भारत सरकार ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने एवं फसल स्वास्थ्य के उचित प्रबंधन के लिए फसल सुरक्षा समाधान के उद्देश्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को साल 2016 में शुरू किया था। केंद्र सरकार अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना का संचालन निरंतर रूप से कर रही है। एवं योजना के माध्यम से किसानों को किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसल के नुकसान का मुआवजा उपलब्ध कराती है। लेकिन बीते कई वर्ष से किसानों को बीमित फसलों के क्षतिपूर्ति के रूप में बीमा कवर नही मिल पा रहा है। जिस कारण देश के कई राज्य केंद्र सरकार की इस योजना से बाहर हो गए है। परंतु कई राज्य अभी भी इस योजना के तहत अपने-अपने राज्य में किसानों को फसल में क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कवर दे रही है। ऐसे में झारखंड सरकार ने राज्य में किसानों के हित में फैसला लेते हुए यह ऐलान किया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को 2017-18 से साल 2020 तक का लंबित भुगतान जल्द किया जाएगा। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को सात दिन के अंदर लंबित दावे 811 करोड़ रुपए की राशि उनके बैंक खातें में ट्रांसफर करने वाली है। ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से झारखंड सरकार द्वारा किसान हित में किए गए इस फैसले के बारे में जानते है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें किसानों को लंबित फसल बीमा राशि का भुगतना करने के लिए सरकार द्वारा कई अहम फैसले लिए गए। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने हिस्से का राज्यांश देने को तैयार हैं, परंतु पहले बीमा कंपनियां अपनी तरफ से शपथ पत्र दें। ऐसे में बीमा कंपनियों के द्वारा जैसे ही शपथ पत्र दिया जाएगा। वैसे ही प्रदेश सरकार अपने हिस्से का राज्यांश तुरंत रिलीज कर देगी। कृषि मंत्री ने कहा केंद्र सरकार की ओर से आई टीम ने साफ तौर से बीमा कंपनियों को शपथ पत्र देने के निर्देश दिए है।
झारखंड के कृषि मंत्री बादल कहा कि राज्य सरकार बीमा कंपनियों को साल 2015-16 से लगातार राज्यांश तो दे रही है पर बीमा कंपनियों से किसानों को उस हिसाब से उनका लाभ नहीं मिल रहा हैं। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के माध्यम से किसानों के लंबित दावे का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से PM Crop Insurance Scheme से जुड़ी इंश्योरेंस कंपनियों को राज्यांश की राशि देने की पहल की जाएंगी। राज्यांश और केंद्रांश की राशि मिलते ही बीमित किसानों को लंबित दावे की राशि का भुगतान अनके बैंक खाते में 7 दिनों के अंदर करेगी।
किसानों को लंबित फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा सके इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ झारखंड कृषि मंत्री बादल द्वारा बैठक की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रजिस्टर्ड झारखंड के जिन किसानों को साल 2017 से 2020 तक का बीमा क्लेम नहीं मिला है, उन्हें जल्द भुगतान सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियों को निर्देश दिए है। इस मामले में जैसे ही झारखंड सरकार अपना आंशिक भुगतान जारी करेगी तो इंश्योरेंस कंपनियां भी 7 दिन के अंदर लंबित दावे 811 करोड़ रुपए की राशि रिलीज कर देंगी। किसानों को भुगतान पोर्टल के माध्यम किया जाएगा। इस बीच जो कंपनियां लापरवाही करेंगी तो सरकार उन पर पैनल्टी भी लगा सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो कृषि मंत्री ने विश्वास दिलाया है कि केंद्रांश और राज्यांश की राशि मिलने के 7 दिनों के अंदर सभी प्रभावित किसानों को लंबित बीमा क्लैम का भुगतान उनके बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट्स की मानें तो झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने राज्य में किसानों से फसल बीमा कराने की अपील की गई है। उन्होंने कहा पीएम फसल बीमा योजना के तहत अभी तक जिन किसानों ने रबी सीजन फसलों का बीमा नहीं करवाया हैं। ऐसे सभी किसानों से उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि सभी किसान पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर जाकर अपनी फसलों का बीमा जल्द से जल्द करवा लें। उन्होंने बताया कि अधिसूचित गेहूं सिंचित और चना फसलों की बुवाई, असफल अंकुरण जोखिम और खड़ी फसल में होने वाले नुकसान जैसे सूखा शुष्क स्थिति, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, जलभराव, कीटों एवं रोगों से होने वाले नुकसान का मुआवजा के लिए ऋणी एवं अऋणी किसान अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं।
किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखा आदि या कीड़े रोगों से खराब हुई फसल से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार पीएम फसल बीमा योजना चला रही है। इस योजना के तहत बीमित फसलों का इन प्राकृतिक आपदा से किसी प्रकार भी फसलों को क्षति होती है, तो सरकार की तरफ से बीमित किसान को उसकी फसल में क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कवर दिया जाता है। पीएम फसल बीमा योजना में पंजीकृत किसानों को ही फसल नुकसान से सुरक्षा का लाभ दिया जाता हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को योजना तहत अपना नामांकन करना होता है। पीएम फसल बीमा योजना में प्रीमियम राशि खरीफ फसल का 2.5-3.5 फीसदी, रबी फसल का 1.5-2 फीसदी और बागवानी फसलों के लिए 05 प्रतिशत का रखा गया इस योजना में कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। बाकी किसानों ने स्वेच्छा से अपना बीमा करवाया है।
Ans. पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा में अपना नाम चेक करने के लिए आपको सबसे पहले योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाना होगा। यहां लिस्ट देखने के विकल्प को सिलेक्ट करें। इसके पश्चाता राज्य, जिला और ब्लॉक का चयन करें। इसके बाद सभी जानकारी भरे। सभी जानकारी भरने के बाद आपके सामने फसल योजना की लिस्ट आ जाएगी।
Ans. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग देने का प्रावधान किया है। जिसमें कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये, धान के लिए फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ है।
Ans. फसल स्वास्थ्य के उचित प्रबंधन के लिए फसल सुरक्षा समाधान को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से किसानों के फायदे के लिए चलाई जा रही बीमा योजना है। इसके तहत सरकार ने किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखा आदि या कीड़े रोगों से खराब हुई फसल का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है।
Ans. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आप स्वंय योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। इसके अलावा ग्राहक सेवा केंद्र या ईमित्र की सहायता से भी अपना आवेदन कर सकते हैं।
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