करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बागवानी विकास योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे जैविक तरीके से फल, फूल और सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित हो पाए। ग्रामीण क्षेत्रों के खेतिहर किसानों के लिए संचालित बागवानी योजना का लाभ अब शहर के लोग भी उठा सकते हैं। इसके लिए सरकार की तरफ से एक खास बागवानी योजना की शुरूआत की गई है। इसमें शहरों में रहने वाले वे लोग लाभ ले सकते हैं, जो अपनी घर की छतों पर फल, फूल और सब्जियों की बागवानी (गार्डनिंग) करते हैं। ऐसे सभी लोगों को सरकार योजना के तहत सब्सिडी देगी। आईए, इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सरकार ने चलाई छत पर बागवानी योजना
दरअसल, तेजी से बढ़ते शहरीकरण के चलते देश में कृषि योग्य भूमि की कमी हो रही है। जिसके कारण कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है और लोगों को फल, फूल और सब्जी जैसे दैनिक कृषि उत्पादन के लिए मारामारी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि शहरों में रहने वाले लोगों को जैविक और ताजी सब्जियों के स्वाद से वंचित होना पड़ रहा है या फिर इसके लिए अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा है। इन सब को देखते हुए बिहार सरकार ने छत पर बागवानी योजना चलाई है। इस योजना के तहत शहर में रहने वाले लोग अब अपनी छतों पर फल, फूल और सब्जी की बागवानी यानी गार्डनिंग कर सकते हैं। साथ ही छत पर जैविक फल, फूल और सब्जी उगाने पर आपको सरकार द्वारा अच्छा खासा अनुदान मिलेगा।
छत पर बागवानी करने के लिए इतना मिलेगा अनुदान
राज्य सरकार छत पर बागवानी योजना के तहत जैविक फल और सब्जी उगाने वालों को अनुदान दे रही है, जिससे लोगों को घर पर ही सस्ती और ताजी जैविक सब्जी और फल मिल सके। बिहार सरकार की छत पर बागवानी योजना के तहत राजधानी पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो छत पर बागवानी करते हैं, उन्हें इस योजना के तहत 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
किन पौधों को उगाने पर मिलेगी सब्सिडी
इससे पहले वर्ष 2019 में सरकार ने टेरेस फार्मिंग सब्सिडी योजना लागू की थी, जिसके तहत छत पर बागवानी करने के लिए लोगों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। अब इस योजना के तहत सब्सिडी को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तय किया गया है। इस योजना के तहत गार्डनिंग के लिए मकान की छत पर 300 वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए। छत पर बागवानी योजना के तहत फार्मिंग बेड योजना के तहत 300 वर्ग फीट में पौधे लगाने की कुल इकाई लागत 50,000 रुपए है। इस पर लाभार्थी को 75 प्रतिशत या 37,500 रुपए सब्सिडी मिलेगी। वहीं, सरकार की तरफ से गमले की योजना की इकाई लागत 10000 रुपए है। इस पर 75 फीसदी या 7500 रुपए सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के तहत अधिकतम 5 इकाई का लाभ किसी भी आवेदन द्वारा लिया जा सकेगा। योजना के तहत किसी भी संस्थान को अनुदान का लाभ नहीं दिया जाएगा।
फार्मिंग बेड योजना के तहत छत पर लगाए जा सकेंगे ये पौधे
इस योजना के तहत फार्मिंग बेड योजना के तहत पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम ( 10ft x 4ft x 10 inch), जैविक (आर्गेनिक) गार्डनिंग किट, फ्रूट बैग (24 inch x 12 inch), राउंड स्पिनच ग्रोइंग बैग, फल के पौधे, सैंपलिंग ट्रे, खुरपी और ड्रिप सिस्टम का इंस्टॉलेशन मोटर एवं वकेट के साथ के लिए सब्सिडी दी जाएगी। फार्मिंग बेड अंतर्गत छत पर उगाने वाले पौधों में सब्जी के लिए बैंगन, मिर्च, गोभी, गाजर, मूली, भिंडी, पत्तेदार सब्जी और कद्दू आदि पर सब्सिडी मिलेगी। इसी प्रकार फल में अमरूद, नींबू, पपीता (रेडलेडी), आम (आम्रपाली), अनार और अंजीर इत्यादि पर सब्सिडी दी जाएगी। वहीं घृतकुमारी, करी पत्ता, वसाका, लेमन ग्रास एवं अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधे उगाने पर सब्सिडी योजना का लाभ मिलेगा।
गमले की योजना के अंतर्गत उगाने वाले पौधे
गमले की योजना के अंतर्गत आवेदक को 10 इंच वाले गमले में तुलसी, अश्वगंधा, एलोवेरा, स्टीविया, पुदीना इत्यादि पौधे उगाने पर सब्सिडी मिलेगी। वहीं 12 इंच वाले गमले में स्नेक प्लांट, डफॉन, मनी, गुलाब, चांदनी इत्यादि, 14 इंच वाले गमले में एरिका पाम, फिकस पांडा, एडेनियम, अपराजिता, करी पत्ता, भूटानी मल्लिका, स्टारलाईट फिकस, टेकोमा, अल्लामांडा, बोगनविलिया और 16 इंच वाले गमले में अमरूद, आम, निम्बू, चीकू, केला, एप्प्ल बेर, रबड़ पौधा, एकस मास, क्रोटन, मोरपंखी पौधा, उड़हुल इत्यादि पौधो को उगाने पर आवेदक को सब्सिडी दी जाएगी।
लाभ उठाने के लिए आवेदन कैसे करें
छत पर बागवानी योजना के अतंर्गत फार्मिंग बेड प्रति इकाई के लिए आवेदक को अपनी तरफ से 12500 रुपए खर्च करना होगा। वहीं, गमले की योजना के तहत 2500 रुपए प्रति इकाई आवेदक को अपने बैंक खाते में जमा करना होगा, इसके बाद ही अनुदान का लाभ दिया जाएगा। बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर छत पर बागवानी योजना के तहत अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उद्यान निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट के अंतर्गत संचालित इस योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही अपने क्षेत्र के जिला सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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