Marigold Flower Cultivation : पूजा- पाठ एवं शादियों सहित अन्य विशेष धार्मिक कार्यों में विभिन्न किस्मों के फूलों का इस्तेमाल खूब होता है, जिसके कारण मार्केट में इनकी मांग हमेशा रहती है। साथ ही उत्पादकों को फूलों की बिक्री के लिए कोई खास परेशानी नहीं उठानी पड़ती है तथा किसानों को भी इसके अच्छे दाम मिलते हैं। परिणामस्वरूप आज कई राज्यों के किसान गुलाब, गार्डेनिया, लैवेंडर और गेंदा आदि सुगंधित फूलों की खेती कर काफी बेहतर मुनाफा हासिल कर रहे हैं। साथ ही राज्य सरकारें फूलों की खेती करने के लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है। इस कड़ी में बिहार सरकार अपने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों खासकर फल और फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है।
किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाकर उन्हें उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए आर्थिक अनुदान भी प्रदान करती है। ऐसे में उत्तर बिहार के किसान गेंदा फूल की खेती (Marigold Farming) से अपनी आय बढ़ाकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। क्योंकि उद्यानिकी विभाग बिहार सरकार की ओर से 805 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा फूल की खेती लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
खुले फूल की खेती (गेंदा) लगाने के हेतु किसानों को प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार इसकी खेती के लिए 70 फीसदी या 28 हजार रुपए तक की बंपर सब्सिडी दे रही है। जिसके लिए गेंदा की खेती योजना के तहत किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक किसान भाई योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल पर फूल से संबंधित योजना के ऑप्शन पर क्लिंक कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। नियमानुसार योजना में ऑनलाइन आवेदन प्रोसेस प्रारंभ है।
गेंदा फूल की खेती (Marigold Farming) को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए एकीकृत बागवानी विकास (MIDH) मिशन की उपयोजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission) अंतर्गत गेंदा फूल की खेती योजना लागू की गई। इस योजना का लाभ राज्य के 23 जिलों में दिया जाएगा, जिनमें जमुई, कटिहार, खगड़िया, किसनगंज, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया तथा वैशाली जिले को शामिल किया गया है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, पहले समस्तीपुर जिले में बहुत कम मात्रा में गेंदा फूल की खेती (Marigold Farming) हो रही थी। इसको लेकर वर्ष 2023-24 के लिए केवल 6 हेक्टेयर पर खेती लगाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन विभाग की ओर से किसानों को जागरूक करने के पश्चात इसमें इजाफा हुआ है। जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार जिले में 180 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गेंदा की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए खुले फूल की खेती (गेंदा) योजना के तहत राज्य में 805 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में लक्ष्य के विरूद्ध ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है। इसमें अब तक 1272 आवेदकों ने योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत किया है। उद्यान विभाग की तरफ से किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं।
इच्छुक कृषक योजना में नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके बाद किसानों को अनुदानित दर पर गेंदा फूल के पौधे मुहैया कराये जाएंगे। सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 40 हजार रुपए पर लाभार्थियों को 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। यानी गेंदा की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर किसानों को 28 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। सब्सिडी राशि में से ही कृषकों को गेंदा के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक प्रशांत कुमार के अनुसार, अगर इच्छुक किसान योजना के तहत अनुदान का लाभ उठाना चाहते हैं, तो वे डीबीटी पोर्टल पर अपना पंजीयन कराकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदित किसानों को इस योजना में लाभ “पहले आओ-पहले पाओ” के आधार पर दिया जाएगा। एक कृषक अधिकतम 50 डिसमिल से एक हेक्टेयर तक के क्षेत्र में खेती लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना के नियमानुसार, कृषक को इसकी खेती करने के लिए सरकार की तरफ से 70 फीसदी तक का अनुदान लाभ मिलेगा। इच्छुक किसान योजना के बारे में अधिक जानकारी विभागीय वेबसाइट https : // horticulture . bihar . gov . in / Hort MIS/ Area Expansion Central Scheme / Online App Loose Flower Cultivation . aspx से हासिल कर सकते हैं।
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