भारत सरकार द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत देश के धोबी, कुम्हार, नाई, मूर्तिकार, शिल्पकार, लोहार सहित ऐसा कोई भी कारीगर जो हाथों और औजारों के कौशल के जरिए काम/स्वरोजगार करता है। ऐसे लोगों को योजना के तहत लोन और ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाएगी। आईये पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के बारे में जानें।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को मिली मंजूरी, अब देश के कामगारों को मिलेगी पहचान
Pradhan Mantri Vishwakarma Kaushal Samman Yojana : देश के हाथ के कारीगरों एवं शिल्पकारों को अलग पहचान दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने पीएम “विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना” (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) की शुरुआत की है। इसके तहत देश के कारीगरों, शिल्पकारों सहित धोबी, कुम्हार, मूर्तिकार और हाथ के कारीगर जो अपने हाथों और औजारों के कौशल के जरिए कमाई करते हैं। उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने एवं उनके कार्य को पहचान दिलाने के लिए सस्ता ऋण, ट्रेनिंग और कार्यों को पूरा करने के लिए कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। बता दें कि भारत सरकार देश के छोटे-मोटे खुदरा कारोबारी, नाई, जूता पोलिश, पान बेचने वाला, सड़क के किनारे या रेहड़ी-पटरी पर फल बेचने वाले, स्ट्रीट वेंडर, कपडे धोने वाले, हाथों और औजारों से काम करने वाले, छोटे कारीगर और खोमचे वाले व्यवसायियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वनिधि जैसी कई सारी योजनाओं के अंतर्गत लोन के रूप में वित्तीय सुविधा (financial facility) उपलब्ध करवाती है।
क्या है पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना
भारत सरकार देश में गरीब तबके के लोगों के लिए प्रधानमंत्री विश्वककर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana) लागू करने जा रही है। यह योजना खासतौर पर हाथ के कामगारों और शिल्पकारों के लिए शुरू की जा रही है। देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पीएम विश्वकर्मा योजना का जिक्र किया था। 16 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) की बैठक में इस योजना को मंजूरी भी दे दी गई। इस योजना से देश के 30 लाख कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मात्र 5 फीसदी के ब्याज दर पर 1 लाख रुपए तक का लोन और कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा।
विश्वकर्मा पूजा के दिन शुरू होगी योजना
विश्वकर्मा योजना की घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (central Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट 2023 में की थी। भारत सरकार द्वारा पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास योजना 17 सितबंर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के दिन शुरू की जाएगी। इस बात की जानकारी कैबिनेट समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दी है। केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme) में उन लोगों की सहायता की जाएगी, जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के कारीगरों, शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल व अभ्यास को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि हाथों और औजारों से कारीगरी का काम करने वाले कारीगर देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अहम है। इनके काम को आगे बढ़ाने और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से सरकार ने इस योजना को मंजूरी दी है।
इन कारीगरों को दिया जाएगा का लाभ
पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास योजना (PM Vishwakarma Scheme) का लाभ देश के 30 लाख कारीगरों को मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत नाई, बढ़ई, सुनार, मूर्तिकार, लोहार, कुम्हार और धोबी जैसे पारंपरिक कारीगरों को लाभ दिया जाएगा, जो हाथ और औजारों से कारीगरी का काम करते हैं। इस योजना के तहत सरकार 1 लाख रुपए का सस्ता लोन (Loan) देगी। वहीं कारीगरों और शिल्पकारों का कौशल विकास (Skill Development) करने के लिए सरकार उन्हें प्रशिक्षण (Training) की सुविधा भी मुहैया कराएगी। इसमें बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग शामिल होंगी। ट्रेनिंग के दौरान सफल अभ्यार्थियों को सरकार स्टाइपेंड के तौर पर प्रतिदिन 500 रुपए की सहायता राशि भी प्रदान करेगी। उम्मीदवारों को यह सहायता केवल प्रशिक्षण पीरियड के दौरान दी जाएगी। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना पर वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक करीब 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना में कैसे मिलेगा लाभ
पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के अंतर्गत बढ़ई, कुम्हार, सोनार, मूर्तिकार, कुम्हार और लोहार समेत वे सब लोग जो कारीगरी का काम करते हैं, ऐसे सभी शिल्पकारों एवं कारीगरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड जारी किया जाएगा। जिसका मकसद कारीगरों और शिल्पकारों के काम को देश में अलग पहचान दिलाना है। इस आईडी कार्ड और प्रमाणपत्र के जरिए देश के कारीगरों एवं शिल्पकारों को अपनी अलग पहचान बनाने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत देश के कारीगरों के कौशल को बढ़ाने के लिए इसेंटिव तथा मार्केटिंग में मदद भी करेगी। सरकार इस योजना के तहत पहले चरण में केवल 5 फीसदी ब्याज दर पर कारीगरों और शिल्पकारों को 1 लाख रुपए तक लोन मुहैया कराएगी। कारीगरों को एक बार में केवल 1 लाख रुपए की राशि का ही लोन मिल सकेगा।
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