मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल : धान की खेती नहीं करने पर सरकार से मिलेगा अनुदान, 30 जून तक कराएं पंजीकरण

पोस्ट -10 जून 2022 शेयर पोस्ट

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर ऐसे करें आवेदन

वर्तमान समय में किसानों के सामने कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की हैं, क्योंकि फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश के कई राज्य लगातार गिरते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं। इस बीच देश के लगभग सभी राज्यों में खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है। खरीफ फसलों की बुवाई के दौरान किसानों के सामने सिंचाई सबसे बड़ी समस्या के तौर पर उभरकर सामने आ रही हैं। खरीफ फसलों की सिंचाई समस्या से किसानों को राहत देने हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार की कई योजनाएं चला रही हैं। इसी क्रम में हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना को शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को धान की खेती छोड़ने पर अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ उन किसानों को दिया जा रहा है, जो धान की खेती छोेड़कर दूसरी फसलों की खेती करते हैं या धान की खेती में धान की सीधी बिजाई करते हैं। हरियाणा सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरूआत राज्य में लगातार गिरते हुए जलस्तर को ध्यान में रखते हुए किया हैं। 

आपकों बता दें कि राज्य सरकार की यह योजना राज्य में गिरते भू-जल स्तर को सुधारने में काफी हद तक लाभकारी सिद्ध होगी। मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को धान की खेती को छोड़ दूसरी फसलों पर सब्सिडी के लाभ के साथ कम परिश्रम में अधिक लाभ भी होगा। यदि आप भी सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अंतर्गत धान की खेती को छोड़कर दूसरी फसलों की खेती पर अनुदान का लाभ उठाना चाहते है, तो आपको योजना के तहत मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना आवेदन करना होगा। ट्रैक्टर गुरू की पोस्ट के माध्यम से हम आपको मेरी फसल मेरा ब्योरा ऑनलाइन आवेदन, पात्रता और लाभ की विस्तृत जानकारी देंगे। जिससे कि आप मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत इस पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर पाये। 

एक किलो चावल तैयार करने में खर्च होता है करीब 3,000 लीटर पानी 

हरियाणा सरकार ने राज्य में ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ को शुरू किया हुआ है। इस योजना के तहत उन किसानों को लाभ मिलता है, जो धान की खेती नहीं करते हैं या फिर धान की खेती करते भी है तो धान की सीधी बुवाई करते है। जानकारी के लिए बता दें कि देश के कई राज्य गिरते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं। इन राज्यों में पंजाब और हरियाणा दोनों का जल स्तर काफी तेजी से नीचे गिर रहा है। जिसका मुख्य कारण धान की खेती है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक एक किलो चावल तैयार करने में करीब 3,000 लीटर पानी लगता हैं। यही वजह है कि प्रदेश में धान की खेती करने की वजह से भू-जल स्तर कम हो रहा है। जो चिंता का विषय बना हुआ है। ये दोनों ही धान के प्रमुख उत्पादक राज्य भी हैं। इसलिए गिरता जल स्तर इनकी लीडरशिप के लिए चिंता का विषय हैं। यही वजह है कि सरकार किसानों को धान की खेती छोड़ने पर सब्सिडी मुहैया करा रही है। जी हां, हरियाणा सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ के तहत किसानों को धान की खेती को छोड़कर दूसरी फसलों की खेती करने पर सब्सिडी देती है। 

मेरा पानी मेरी विरात योजना के तहत धान की खेती छोड़ने पर अनुदान राशि

जैसा कि ऊपर आपको बता चुके हैं कि राज्य में गिरते भूजल स्तर समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की खेती नहीं करने वाले किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। कृषि विभाग किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से सात हजार रूपये मुहैया करवा रही हैं। मेरा पानी मेरी विरासत योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा धान की सीधी विधि से बुवाई करना भी। हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बुवाई करने पर 4,000 रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया हैं। धान की बुवाई परंपरागत तरीके के बजाए सीधी बुवाई पद्धति से की जाये तो 20 से 25 प्रतिशत तक पानी की बचत हो सकती हैं। हरियाणा राज्य में धान की खेती का कुल क्षेत्रफल करीब 13 लाख हेक्टेयर है। 

मेरा पानी मेरी विरासत योजना का उद्देश्य

जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में धान की खेती करने की वजह से भू-जल स्तर कम हो रहा है। प्रदेश सरकार ने इस समस्या से किसानों को राहत देने हेतु मेरा पानी मेरी विरासत योजना को शुरू किया। योजना को शुरू करने का उद्देश्य यह है कि राज्य के जिन क्षेत्रों में पानी की कमी होती है और वहां धान की खेती की जाती है उन सभी किसानों को धान की खेती के बजाय अन्य वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रेरित करना क्यूंकि धान की खेती करने के लिए बहुत सारा पानी का उपयोग किया जाता है जिससे पानी की समस्या राज्य के नागरिकों को झेलनी पड़ती है इसलिए जो किसान धान के बजाय अन्य खेती करते है उन्हें 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। योजना के माध्यम से राज्य के भू-जल स्तर में सुधार आयेगा। जल का संरक्षण और सदुपयोग होगा।

योजना से मिलने वाले लाभ एवं विषेशताएं

  • मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत राज्य के जो किसान धान की खेती की बजाय अन्य वैकल्पिक खेती करना चाहते है, तो वह भी इस योजना का आवेदन कर प्रोत्साहन राशि को प्राप्त सकते।

  • यदि कोई किसान मक्का या अन्य वैकल्पिक खेती करते है ,तो उन्हें कृषि उपकरण या अन्य कृषि यंत्र हेतु 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

  • ऑनलाइन माध्यम से योजना का आवेदन करने पर आवेदक के समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

  • योजना का लाभ उन किसानों को भी दिया जायेगा जो धना की खेती के बजाय मक्का, उरद, कपास, तिल, अरहर, सब्जियां आदि की खेती करते है या अपने खेतों को खाली रखेंगे।

  • वैकल्पिक सब्जियों का उत्पादन करके इन्हे मार्किट प्राइस पर बेच सकते है।

  • लाभार्थी किसानों को प्रति एकड़ के अनुसार 7 हजार रुपये की सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी।

प्रोत्साहन राशि हेतु मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर करना होगा आवेदन

हरियाणा सरकार धान की खेती छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है। इसके लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना को हरियाणा में शुरू किय था। जिसमें सरकार किसान को 7 हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी राशि प्रदान कर रही है। राज्य के जो किसान भाई इस योजना के लिए पात्र है और धान की खेती छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती पर अनुदान का लाभ लेना चाहते है, तो उनके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/  पर रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है। आवेदन की आखिरी तारीख 30 जून निर्धारित की गई है।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से लाभ 

  • किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा शुरू इस ऑनलाइन पोर्टल के पर किसाना रजिस्ट्रेशन करवा कर प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए फसल क्षति का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। 

  • किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता और समस्या निवारण के लिए एक अनूठा प्रयास है।

  • इस ऑनलाइन पोर्टल के तहत किसान भाइयों को विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।

  • खाद्य, बीज, ऋण एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध करवाना।

  • कृषि संबंधित जानकारियाँ समय पर उपलब्ध करना।

  • फसल की बिजाई-कटाई का समय और मंडी संबंधित जानकारी प्राप्त करना।

  • मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानो को वह सभी सरकारी सेवाओं तथा योजनाओ के बारे में जानकारी मिलेगी, जो हरियाणा सरकार ने उनके लिए जारी की है।

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