Search Tractors ...
search
ट्रैक्टर समाचार सरकारी योजना समाचार कृषि समाचार कृषि मशीनरी समाचार मौसम समाचार कृषि व्यापार समाचार सामाजिक समाचार सक्सेस स्टोरी समाचार

खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट, किसानों को एमएसपी पर हुआ लाभ

खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट, किसानों को एमएसपी पर हुआ लाभ
पोस्ट -10 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

अक्टूबर के महीने में खरीफ फसलों की कटाई और रबी सीजन फसलों की बुवाई के साथ खरीफ फसलों की बाजार में आवक शुरू हो जाती हैं। ऐसे में केंद्र एवं राज्य की सरकारें किसानों से खरीफ फसलों की एमएसपी पर सरकारी खरीद कर रही है। कई राज्य सरकारें एमएसपी पर सरकारी खरीद के लिए तैयारी शुरू कर रही है, तो कई राज्यों की सरकारें ने खरीफ फसलों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कर ली है। ऐसे में खरीफ सीजन की फसल धान, कपास और सोयाबीन उगाने वाले राज्यों में एमएसपी पर इन फसलों की सरकारी खरीद से किसानों को काफी लाभ हुआ है। जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु राज्य में सरकारें किसानों से एमएसपी पर खरीफ फसलों की सरकारी खरीद कर रही है। इन राज्यों में किसान मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इसकी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें अब तक किनती फसल राज्यों ने एमएसपी पर किसानों से खरीद की है और एमएसपी खरीद का कितना पैसा किसानों को मिल चुका हैं। इसका आकंड़े पेश किए है। 

New Holland Tractor

खरीफ फसलों की खरीद पर कुल 2356.30 करोड़ रुपए का खर्च 

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अभी खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद चल रही है। अब तक कितनी फसल राज्यों ने खरीदी है और एमएसपी पर कितना पैसा किसानों को मिल चुका है। इस पर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु में चल रहे खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 5 अक्टूबर तक कुल 1,16,761 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 2,356.30 करोड़ रुपये से लाभ हुआ है। किसानों से एमएसपी पर फसलों की सरकारी खरीद पर कुल 2356.30 करोड़ रूपए का खर्चा हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि वहीं वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में 1,72,898,89 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ 130.87 लाख किसान लाभान्वित हुए थे। 

खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 11.44 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि 5 अक्टूबर 2022-23 की खरीफ मार्केटिंग सीजन में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु राज्यों में अब तक कुल 11.44 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई है। वहीं मिनिस्ट्री ने अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 5 अक्टूबर तक 882 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। इसके अलावा, 24 मार्च से 5 अक्टूबर, 2022 के बीच लगभग 1,225 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न के 43,733 रैक लोड किए गए हैं। 

घट सकते हैं डीएपी और एनपीके खाद के दाम

मीडिया सुत्रों के रिपोर्ट के मुताबिक इस रबी सीजन किसानों को डीएपी एवं एनपीके खाद की पर्याप्त उपलब्धा देने के लिए देश में डीएपी एवं एनपीके उर्वरक बनाने वाली कंपनियां फॉस्फोरिक एसिड को 1,000-1,050 डॉलर प्रति टन के भाव पर आयात करने की योजना बना रही हैं। वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं की तरफ से यह तय कीमत के मुकाबले यह भाव करीब 40 प्रतिशत कम है। फॉस्फोरिक एसिड का इस्तेमाल डीएपी और अन्य एनपीके उर्वरकों के उत्पादन में एक अहम कच्चे माल के तौर पर किया जाता है। कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सस्ते दर पर आयात होने से कीमत में भी कमी आएगी। इससे बुवाई के समय किसानों को ये जरूरी खाद कम कीमतों में उपलब्ध होगी। 

फॉस्फोरिक एसिड की कीमतों में तेजी से गिरावट आई

सूत्रों के मुताबिक कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है डीएपी और अन्य एनपीके उर्वरकों के उत्पादन में उपयोग होने वाले अहम कच्चे माल फॉस्फोरिक एसिड की तय कीमत के मुकाबले तेजी से गिरावट आई है। पिछली तिमाही के अंत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में फॉस्फोरिक एसिड का भाव 1,715 डॉलर प्रति टन था। किन्तु सितंबर तिमाही में डीएपी और एनपीके उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी से गिरावट आई जिसके बाद फॉस्फोरिक एसिड के भाव में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है। फॉस्फोरिक एसिड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों का निर्धारण तिमाही आधार पर किया जाता है। सूत्रों का कहना है कि एक खाद कंपनी ने फॉस्फोरिक एसिड की एक खेप 1,200 डॉलर प्रति टन के भाव पर खरीदी है, लेकिन यह भाव अब भी ज्यादा है। उर्वरक मंत्रालय का भी मानना है कि इस तिमाही में फॉस्फोरिक एसिड का भाव 1,100 डॉलर प्रति टन से कम होना चाहिए। देश की अग्रणी खाद कंपनियां अगली तिमाही में 1,000-1,050 डॉलर प्रति टन के भाव पर इसकी खरीद करने की योजना बना रही हैं। 

किसानों को रबी सीजन में यूरिया की नही होगी कमी 

सूत्रों के मुताबिक देश में किसानों को रबी सीजन के समय आसानी से खाद व उर्वरक उपलब्ध हो सके। इसके लिए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना के तहत एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना लागू की गई है। केंद्र सरकार उर्वरक समस्या को दूर करने एवं कालाबाजारी रोकने के उद्देश्य से इस योजना पर काम कर रही है। सरकार का मानना है कि इस योजना के जरिये उर्वरक की चोरी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी। खाद की किल्लत दूर होगी, जिससे किसानों को रबी सीजन के लिए सरकारी सब्सिडी खाद आसानी से मिलेगी। खाद की कालाबाजारी और चोरी पर रोक से देश में पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक होगा और कीमतों में भी बढ़ोत्तरी नहीं होगी। सभी जगह खाद का एक रेट पर किसानों को मिलेगी।

ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह जॉन डीरे ट्रैक्टर व पॉवरट्रैक ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

Call Back Button

क्विक लिंक

लोकप्रिय ट्रैक्टर ब्रांड

सर्वाधिक खोजे गए ट्रैक्टर